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31 July 2014
पुणे मे भूस्खलन से मरने वालो की संख्या 30 तक पहुंची
पुणे : महाराष्ट्र में पुणे शहर से 73 किलोमीटर दूर तीर्थ स्थल भीमा शंकर के समीप मालिण गांव में बुधवार सुबह तेज बारिश के कारण हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 30 हो गई. 200 लोगों के करीब मलबे में दबे होने की आशंका है. राष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा बचाव दल एनडीआरएफ के 300 जवानों की चार टीम स्थानीय शिवसेना कार्यकर्ता के साथ राहत कार्य में जुटी हुई हैं.
गांव से कुछ दूरी पर महाराष्ट्र परिवाहन निगम की एक बस आती है. आज सुबह 8 बजे के आसपास बस का ड्राइवर प्रताप काले बस लेकर गांव पहुंचा तो उसने देखा की पूरा गांव चट्टान के मलबे से दबा पड़ा है. ड्राइवर ने तुरंत बस डिपो से संपर्क किया और यह स्थानीय पुलिस स्टेशन को घटना की जानकारी दी. गांव में नहीं है फोन, यातायात की सुविधां अतिदुर्गम इलाके में होने की वजह से यहां पर मोबाइल की रेंज नहीं है. गांव तक पहुंचने के लिए न तो सड़क है और न ही यातायात की कोई सुविधा. प्रशासन ने गांव में जाने के लिए अस्थाई कच्ची सड़क का निर्माण किया है.
मालिण गांव सहयाद्री पर्वत श्रंखला की तलहटी में बसा था. 800 लोग रहते हैं. मालिण गांव ऎतिहासिक तीर्थ स्थल भीमाशंकर जो कि 12 ज्योतिर्लिंगों मे से एक है के पास बसा है. भारी बारिश के कारण पानी के तेज बहाव के साथ भारी मात्रा में मिट्टी और पत्थर बहकर आने से सभी 40 मकान मलबे में दब गए. हादसे में कई लोग जिंदा दफन हो गए और उन्हें जान बचाने का भी मौका नहीं मिला.
70 एंबुलेंस डाक्टरों के साथ घटना स्थल पर पहुंच गए हैं. ताकि घायलों को स्वास्थ्य सेवाएं दी जा सके. बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. नई आधुनिक मशीनों से बचाव कार्य किया जा रहा है लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण इसमें बाधा आ रही है. गांववालों को लगा मानो कोई भूचाल आया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री घटना पर नजर रखे हुए हैं. दिल्ली से गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी पुणे के लिए रवाना हुए. गांव के बीचो-बीच बना मंदिर भी इस हादसे की भेट चढ़ गया है.
जिला कलेक्टर सौरव राव के अनुसार, दुर्गम इलाका होने के बावजूद राहत और बचाव कार्य रात में भी जारी रहेगा. जमीन खोदने वाले सरकारी और निजी उपकरण काम में लगाए गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि संवाद में परेशानियों और बारिश के कारण अभियान प्रभावित हो रहे हैं. अगले 24 घंटों भी होगी भीषण बरसात.