Menu

News of Madhya Pradesh India

Hindi news portal of Bhopal. read regular, fresh news of Bhopal, Indore, Gwalior, Jabalpur. whole state news reporting with Bhopal samachar portal. Epaper Bhopal consultancy welcomes readers.

5 september 2014

शिक्षक दिवस पर देशभर मे कार्यक्रम आयोजित

सर्वपल्ली राधाकृष्णन

भोपाल: शिक्षक दिवस आज शिष्यों ने याद किया अपने अपने शिक्षकों और गुरुजनों को. शिक्षक दिवस पर गूगल डूडल ने दी शुभकामनाएं बनाया रंग-बिरंगे अंदाज में डूडल. 'google' डूडल ने अपने प्रत्येक शब्द मे अलग आकृति उभारी.

5 सितंबर यानी शिक्षक दिवस. जो एक महान शिक्षक के साथ-साथ राजनीतिज्ञ एवं दार्शनिक भी थे. उस महान व्यक्तित्व को पूरी दुनिया डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नाम से जानती है. शिक्षक के रूप में उनकी प्रसिद्धि के कारण ही उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. राधाकृष्णन एक कर्त्वनिष्ट व्यक्तित्व थे. उन्होंने अपने जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया था. सन 1962 से 5 सितंबर का दिन हर साल टीचर्स डे के रूप मे मनाया जाता है.

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर सन् 1888 को दक्षिण भारत में चेन्नई से 40 मील उत्तर-पूर्व में तिरूतनी नामक स्थान पर हुआ था. इनका बालपन तिरूतनी और तिरूपती जैसे धार्मिक स्थानों पर बीता. वे आर्थिक रूप से बहुत कमजोर परिवार से थे. यहां तक कि परिवार का भरण-पोषण करना भी कठिन था. लेकिन अपने बच्चे की प्रतिभा को देखकर राधाकृष्णन के पिता ने उन्हें पढ़ाने के लिए प्रयास किया. राधाकृष्णन की आरंभिक शिक्षा तिरूवल्लुर के गौड़ी स्कूल और तिरूपति मिशन स्कूल में हुई थी. इसके बाद में मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से उन्होंने पढाई पूरी की. उन्होंने कला में स्नातक तथा परास्नातक की उपाधि मद्रास विश्वविद्यालय से प्राप्त की.

विदेशो मे टीचर्स डे हर साल अलग अलग तारीखों को मनाया जाता है. डॉक्टर राधाकृष्णन भारत के पहले उप राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे. वह धार्मिक और फिलोसॉफिकल के एक महान टीचर थे. इनकी उपलब्धियों और समाज सेवा के लिए ही उन्हें वर्ष 1954 में भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से पुरष्कृत किया गया.

शिक्षक दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के मानिकशॉ ऑडिटोरियम से देश के सभी स्कूलों के बच्चों को लाइव संबोधित करेंगे. संबोधन दोपहर 3 बजे से दूरदर्शन पर लाइव दिखाया जाएगा. इसे लेकर कई जगह विवाद भी हो रहा है. पीएम मोदी ने गुरुवार को शिक्षक दिवस से एक दिन पहले देश भर से आए 350 शिक्षकों को कुछ मंत्र दिए. उन्होंने कहा, ‘वे सिर्फ पढ़ाएं नहीं बल्कि बच्चों को सिखाएं यानी जो पढ़ाएं वह प्रैक्टिकल होना चाहिए ताकि बच्चे उसे समझ सकें’. शिक्षक दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षकों को ई-मेल भेजकर संदेश और शुभकामनाएं दी. शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी विज्ञान भवन में शिक्षको को सम्मानित करेंगे.

प्राचीन काल मे शिक्षा गुरू प्रदान करते थे. स्कूलों की जगह गुरूकुल हुआ करते थे. गुरू को भगवान का दर्जा दिया जाता था. 'गुरू' शब्द दो अक्षरों से मिलकर बना है. 'गु' का अर्थ है 'अंधकार' और 'रू' का अर्थ है 'प्रकाश' अर्थात गुरू का शाब्दिक अर्थ हुआ 'अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला मार्गदर्शक'. सही अर्थो मे गुरू वही है जो अपने शिष्यों का मार्गदर्शन करे. शिष्य को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे. गुरू उसको कहते हैं जो वेद-शास्त्रों का गायन(उपदेश) करता है.

प्राचीन काल मे कई महान गुरू हो चुके है उनके द्वारा प्रदान की गई शिक्षा को आज भी याद किया जाता है. गुरू परशुराम, वशिष्ठ, सांदीपनि, द्रोणाचार्य, चाणक्य, शंकराचार्य, रामानन्दाचार्य आदि.

Retrieved from (websites).

comments powered by Disqus