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09 December 2018

विहिप ने रामलला मंदिर के लिए धर्म सभा की आयोजित

विहिप धर्म सभा दिल्ली

नई दिल्ली: अयोध्या के बाद अब दिल्ली में राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद ने रामलीला मैदान में विशाल धर्मसभा का आयोजन किया. धर्मसभा में देशभर के साधू-संत एकत्रित हुए. सभा में करीब पांच लाख लोग जुटने का दावा किया गया है. सभी की एक ही मांग और पुकार थी. अयोध्या में जल्द से जल्द राम लला का भव्य मंदिर निर्माण हो. रामलीला मैदान में बनाए गए विशेष मंच पर वीएचपी के बड़े पदाधिकारियों के साथ कई साधू-संत मौजूद रहे. रामभक्तों की सुविधा के लिए सभा स्थल व आस-पास लगभग दो-तीन किलोमीटर तक दर्जन भर से अधिक बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं. रामलीला मैदान पर 50 हजार कुर्सियां लगाई गई. ट्राफिक डाइवर्ट किया गया.

विहिप धर्मसभा राममंदिर निर्माण दिल्ली

राम मंदिर के समर्थन में लोग भगवा रंग में रंगे दिख रहे हैं. यहां लोग तरह-तरह के वेश बनाकर पहुंचे हैं. किसी ने हनुमान जी का रूप धारण किया है तो कोई भगवान राम का नाम जपने में जुटा है. पूरे रामलीला मैदान का रंग ही बदल चुका है. रामलीला मैदान में राम भक्तों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं. इसके लिए 5,000 पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बल की 10 कंपनियों को तैनात किया गया. सरकार पर शीतकालीन सत्र में विधेयक लाने का दबाव बनाया गया. सरकार ने साफ़ किया अयोध्या पर कोई भी निर्णय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही होगा.

ट्रैफिक को लेकर पुलिस ने एहतियात बरतते हुए पुख्ता इंतजामात किए. रामलीला मैदान में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए. सीसीटीवी कैमरे लगाए गये हैं. रामलीला मैदान में जुटी भीड़ ने गेट तोड़ दिया था.

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर राम जन्मभूमि को तीन हिस्सों में बांटा गया है, जिसमें एक हिस्सा निर्मोही अखाड़े को दिया गया है. हमें तीन टुकड़े नहीं, पूरा स्थान चाहिए. हम एक इंच जमीन नहीं देंगे. हमें ऐसा कानून चाहिए, जिसमें भगवान राम की जन्मभूमि व लीला भूमि हिंदूओं को प्राप्त हो. हमें बंटवारा स्वीकार नहीं है.

भैय्याजी जोशी बोले- सत्ता में बैठे लोग जनभावनाओं का सम्मान करे, हम भीख नहीं मांग रहे. सत्तारूढ़ सरकार को अपना सकंल्प याद कराया. अयोध्या में ही मंदिर बनेगा और मंदिर बनाने की घोषणा उन्हीं लोगों ने करी है जो आज सत्ता में बैठे हैं. अब इस संकल्प को पूरा करने का समय आ गया है. न्यायालय के प्रति अविश्वास का भाव ना जागे. इसलिए इसके पक्ष में फ़ैसला सुनाया जाए. न्यायालय की प्रतिष्ठा बनी रहनी चाहिए. जिस देश में न्यायालय में विश्वास घटता है, उसका उत्थान होना असंभव है. इसलिए न्यायालय को भावनाओं का सम्मान करना चाहिए. देश पर हमला करने वालों के निशान मिटने चाहिए. 1992 में काम अधूरा रह गया था. ढांचा गिरा पर मंदिर नहीं बना.

साध्वी ऋतम्भरा ने कहा राम की बात करने वाले ठाठ में आ गए पर राम मंदिर अब तक नहीं बना. राम की बहुत बड़ी प्रतिमा बनाओ या अयोध्या को दीयों से जगमगाओ लेकिन जब तक राम मंदिर नहीं बनता तब तक चैन नहीं.

धर्मसभा को साध्वी ऋतंभरा, महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, जगतगुरु हंसदेवाचार्य महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज, आरएसएस के सुरेश(भैय्याजी) जोशी, आलोक कुमार और बीएस कोकजे ने संबोधित किया.

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