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5 August 2015
दोहरे ट्रेन हादसे में 31 लोगों की मौत
हरदा/भोपाल: मंगलवार देर रात दो रेलगाड़ियां की कुछ बोगियां पटरी से उतरने के बाद काली माचक नदी में गिर गईं, जिसमें 31 यात्रियों की मौत हो गई. दर्जनों यात्री घायल हो गए. दुर्घटना में मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है. बीती रात के हुए इस दोहरे ट्रेन हादसे में मरने वालों की विरोधाभासी संख्या बताई जा रही है. मुंबई से वाराणसी जा रही कामायनी एक्सप्रेस के 10 डिब्बे और राजेंद्र नगर(पटना) से मुंबई जा रही जनता एक्सप्रेस का इंजन और 7 डिब्बे कल रात 11 से 11:30 के बीच खिरकिया और भिरंगी स्टेशनों के बीच स्थित नदी के पुल पर अप और डाउन ट्रैक पर पटरी से उतर गए. हादसा 10 मिनट के अंतराल पर हुआ. हादसा माचक नदी पर बने पुल पर ऊपर पानी भरने से हुआ. इन रेलगाडियों के पहुंचते ही अचानक पटरी धंस गई, पटरियों के नीचे की सामग्री बह गई. हादसा भोपाल से करीब 160 किलोमीटर दूर खंडवा-इटारसी खंड में हुआ.
अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना से मात्र आठ मिनट पूर्व दो ट्रेनें इस प्रखंड से गुजरी थीं और उनके चालकों को किसी प्रकार की समस्या का पता नहीं चला. दुर्घटना की वजह से इस रूट की एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनें कैंसल और तीन दर्जन से ज्यादा ट्रेनों का रूट बदला गया है. हादसे के कारण मुंबई आने-जाने वाली सभी ट्रेन 8-10 घंटे विलंब से चल रही हैं. हादसे के कारण 50 से अधिक ट्रेनों की सेवाएं बाधित हुईं तथा कई की उनके गंतव्य से पहले यात्रा समाप्त कर दी गई. दोनों ट्रेन पहली 11071(मुम्बई-वाराणसी) कामायनी एक्सप्रेस और दूसरी 13201 जनता एक्सप्रेस(राजेंद्रनगर-कुर्ला) ठीक उसी जगह हादसे का शिकार हुई.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुख्य सचिव एंटोनी डिसा रात्रि से ही हरदा जिला प्रशासन के संपर्क में हैं और उन्होंने इस स्थिति से निपटने के संबंध में प्रशासन को आवश्यक निर्देश भी दिए. सूत्रों ने कहा कि देर रात हादसे में घायलों को बचाने के लिए 91 सदस्यीय दल हरदा रवाना किया गया था. इसमें गोताखोर भी शामिल हैं. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
इस बीच रेलवे सूत्रों के अनुसार हादसे के कारण भोपाल इटारसी और अन्य स्टेशनों पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं. रेलवे का अमला भी राहत और बचाव कार्य में लगा हुआ है.
रेल मंत्रालय ने मृतकों के परिजन के लिए दो-दो लाख, घायलों को पचास हज़ार रूपए की अनुग्रह राशि की घोषणा की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्घटनाओं में लोगों की मौत पर दु:ख और पीड़ा जाहिर की है. राज्य सरकार ने कहा कि दोनों ट्रेनों के 21 डिब्बे पटरी से उतरे, लेकिन डीआरएम ने बताया कि जनता एक्सप्रेस के 7 डिब्बे एवं इंजन और कामायनी एक्सप्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए.
ट्रेन दुर्घटना के बाद राजनीति भी शुरू हो गई कांग्रेस ने कहा कि यह साफ तौर पर लापरवाही से हुआ हादसा है. दिग्विजय सिंह ने हरदा हादसे पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कई ट्वीट किए और सुरेश प्रभु के इस्तीफे की मांग की. दूसरी तरफ, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, प्रार्थना करता हूं कि हादसे में घायल हुए यात्री जल्द स्वस्थ हो जाएं.
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा, राज्य सरकार हरसंभव सहायता उपलब्ध करा रही है. विभिन्न शहरों से मेडिकल टीमें घटना स्थल भेजी गई हैं. मुख्यमंत्री ने रेल दुर्घटना को गंभीरता से लेते हुए अपना आज का उज्जैन दौरा रद्द कर दिया. राहत एवं बचाव कार्य से संबंधित सभी विभागों के मंत्रियों की अपने सरकारी निवास पर आपात बैठक ली. मुख्यमंत्री खुद वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार, राज्य शासन के मुख्य सचिव एंटोनी डिसा और पुलिस महानिदेशक सुरेन्द्र सिंह के साथ दुर्घटनास्थल लिए रवाना हुए. सीएम चौहान ने बताया कि जहां हादसा हुआ है, वहां से 5 किमी दूर तक लोगों के शव मिले हैं. रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि इसे प्राकृतिक आपदा बताया है. रेलवे के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि रेलवे द्वारा मॉनसून के दौरान जिन असुरक्षित संभागों की पहचान की गई थी उसमें हादसे वाली 500 मीटर की रेल पटरी शामिल नहीं थी.
हेल्पलाइन नंबर-
हरदा: 9752460088 और 0780-2222052
इटारसी: 0757-22411920
भोपाल: 0755-4001609 और 09752460088
बीना: 0758-0222580
पटना रेलवे स्टेशन: 06122206967
वाराणसी: 0542-2504221
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस-022-22694040
लोकमान्य तिलक टर्मिनस- 022-25280005
ठाणे-022-25334840
कल्याण-0251-2311499
हरदा रेल हादसे में मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के ग्राम उमरा के एक ही परिवार के 9 लोगों की मौत हो गई. बाथरे परिवार के सात लोग और उनके दो रिश्तेदार जनता एक्सप्रेस से शिर्डी दर्शन के लिए जा रहे थे.