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10 August 2015
उर्दू भाषा में हनुमान चालीसा
जौनपुर(उप्र): मुस्लिम युवक मोहम्मद आबिद अलवी ने 'हनुमान चालीसा' का ऊर्दू अनुवाद किया है. आबिद ने हनुमान चालीसा का उर्दु में अनुवाद कर गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल कायम की है. हनुमान चालीसा में मर्यादा पुरषोत्तम भगवान राम के अनन्य भक्त मारुती नन्दन की स्तुति रहती है इसी का उन्होंने उर्दू पद्य में भावानुवाद किया गया है. आबिद ने चालीसा का अनुवाद 'मुसद्दस' शैली में किया है. जैसे चौपायी में चार लाइनें होती हैं, वैसे ही मुसद्दस में छह पंक्तियों के तीन शेर होते हैं. इसका उर्दू भावानुवाद 15 बंद में लिखा गया है. यही नहीं, वो अपने समुदाय के लोगों को इसे पढ़ने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं. यूपी के जौनपुर के कोतवाली इलाके के रहने वाले आबिद परास्नातक है.
आबिद ने बताया कि उन्हें हनुमान चालीसा का उर्दू में अनुवाद करने की प्रेरणा शिव नगरी काशी में मिली. उसके मन में यह विचार वाराणसी दौरे के दौरान आया. जहां कुछ विदेशी सैलानी लोगों से हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए कह रहे थे. एक दिन वे दशाश्वमेध घाट पर बैठे हुए थे. वहां दीवार पर लिखी हुई हनुमान चालीसा की पंक्तियों को कुछ विदेशी पर्यटक बड़े गौर से देख रहे थे, लेकिन उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. कुछ देर बाद उन्होंने एक लड़के को अपने पास बुलाया. वो ज्यादा इंग्लिश नहीं जानता था. इसके बावजूद उसने इंग्लिश में उन्हें थोड़ा बहुत समझाने की कोशिश की. विदेशी पर्यटकों को भले ही उसकी बात ज्यादा समझ में नहीं आई, लेकिन महाबली हनुमान के बारे में थोड़ा बहुत ही जानकर वो काफी खुश नजर आए. यहीं से आबिद को लगा कि जब विदेशी भारत में आकर यहां हर धर्म के बारे में जानने की कोशिश करते हैं, तो फिर यहीं के लोग क्यों एक-दूसरे के धर्म, सभ्यता और संस्कृति से अंजान हैं. उन्होंने फौरन बाजार से हनुमान चालीसा खरीदी और उर्दू में उसका अनुवाद किया.
आबिद का कहना है कि वह हमेशा से चाहता था कि दोनों समुदाय के लोग एक दूसरे की परंपराओं और संस्कृति से वाकिफ हों. इसके पीछे आबिद की सोच अलग-अलग धर्मों के बारे में आम लोगों को करीब से समझाना है, ताकि लोगों के बीच प्यार और भाईचारा बढ़ सके. उनकी ये पहल तभी कामयाब होगी, जब दोनों धर्मों के लोगों के बीच प्यार और अपनापन बढ़ेगा. नफरत और बदले की भावना को खत्म करना ही उनकी इस कोशिश का मकसद है. इससे हमारा भाईचारा और मजबूत होगा. अल्वी ने कहा कि 'मेरे अम्मी-अब्बा मुझे कुरान शरीफ पढ़ने के दौरान उसका अनुवाद भी पढ़कर सुनाते थे. मैं कहता हूं कि कुरान किसी भी तरह का भेदभाव नहीं सिखाता'.
आबिद ने बताया कि हनुमान चालीसा के बाद अब वह शिव चालीसा को उर्दू में अनूदित करने की तैयारी में है. उन्होंने कहा कि उन्हें हनुमान चालीसा का भावान्तरण करने में अपने परिवार तथा दोस्तों का खासा सहयोग मिला.
पिछले साल मशहूर शायर अनवर जलालपुरी ने महाभारत का उर्दू अनुवाद किया था. गीता का उर्दू में अनुवाद किया था. अब हनुमान चालीसा को भी ऊर्दू में पढ़ा जा सकेगा. जलालपुरी ने पिछले साल श्रीमद्भगवद्गीता के 700 श्लोकों को 1700 अशआर में ढाला था.