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4 August 2015

रतनगढ़ मंदिर घंटा देश का सबसे वजनी घंटा

रतनगढ़ मंदिर वजनी घंटा

दतिया: जिले के सेवढा अनुविभाग में स्थित प्रसिद्ध रतनगढ़ माता मंदिर में देश का सबसे वजनी घंटा लगभग दो टन का जल्द ही लगेगा. यह वजनदार विशाल घंटा मंदिर पहुंच चूका है. मंदिर में इसे लटकाने की तैयारियां जोरो पर चल रही हैं. प्रशासन शारदेय नवरात्र से पहले मंदिर पर घंटा लगाने का प्रयास कर रहा है. जल्द ही शुभ मुहूर्त में यह घण्टा रतनगढ़ माता मंदिर में विधि विधान के साथ स्थापित किया जायेगा. ऊंची पहाड़ी पर स्थित मां रतनगढ़ देवी के मंदिर पर यह घंटा इस तरह से लगाया जाएगा, कि मंदिर के मुख्य द्वार के साथ-साथ श्रद्धालुओं को दूर से भी नजर आए. प्रशासन ने इसके लिए मंदिर के पास बनी पुलिस चौकी भी तुड़वा दी है. हालांकि अभी घंटा लटकाने के लिए जगह नहीं चुनी गई है. राजस्थान के कारीगर इस प्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक रतनगढ़ माता मंदिर का कायाकल्प कर रहे है. इस मंदिर का करीब सवा करोड़ रुपए की लागत से कायाकल्प किया जा रहा है. मंदिर बनाने में एक्सपर्ट जयपुर के कारीगर निर्माण कार्य में जुटे हैं.

माता मंदिर पर मन्नत मांगने वाले श्रद्धालु घंटा चढ़ाते हैं. पिछले वर्षों में मंदिर पर चढ़ाए गए छोटे-छोटे घंटों को मिलाकर प्रशासन ने एक विशाल घंटा तैयार कराया है. मालूम हो इस घण्टे का निर्माण श्रृद्धालुओं की भावनाओं को ध्यान में रखकर संभाग आयुक्त खरे की पहल पर किया जा रहा है. इस घंटे के निर्माण में खास बात यह रही कि इसमें इन श्रद्धालुओं, भक्तजनों का अंश व आस्थायें शामिल की गई हैं, जो इस मंदिर में पहले छोटे-छोटे घंटे चढ़ा कर गये हैं. खरे ने बताया कि रतनगढ़ माता मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में घंटे जमा हो गये थे उन्ही घंटों से इस विशाल घंटे को तैयार कराया गया है. ट्रस्ट के सदस्यों एवं वास्तुविदों की सहमति से इस खाली स्थान पर श्रद्धालुओं की भावनाओं के अनुरूप घंटा स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. मंदिर पर स्थापित होने के बाद यह घंटा सैलानियों को आकर्षित कर पर्यटन को बढ़ावा देगा.

इस विशाल घंटे का वजन 1800 किलोग्राम है. इसे ग्वालियर के प्रख्यात मूर्तिकार प्रभात राय ने तैयार किया है. यह घंटा देश का सबसे अधिक वजनी पीतल का घंटा है. इसकी ऊंचाई छह फीट तीन इंच है. सबसे नीचे गोलाई का व्यास 13 फीट पांच इंच है. जबकि सबसे ऊपर का व्यास 1 फीट 9 इंच है. घंटा टांगने के लिए हुक की गोलाई 1 फीट 8 इंच है. इस घंटे में एक ओर त्रिशूल और दूसरी ओर नंदी के सींग दर्शाए गए हैं. इसमें 18 स्वास्तिक और 18 ओम चिह्नित किए गए हैं. पूरे घंटे में ऊपर से लेकर नीचे तक नौ रिंग लगाए गए हैं. साथ ही 9 देवियों के 9 अंकों को ऊँचाई-गोलाई, ऊँ, स्वास्तिक, प्राचीनकाल से चले आ रहे माता मंदिर के शिल्प को दर्शाते चारों दिशाओं के शेर, त्रिशूल, बैल के सींग आदि पवित्र चिन्हों की कारीगरी देखते ही बनती है. मीठी धुन निकलने के लिए मूर्तिकार प्रभात राय ने अत्यंत मँहगी धातु टिन घण्टे में इस्तेमाल की है. उन्होंने बताया कि घण्टे में 82 प्रतिशत वेलमेटल इस्तेमाल हुई है, जिसमें 60 प्रतिशत तांबा और 32 प्रतिशत जस्ता, शीशा व रांगा शामिल है. इसके अलावा 18 प्रतिशत टिन का इस्तेमाल हुआ है.

सेंवढ़ा एसडीएम डीआर कुर्रे के मुताबिक प्रशासन का प्रयास है कि शारदेय नवरात्र से पहले मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया जाए. इसकी पूरी तैयारी की जा रही है. रतनगढ़ माता मंदिर पर देश का सबसे वजनी पीतल का घंटा प्रदेश के मुख्यमंत्री जल्द चढ़ाएंगे, घंटा बनकर तैयार है, सीएम का कार्यक्रम तय कराने की प्रक्रिया की जा रही है- प्रकाश जांगरे, कलेक्टर. मंदिर समिति ने यह भी तय किया कि घंटा ऐसा लगाया जाए जो देशभर में प्रसिद्धि पाए. संभाग आयुक्त के के खरे ने आज आईटी पार्क के समीप स्थित प्रभात राय के स्टूडियो में पहुँचकर घण्टे का जायजा लिया.

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