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22 August 2015

सफल पैरा ट्रूपर बने एमएस धौनी

धौनी दूसरी पैराशूट जंप

आगरा: सेना के ऑनरेरी लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह धौनी गुरुवार को एक बार फिर आगरा में आसमान से कूदे. दूसरी छलांग 55 सेकेंड में पूरी कर ली. पैराशूट बांधकर कूदे धौनी ने निश्चित दूरी पर पैराशूट खोला और सफलता से जमीन पर उतर गए. दूसरी छलांग के समय हवा 4 से 5 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही थी. इससे पहले बुधवार को उन्होंने पहली बार 1250 फुट की ऊंचाई से छह साथियों के साथ छलांग लगाई थी. धौनी ने पैराजम्पिंग में हाथ आजमाते हुए एएन-32 विमान से 1250 फुट की ऊंचाई से पहली छलांग लगाईं थी, उन्हें आसमान से जमीन तक आने में करीब 70 सेकेंड का समय लगा था. धौनी के पीछे एक-एक कर पांच और जंपरों ने भी छलांग लगायी थी. धौनी से पहले भी एक-एक कर दो जंपर कूदे जिन्होंने हवा के दबाव की जांच की. भारतीय सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह धौनी आगरा के मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में पैरा ट्रेनिंग स्कूल(पीटीएस) में प्रशिक्षण ले रहे है.

धौनी के सफल पैराजंपिग प्रशिक्षण के बाद शनिवार को समारोह में पैराजंपर उपाधि से सम्मानित किया गया. धौनी की एक झलक पाने के लिए आस-पास के गांव से लोगों की भीड़ जुट गई थी. महेंद्र सिंह छह अगस्त से आगरा के पैरा ट्रेनिंग स्कूल(पीटीएस) में पैराजंपर बनने के लिए प्रशिक्षण ले रहे थे. शुक्रवार को प्रशिक्षण का अंतिम दिन था. धौनी के बैच में 150 पैरा जंपर हैं. धोनी टेरिटोरियल आर्मी में लेफ़्टिनेंट कर्नल है.

बीते दिनों से खराब मौसम के कारण धौनी की जंप टल रही थी. छलांग के पहले मौसम का जायजा लिया गया. शुरुआत में एएन-32 विमान मलपुरा स्थित ड्रॉपिंग जोन में पहुंचा. हवा के दबाव की जांच के लिए वहां पहले एक-एक कर दो पैराजंपर कूदे. इसके बाद एएन-32 ने दोबारा चक्कर लगाया और धौनी ने अपनी पहली छलांग लगाई थी. पैराशूट बांधकर कूदे धौनी सफलतापूर्वक जमीन पर उतर गए. एहतियात के तौर पर धौनी के पीछे और जंपरों ने भी छलांग लगाई.

भारतीय सेना माही के अलावा अपनी कप्तानी के दौरान कपिल देव को लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि से सम्मानित कर चुकी है. वहीं, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर लड़ाकू विमान सुखोई में बैठ चुके हैं. भारतीय वायुसेना ने सचिन को वर्ष 2012 में ग्रुप कैप्टन की मानद उपाधि दी थी. वह एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्हें विमानन क्षेत्र की कोई जानकारी के बिना इस तरह का उच्चस्तरीय सम्मान दिया गया. धोनी का सेना से लगाव पुराना है और वह क्रिकेटर बनने से पहले सेना में भर्ती होना चाहते थे, उनके कई दोस्त भारतीय सेना में काम करते हैं.

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