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3 August 2015
सरकार ने ब्लॉक किये पोर्न साइट्स
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आहिस्ते-आहिस्ते पोर्न साइट्स पर बैन लगाना शुरू कर दिया है. कुछ इंटरनेट प्रोवाइडर्स द्वारा पोर्न साइट्स का एक्सेस बंद किए जाने के बाद कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का दावा किया गया है. इस बात को लेकर टि्वटर पर शनिवार शाम उपभोक्ताओं का गुस्सा फूटा. यूजर्स ने इस मुद्दे पर अपना विरोध कुछ ऐसे जाहिर किया कि रविवार सुबह तक #पोर्न_बैन(#porn_ban) टि्वटर के टॉप ट्रेन्डिंग टॉपिक में शामिल हो गया था. सरकार ने 857 से ज्यादा पोर्न साइट्स ब्लॉक करने के आदेश जारी किये. अब भारतीय वेब यूजर्स 'एडल्ट वीडियो साइट्स' को एक्सेस नहीं कर सकेंगे. एडल्ट वीडियोज की स्ट्रीमिंग करने वाले वेबसाइट्स को एमटीएनएल, बीएसएनएल, एयरटेल व अन्य जैसे इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स(ISPs) ब्लॉक कर रहे हैं. ज्यादातर केस में यह देखा जा रहा है कि इन साइट्स को एक्सेस करने पर एक ब्लैंक पेज आता है.
बैन की अटकलों को उस समय मजबूती मिली जब कई मशहूर पोर्न साइट्स बीएसएनएल, एमटीएनएल, वोडाफोन आदि के नेटवर्क पर ब्लॉक पाए गए. पिछले हफ्ते कुछ टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स ने पोर्न साइट्स ब्लॉक कर दिए तो ये अटकलें लगाई जानें लगीं कि सरकार ने देश में पोर्न साइट्स पर बैन लगा दिया है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, टेलिकॉम डिपार्टमेंट की तरफ से शुक्रवार शाम को 857 पोर्न वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का ऑर्डर दिया गया है. शायद यही कारण है कि टेलिकॉम कंपनियों ने कुछ साइट्स को ब्लॉक कर दिया है.
.दूसरी तरफ पोर्न साइट्स ब्लॉक होने से यूजर्स में खासी नाराजगी हैं और उन्होंने इस मुद्दे पर अपना विरोध कुछ ऐसे जाहिर किया कि रविवार सुबह तक #पोर्न_बैन(#porn_ban) टि्वटर के टॉप ट्रेन्डिंग टॉपिक में शामिल हो गया. उन्होंने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया के जरिए विरोध जताना शुरू कर दिया है.
प्रसिद्ध फिल्मकार रामगोपाल वर्मा भारत में अश्लील वेबसाइटों पर प्रतिबंध के खिलाफ हैं. उन्होंने कई ट्वीट कर इसकी आलोचना की है. उन्होंने इसे प्रतिगामी कदम बताते हुए लिखा कि अश्लील वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाना लैंगिक अपराधों का समाधान नही है. उन्होंने लिखा कि इतिहास में ऐसा अनेकों बार देखा गया है कि अगर किसी समय किसी चीज पर प्रतिबंध लगाया गया है तो वह छुपे तौर पर और ज्यादा प्रभावकारी हुआ है. वयस्कों को पोर्न देखकर हानि रहित मज़े लेने से रोकना वैसा ही है जैसा तालिबान और इस्लामिक स्टेट जैसे संगठनों का लोगों की मूलभूत आज़ादी को छीनना.
संगीतकार विशाल ददलानी ने ट्वीट किया, मुझे इस पर आश्चर्य नहीं. विडंबना यह है कि जिस पार्टी के सांसद संसद में पॉर्न देखते पकड़े गए थे, उस पार्टी की सरकार ने यह फैसला किया है. एक्टर-प्रॉड्यूसर उदय चोपड़ा ने सवाल उठाया है कि क्या इससे देश में यौन हमलों में कमी आएगी.
मशहूर लेखक चेतन भगत ने ट्विटर पर लिखा, 'पोर्न बैन मत करो, बल्कि मर्दों का औरतों को घूरना, उनकी बिना अनुमति के उन्हें छूना, उन्हें पकड़ना, उनका शोषण करना, उन्हें गाली देना, उनकी बेइज़्ज़ती करना और रेप करना बैन करो. सेक्स मत बैन करो'.
कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने लिखा, 'ये बैन पोर्न को पसंद या नापसंद करने से नहीं जुड़ा है. इस बैन का मतलब यही है कि सरकार लोगों की व्यक्तिगत आज़ादी छीन रही है. अब अगली दफ़ा किसे बैन करेंगे- टीवी या फ़ोन?'.
अभिनेता उदय चोपड़ा, लेखक और निर्देशक मिलाप ज़वेरी और संगीतकार विशाल ददलानी ने भी पोर्न वेबसाइट्स को ब्लॉक करने के फैसले की आलोचना की है.
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही पोर्न साइटों पर बैन लगाने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि कोई किसी को चार दीवारों के पीछे पोर्न देखने से कैसे रोक सकता है. चीफ जस्टिस एचएल दत्तु ने बैन से इनकार करते हुए कहा था, 'कोर्ट की ओर से पास ऐसा कोई अंतरिम आदेश आर्टिकल 21 का उल्लंघन है, जो किसी भी नागरिक को व्यक्तिगत स्वतंत्रता देता है. अगर ऐसा होता है तो कल को कोई भी वयस्क आकर यह कह सकता है कि आप मुझे मेरे कमरे में चारदीवारी के अंदर पोर्न देखने से कैसे रोक सकते हैं'. एचएल दत्तु की ओर से यह टिप्पणी उस समय आई, जब जुलाई में इंदौर के एक वकील कमलेश वासवानी ने एक पीआईएल दाखिल कर सभी पोर्न साइट्स पर बैन लगाने की मांग की थी. चीफ जस्टिस ने कहा था कि इस ओर गंभीर रूप से विचार कर सरकार को एक निर्णय लेने की जरूरत है. सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.