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26 August 2015

पटेल आरक्षण आंदोलन हिंसक हुआ छह मौत

गुजरात पटेल आंदोलन

अहमदाबाद: गुजरात में पटेल समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद सेना बुलाई गई. हिंसा में अब तक छह लोग मारे जा चुके हैं. राज्य के कई बड़े शहरों और कस्बों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. अहमदाबाद, सूरत, मेहसाणा, राजकोट, जामनगर, पालनपुर, उंझा, विसनगर और पाटन शहरों में कर्फ्यू लगाया गया. अहमदाबाद के नौ थाना क्षेत्रों, सूरत के दो थाना क्षेत्रों समेत राज्य की 17 जगहों पर एहतियातन कर्फ़्यू लगाया गया है. अर्धसैनिक बलों के भी करीब 6000 जवान गुजरात पहुंच गये हैं. कम से कम 60 कंपनियों को बुलाया गया है. हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित अहमदाबाद में सीआरपीएफ और बीएसएफ की 9 कंपनियों को तैनात कर दिया गया है. हार्दिक पटेल को कल रात हिरासत में लिये जाने के बाद भड़की हिंसा की आग आज बुधवार को गुजरात के कई हिस्सों में सुलगती रही. हार्दिक को हिरासत में लेने के कुछ देर बाद छोड़ दिया गया था. बंद के आह्वान पर सामान्य जनजीवन अस्तव्यस्त रहा. स्कूल, कॉलेज, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. सूरत के कई हिस्सों में आगजनी और पथराव की घटनाएं सामने आईं, जहां बड़ी संख्या में पटेल समुदाय के लोगों ने बंद कराया. सूरत में धारा 144 लागू कर दी गई है.

गुजरात में पटेल समुदाय के उग्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में छह लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. मेहसाणा में 2, बनासकांठा में 1, अहमदाबाद में 3 की मौत हुई है. देर रात पुलिस गोलीबारी में 47 वर्षीय गिरीश पटेल और उनके बेटे सिद्धार्थ पटेल(20) की मौत हो गयी.

करीब 1000 लोगों की भीड़ ने शहर के उढणा इलाके में सूरत नगर निगम के दो वेयरहाउसों में आग लगा दी. सूरत का हीरा और कपड़ा कारोबार ठप्प रहा. पटेल समर्थकों ने क़रीब 50 बसों, बाइक, और अन्य वाहनों में आग लगा दी. हिंसा बढ़ती देख सरकार ने मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया. अहमदाबाद शहर से हिंसा की 50 से अधिक घटनाएं प्रकाश में आईं, जिनमें बसों, पुलिस चौकियों और निजी वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. अहमदाबाद में स्कूल, कॉलेज, सिटी बस सेवा और बैंकों समेत कारोबारी प्रतिष्ठान आज बंद रहे. अहमदाबाद में आंदोलनकारियों ने कई जगहों पर रेल की पटरियों को उखाड़ दिया है. गृह राज्यमंत्री के घर तोड़फोड़ हुई. पटेल को बिना अनुमति लिए भूख हड़ताल पर बैठने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. पाटीदार अनामत आंदोलन समिति ने राज्य में भड़की हिंसा के बाद किया गुजरात बंद का आह्वान किया.

. हार्दिक के नेतृत्व में मंगलवार को अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में रैली का आयोजन हुआ था. इसमें लाखों की संख्या में लोग सूबे के अलग-अलग हिस्सों से शामिल होने के लिए आए थे. अहमदाबाद से दिल्ली जाने वाली राजधानी और आश्रम एक्सप्रेस रद्द रही. पुलिस ने पहले भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े पर हालत बेकाबू बनते देख पुलिस को 12 राउंड फायरिंग करनी पड़ी. पटेल अनामत आंदोलन समिति के नेता 22 वर्षीय हार्दिक ने हिंसा के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज होगा. पटेल ने सरकार से कहा कि हमारा अधिकार दो, नहीं तो छीन कर ले लेंगे आरक्षण.

गुजरात के पटेल समुदाय की मांग है कि पटेल(पाटीदार) समाज को पिछड़े वर्ग में शामिल किया जाए. सरकारी नौकरियों और शिक्षा में पटेल समुदाय को 27 फीसदी आरक्षण मिले. पटेल समुदाय गुजरात का सबसे ताकतवर समुदाय है. पटेल समुदाय आर्थिक और राजनीतिक तौर पर बेहद मजबूत है. गुजरात में 7 मंत्री पटेल समुदाय से हैं. गुजरात में 70 फीसदी और देश में 15 फीसदी कारोबारी पटेल समुदाय से हैं. गुजरात की कुल आबादी 6 करोड़ 27 लाख है. इसमें पटेल-पाटीदार लोगों की तादाद 20 फीसदी है. राज्य के 120 भाजपा विधायकों में से 40 इसी कम्युनिटी से आते हैं. गुजरात में पटेल समुदाय को बीजेपी का मेन वोट बैंक माना जाता है. दुनिया के 200 देशों में पटेल समुदाय के लोग रहते हैं.

22 साल के इस नौजवान ने गुजरात में अबतक 80 से ज्यादा रैलियां की हैं. अहमदाबाद चंद्रनगर गांव में रहने वाले हार्दिक पटेल कॉमर्स से स्नातक हैं. उनका जन्म 20 जुलाई 1993 को हुआ था. एक मध्यमवर्गीय परिवार में पैदा हुए हार्दिक को भी कभी इस बात का अंदाजा नहीं होगा कि इतनी कम उम्र में वो अपने समाज का नेता बनेगा और एक ऐसे आंदोलन का अगुवा बनेगा जिसने सरकार को हिलाकर रख दिया है. हार्दिक ने 2011 में सेवादल से अलग होकर वीरमगाम में एसपीजी यानी सरदार पटेल सेवादल शुरू किया था. हार्दिक के पिता बीजेपी पार्टी से जुड़े हुए हैं. हार्दिक पटेल के दो महीने के आंदोलन के बाद गुजरात की सीएम आनंदीबेन पटेल ने 7 मंत्रियों की एक समिति बना दी है जो मांगों पर विचार कर रही है, लेकिन हार्दिक पटेल का कहना है कि इस समिति पर उन्हें कोई भरोसा नहीं है. हार्दिक पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के कोऑर्डिनेटर हैं. यह समिति अब तक 70 रैलियां कर चुकी है. 5 जुलाई को सभी छोटे-बड़े पटेल संगठनों को मिलाकर एक संगठन बनाया गया था. इसके एक दिन बाद 6 जुलाई को मेहसाणा से इस आंदोलन को शुरू किया गया. पटेल ने उसी दिन आंदोलन को पूरे गुजरात में ले जाने का एलान किया था. इस समय हार्दिक के सबसे करीबी व्यक्ति चिराग पटेल हैं.

पुलिस के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनता से शांति बनाये रखने की अपील के बावजूद पटेल समुदाय के सदस्यों ने आगजनी, पथराव किया और सरकारी तथा निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया. मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने आज इस बात से इनकार किया कि उनकी सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी भांजने का आदेश दिया था जिसके बाद हिंसक प्रदर्शन हुए. उन्होंने कहा, 'मैंने जीएमडीसी मैदान में लाठीचार्ज की घटना के मामले में जांच के आदेश दे दिये हैं. गुजरात के डीसीपी जांच कर रहे हैं'. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजराती भाषा में दिए टेलीविजन संदेश में लोगों से शांति की अपील की और इस बात पर जोर दिया कि बातचीत से सभी मुद्दों को सुलझाया जा सकता है. विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया ने आंदोलनकारियों से शांति की अपील की और पुलिस से भी धर्य के साथ कार्रवाई करने का अनुरोध किया. शांति के लिए धर्मगुरुओं मोरारी बापू, रमेश भाई ओझा और स्वामीनारायण संस्थान ने पाटीदारों से संयम बरतने की अपील की.

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