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28 August 2015
1965 की भारत-पाक जंग के 50 साल
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की 50वीं वर्षगांठ पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. भारत-पाकिस्तान युद्ध का आज स्वर्ण जयंती समारोह मनाया जा रहा है. पूरे देश ने शहीदों को याद कियाहै. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सुबह 11 बजे इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी पुष्प अर्पित किए. इस दौरान रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी यहां उपस्थित थे, जिन्होंने 1965 की लड़ाई में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी. लेकिन इस जंग में अपनी जान पर खेलने वाले सैनिक और शहीद हुए जवानों के परिवार ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया. भारत ने अपनी जीत की स्वर्ण जयंती कार्यक्रम की शुरुआत अमर जवान ज्योति से की. यह कार्यक्रम 22 सितंबर तक चलेगा.
भारत-पाकिस्तान के बीच पांच महीनों तक चली इस जंग में हमारे क़रीब 3,000 जवान शहीद हुए थे. हमारे सैनिकों ने बहादुरी का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना को हर मोर्चे पर शिकस्त दी थी. बाद में संयुक्त राष्ट्र के दख़ल के बाद दोनों देश युद्ध विराम पर राज़ी हुए थे. ताशकंद में दोनों देशों के बीच समझौता हो गया था.
पीएम नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में लिखा कि मैं 1965 के युद्ध की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर हमारी मातृभूमि के लिए लड़ने वाले सभी वीर सैनिकों को नमन करता हूं. हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी और साहस बहुत ही प्रेरणादायक है. वे हर बाधा को पार कर जीते और भारत की एकता एवं अखंडता की रक्षा की. वह उन शहीदों को नमन करते हैं जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया. हमारे देश के जवान सभी देशवासियों के लिए प्रेरणा के स्रोत है.
पूर्व सैनिको ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की स्वर्ण जयंती मनाने के सरकारी कार्यक्रम का बहिष्कार किया. पूर्व सैनिकों ने 'वन रैंक वन पेंशन' मांग लंबित होने की वजह से कार्यक्रम का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. गौरतलब है कि सेवानिवृत्त सैनिक वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर पिछले 75 दिनों से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हुए हैं. पूर्व सैनिको द्वारा अपराह्न् जंतर-मंतर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम के आयोजकों ने 1965 की जंग के पूर्व नायकों और उसमें शहीद हुए सैनिकों के परिवारों को समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया.