News of Madhya Pradesh India
Hindi news portal of Bhopal. read regular fresh news of Bhopal, Indore, Gwalior, Jabalpur. whole state reporting with MP News Portal
4 December 2015
शिविर में 32 मरीजों ने आँखों की रोशनी खोई
बड़वानी: स्वास्थ्य विभाग के मोतियाबिंद शिविर का ऑपरेशन फेल हुआ. ऑपरेशन के बाद संक्रमण से प्रभावित मरीजों को इंदौर के दो अस्पतालों में भर्ती किया गया. 28 मरीजों को अरबिंदो और 5 को एमवाय अस्पताल में भर्ती किया गया. इसमें 32 मरीजों की आँखों की रोशनी चली गई. मरीजों की आंखों की रोशनी लौटाने डॉक्टर बेहतर उपचार के पूरे प्रयास कर रहे हैं. निशुल्क सरकारी शिविर में 16 से 22 नवंबर तक मोतियाबिंद के ऑपरेशन हुए थे. ऑपरेशन के बाद कई मरीजों को आंखों में पस, खुजली, दर्द होने की शिकायत के साथ ही दिखाई देना भी बंद हो गया. गलती छिपाने के लिए 15 दिन में तीन बार सर्जरी की गई.
लायंस क्लब सेंधवा व बड़वानी जिला अस्पताल के नेत्र रोग विभाग ने सेंधवा में नि:शुल्क नेत्र शिविर आयोजित किया था. इसमें दो चरण में 80 मरीजों को ऑपरेशन के लिए चिह्नित किया. 26 मरीजों को ऑपरेशन के लिए सेंधवा शिविर में भर्ती किया शेष 54 मरीजों को जिला अस्पताल बड़वानी भेजा.
शुक्रवार को जांच दल बड़वानी में इंफेक्शन के कारण का पता करेगा और दोषी डॉक्टरों व स्टॉफ पर कार्रवाई की जाएगी -डॉ. शरद पंडित, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य व नेत्र रोग विशेषज्ञ.
लापरवाही के आरोप में सर्जरी करने वाले डॉक्टर आरएस पलोड़ को सस्पेंड कर दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने शिविर में इस्तेमाल की गईं दवाइयां, लैंस, ड्रॉप और इंजेक्शन जब्त कर जांच के लिए सेंट्रल लैबोरेटरी भेजे हैं. ऑपरेशन के हफ्तेभर बाद मरीजों की आंखों में संक्रमण होने से पस पड़ गया था.
अरबिंदो अस्पताल के डॉ. नितिन नीमा ने बताया कि मरीज एंडऑप्थेमाइटिस इंफेक्शन के शिकार हो गए हैं यह आंख में होने वाला बेहद गंभीर संक्रमण है दो मरीजों को तो पेन एंडऑप्थेमाइटिस हो गया है इसमें पूरी आंख खराब हो जाती है इस संक्रमण का स्पष्ट कारण बताना तो मुश्किल है, लेकिन बड़ी संख्या में मरीजों को एक ही तरह का संक्रमण हुआ है तो यह शिविर के इंफ्रास्ट्रक्चर व वातावरण में खराबी के कारण हुआ होगा. एमवायएच की डॉ. प्रीति रावत ने बताया कि एक मरीज की छुट्टी कर दी गई है जबकि चार अभी भी भर्ती हैं. फिर से ऑपरेशन किए हैं. फिलहाल रोशनी के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है.
इन वजहों से संक्रमण हो सकता है. सर्जरी के दौरान संक्रमित उपकरणों का उपयोग करना. सर्जरी की जगह और टेबल पर गंदगी होना. मरीज द्वारा समय पर दवाई नहीं डालना. डायबिटिज के मरीज का शुगर लेवल बढ़े होने के दौरान सर्जरी होना. डॉक्टर को समय पर फॉलोअप के लिए दिखाने नहीं जाना. घर में संक्रमण होना आदि.