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8 December 2015
पेटलावद धमाके के मुख्य आरोपी कांसवा की मौत की पुष्टि
झाबुआ: पेटलावद धमाके के मुख्य आरोपी राजेंद्र कांसवा की मौत की पुष्टि हुई. राजेंद्र कांसवा की इस साल 12 सितंबर को सुबह 8.35 पर हुए ब्लास्ट में ही मौत हो गई थी. कांसवा पेटलावद ब्लास्ट का मुख्य आरोपी था. कांसवा के परिवार का डीएनए शवों के अवशेष की पोटली नंबर 6 से मैच हुआ है. यह घटना अवैध रूप से रखी जिलेटिन राड़ में विस्फोट की वजह से हुई थी. घटना के 86 दिन बाद कांसवा के सैंपल उसके बेटे शुभम व भाई फूलचंद के सैंपल से मैच हुए. फॉरेंसिक लैब सागर ने एमवाय अस्पताल इंदौर में पोटली नंबर 6 में रखे शव के डीएनए सैंपल मैच होने की रिपोर्ट एसआईटी को भेज दी है.
सोमवार को एसपी संजय तिवारी और एएसआईटी चीफ एएसपी सीमा अलावा ने कांसवा के बेटे शुभम और कुछ अन्य रिश्तेदारों को पेटलावद बुलाकर कहा कि एमवाय से वे कांसवा का शव ले सकते हैं.
ब्लास्ट के मुख्य आरोपी राजेंद्र कांसवा की मौत की पुष्टि के बाद अब कांसवा की पत्नी, दो बच्चों, दो भाइयों और एक अन्य रिश्तेदार का नार्को टेस्ट भी नहीं होगा.
पुलिस ने घटनास्थल पर मिले शवों के टुकड़ों को 13 सितंबर को आठ पोटली में बांधकर पीएम के लिए एमवाय अस्पताल इंदौर भेजा था. इसमें से 4 पोटली में बंद शवों की पहचान परिजन ने कर ली थी, लेकिन 1, 3, 6 और 7 नंबर की पोटलियों में बंधे शवों के टुकड़ों की शिनाख्त नहीं हो पाई थी. एसआईटी ने पहले 17 सितंबर को तीन सैंपल सागर की फोरेंसिक लैब भेजे. 2 नवंबर को दोबारा 29 सैंपल भेजे गए. रिपोर्ट सोमवार दोपहर में आ गई. पूर्व में डीएनए जांच के लिए भेजे गए 4 शवों के सैंपल में से कोई मैच नहीं हुआ इसके बाद एक बार फिर सैंपल भेजे गए 2 नवंबर को कुल 18 शवों के 25 डीएनए सैंपल सागर लैब भेजे गए. इस बार कूल्हे की हड्डी का सैंपल दिया गया, जिसका डीएनए मैच हो गया.
कांसवा की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पहले एक लाख और फिर पांच लाख रू का ईनाम घोषित किया था.
कांसवा के बेटे शुभम ने बताया कि परिवार को पहले से ही ऐसा लग रहा था कि वो नहीं रहे. मैं और मेरा पूरा परिवार पेटलावद के लोगों से क्षमा मांगते हैं. शायद उस दिन काल का योग था, जिसके निमित्त मेरे पिता बन गए. घटना में उनकी भी मृत्यु हो गई. यह जानबूझकर किया गया कृत्य नहीं था.
राजेंद्र के दोनों भाई फुलचंद व नरेंद्र, नरेंद्र की पत्नी साधना, फुलचंद की पत्नी हंसादेवी व फुलचंद के बेटे राहुल की पत्नी प्रीतिबाला के खिलाफ केस है. प्रीतिबाला फरार है, अन्य जेल में हैं. इनके खिलाफ केस चलता रहेगा. राजेंद्र को अवैध रूप से विस्फोटक सामग्री पहुचाने वाले लाइसेंसी धर्मेंद्र राठौर पर केस चलेगा. धर्मेंद्र जेल में है.
हादसे के बाद से ही पुलिस कांसवा की तलाश में जुट गई थी. जांच के लिए एसआईटी का गठन हुआ था. न्यायिक जांच के लिए पेटलावद ब्लास्ट आयोग भी बना था.
झाबुआ सांसद कांतिलाल भूरिया ने राजेंद्र कांसवा की मौत की पुष्टि पर दावा किया कि कांसवा अभी भी जिंदा है सरकार ने मिलीभगत कर रिपोर्ट तैयार करवाई है.