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28 December 2015
मप्र के राजमिस्त्री की पीएम ने की तारीफ
भोजपुरा(सीहोर): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' में मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के भोजपुरा गांव के दिलीप सिंह मालवीय की नि:शुल्क टॉयलेट बनवाने को लेकर तारीफ की. पीएम ने कहा था कि मालवीय गांव वालों के लिए नि:शुल्क टॉयलेट बनवा रहे हैं. हालांकि दिलीप सिंह मालवीय का कहना है कि उन्होंने कभी ऐसा नहीं कहा कि वह टॉयलेट बनाने के बदले पैसे नहीं लेंगे. मालवीय के भोजपुरा गांव में 53 शौचालय हैं, इनमें 27 उन्होंने बनाए हैं. प्रधानमंत्री ने अपने कार्यक्रम में भी कहा था कि सिंह की 'उपलब्धि' के बारे में उन्हें स्थानीय अखबार से पता चला.
नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात में कहा था. 'मध्य प्रदेश के भोजपुरा गांव में एक कारीगर दिलीप सिंह मालवीय ने एक अनूठा काम किया है. उन्होंने तय किया कि अगर कोई मटेरियल प्रोवाइड करता है तो शौचालय बनाने की मज़दूरी वो नहीं लेंगे. 100 शौचालयों का निर्माण कर चुके हैं. मैं दिलीप सिंह मालवीय को ह्रदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूं, अभिनन्दन करता हूं'.
पीएम मोदी की यह बात सुनकर दिलीप सिंह और उनका गांव भोजपुरा दंग रह गया. कुछ ऐसा ही हाल गांव के प्रधान सुरेश वर्मा का भी है, जिनके बारे में प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनके घर में भी शौचालय नहीं.
इछावर इलाके के भोजपुरा गांव में झुग्गी में रहने वाले 71 वर्षीय मिस्त्री दिलीप सिंह मालवीय आठ बच्चों के पिता है. मालवीय अब तक पांच बेटी और एक बेटे की शादी कर चुके हैं. मालवीय गांव वालों के टॉयलेट बना देते हैं और पैसा बाद में लेते है. अब वह पत्नी और दो बेटियों के साथ गांव में रहते हैं. दिलीप सिंह मालवीय पेशे से मकान कारीगर हैं. उनके घर में न पंखा, न टीवी है. खुद के घर में आज तक शौचालय नहीं बना पाए.
ग्राम पंचायत सरपंच शौचालय निर्माण के लिए सरकारी राशि न मिलने से चिंतित थे और तब यह तय हुआ कि गांव के लोग निर्माण सामग्री का इंतजाम कर लें तो कारीगर दिलीप सिंह बगैर पैसे लिए शौचालय बनाएंगे. इस पर दिलीप ने भी हामी भर दी और शौचालय निर्माण हुए. गांव को खुले में शौच से मुक्त बनाने के बाद कारीगर दिलीप सिंह प्रशंसा के पात्र बन गए हैं. वहीं, गांव की महिलाओं-पुरुषों समेत उनकी पत्नी भी काफी खुश है.
नियम के मुताबिक टॉयलेट बनाने के लिए सरकार की ओर से मदद के तौर पर 12,000 रुपए की राशि दी जाती है. स्वच्छ भारत अभियान के तहत यह राशि पाने के लिए शौचालय के साथ खींची गई एक तस्वीर जिला पंचायत को भेजनी पड़ती है. प्रूफ जमा करने के बाद उन लोगों के पास सहायता राशि पहुंचती है. दिलीप ने कहा कि इसी के चलते मैंने इतना जरुर कहा कि जब आपको सहायता राशी मिल जाए, तब पैसा दे देना. मेरा भी परिवार है. मेरी फसल भी बर्बाद हो गई है. कुछ लोगों ने मुझे पैसा दे दिया है और कुछ देंगे.
पीएम मोदी की ओर से मिली तारीफ पर दिलीप सिंह मालवीय ने कहा 'मैं इससे बहुत खुश हूं'. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर खुश हूं. वो देश के राजा हैं, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. राजमिस्त्री की तारीफ पर उसने कहा मैंने कभी मुफ्त टॉयलेट बनाने की बात नहीं की.
मन की बात में पीएम मोदी की प्रशंसा से सुर्खियों में आए मुफ्त में शौचालय बनाने वाले सीहोर के दिलीप सिंह को लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने विभागीय अफसरों से जानकारी मांगी है.