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21 July 2015
इटारसी आरआरआई सिस्टम बदला गया
इटारसी(होशंगाबाद): रेलवे का आरआरआई आज से पुरानी स्थिति में लौट आया है और अब यहां से ट्रेनों का संचालन पूर्व की भांति सामान्य हुआ. कुशीनगर एक्सप्रेस को आरआरआई के सिग्नल के माध्यम से इटारसी से गुजारकर उसकी टेस्टिंग की गई. इटारसी जंक्शन पर रूट रिले इंटरलॉकिंग(आरआरआई) सिस्टम पैनल के जल जाने से उत्पन्न हुआ संकट आज मंगलवार को समाप्त हो पाया. रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने आज यहाँ बताया कि 2.50 बजे इटारसी रेलवे नया आरआरआई पैनल कार्यान्वित हो गया. अब गाड़ियों का संचालन सामान्य ढंग से शुरू हो गया. इटारसी स्टेशन के आरआरआई सिस्टम में लगी आग भारतीय रेलवे इतिहास का सबसे बड़ा हादसा था. जयपुर की शिवाकृति इंटरप्राइजेज संस्था को आरआरआई की स्थापना का काम सौंपा गया था. इसमें करीब 34 दिन लग गए. सूत्रों के अनुसार इटारसी में नये पैनल की लागत 23 करोड़ रुपये से अधिक आयी है. नये आरआरआई सिस्टम पैनल की सुरक्षा के लिये नये तापमान सेंसर, फायर सेंसर आदि उपाय किये गये हैं.
आज आरआरआई की टेस्टिंग के लिए रेलवे ने सिग्नल, इलेक्ट्रिक और इंजीनियरिंग सेक्शन्स की तीन टीमें सुपरविजन के लिए बनाई थीं जिनमें 21 लोग शामिल थे. चीफ सिग्नल टेलीकॉम इंजीनियर एसपी त्रिवेदी स्वयं इसकी देखरेख कर रहे थे. सबसे पहले नए आरआरआई की विधिविधान से पूजा पाठ की गई. टेस्टिंग के लिए सबसे पहले रेलवे ने चार घंटे का मेगाब्लाक लिया जो सुबह साढ़े दस बजे से दोपहर दो बजकर 50 मिनिट तक चला. दो बजकर 50 मिनिट पर 11016 कुशीनगर एक्सप्रेस गोरखपुर लोकमान्य तिलक टर्मिनस को नए आरआरआई के सिग्नल के माध्यम से दो नंबर प्लेटफार्म पर लाया गया. इसके साथ ही 12296 संघमित्रा एक्सप्रेस और 12322 हावड़ा मेल को भी इटारसी के क्रमशः सात नंबर व चार नंबर प्लेटफार्म नए आरआरआई के सिग्नल से लाया गया. सफल टेस्टिंग के बाद नए आरआरआई को हरी झंडी दे दी गई.
17 जून को आरआईआई पैनल जल जाने की वजह से 34 दिनों में लगभग 5300 गाडियों में से 2706 ट्रेनें प्रभावित हुईं जिनमें 2430 गाडिया रद्द हुईं हैं, 259 गाडियों को मार्ग बदल कर चलाया गया जबकि 17 गाडियों को बीच में ही रद्द किया गया. इटारसी यार्ड के दो मंजिले आरआरआई केन्द्र में भूतल पर रिले रूम और प्रथम तल पर कंट्रोल रूम है. इटारसी आरआरआई केन्द्र में 16-17 जून की दरमियानी रात में किसी कारण से रिले रूम में किसी तार से चिन्गारी छूटी और अंदर ही अंदर आग पकड़ ली. जब आग फैल गयी और धुआँ ऊपर कंट्रोल रूम में दिखा तो रिले रूम खोला गया. बाद में अग्निशमन गाडिया आयीं और दो घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझायी जा सकी थी. इस घटना में करीब 40 प्रतिशत केबल जल गयीं थी.
रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने यहाँ बताया कि 2.50 पर नया आरआरआई पैनल कार्यान्वित हो गया. सूत्रों के अनुसार नया पैनल 13 जुलाई को लगा दिया गया था और आठ दिनों तक उसका गहन परीक्षण किया गया. रेल संरक्षा आयुक्त की हरी झंडी मिलने के बाद आज इसे कार्यान्वित कर दिया गया. रेलवे ने इस संकट से निपटने के लिये युद्धस्तर पर प्रयास किये. चौबीसों घंटे युद्धस्तर पर काम करके लक्ष्य से दो दिन पहले आरआरआई पैनल चालू करके अपनी काबिलियत साबित कर दी.
आरआरआई सिस्टम पैनल की आयु 25 से 30 साल होती है और इटारसी का पैनल 1980 में लगाया गया था जिसकी आयु पूर्ण हुए कई साल हो गये थे. जिससे उसे लगाने एवं यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिये रेलवे के 925 कर्मचारी एवं 70 अधिकारी दिन रात काम पर लगाये गये थे. सूत्रों के अनुसार 23 जुलाई के बाद सभी गाडिया सामान्य ढंग से चला करेंगीं.