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18 July 2015
पुरी रथयात्रा में भगदड़ से दो की मौत
पुरी: भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा के दौरान भगदड़ मची. पुलिस के मुताबिक भगदड़ मचने से 2 महिलाओं की मौत हो गई. वहीं कई लोग घायल हो गए. घायलों को कटक के अस्पताल रेफर किया गया है. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भगवान जगन्नाथ की सदी की प्रथम नबकलेबर यात्रा पारंपरिक श्रद्धा और उल्लास के साथ निकाली गई. 12वीं सदी के मंदिर के देवी-देवताओं की वार्षिक रथयात्रा की झलक पाने के लिए शुक्रवार से ही काफी संख्या में लोग जुटने लगे थे. इस बार श्रद्धालु काफी उत्साहित रहे क्योंकि नबकलेवर के दौरान देवी-देवता 45 दिनों तक मंदिर के अंदर रहे. नबकलेवर मे भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा और सुदर्शन चक्र की पुरानी मूर्तियों को नई मूर्तियों से बदला जाता है. पुरी में नबकलेबर हर 19 साल बाद होती है. देवी देवताओं का 'नबा जौबन दर्शन' शुक्रवार हुआ क्योंकि दो जून को स्नान पूर्णिमा पर महा-स्नान के बाद वे अंसारा पिंडी में थे. भगदड़ गजपति किंग पैलेस के पास हुई, जो मुख्य मंदिर से एक किलोमीटर दूर है. जिस समय हादसा हुआ भगवान का रथ ग्रैंड रोड से गुजर रहा था. जब श्रद्धालुओं का एक रेला भगवान जगन्नाथ के रथ के करीब आने की कोशिश कर रहा था तभी हादसा हुआ.
देश विदेश से लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की नई मूर्तियों की नौ दिनों की यात्रा देखने के लिए पुरी आए हैं. रथयात्रा को करीब 15 लाख श्रद्धालुओं ने देखा. शहर में दुनियाभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटे, जहां उन्होंने भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की नौ दिनों की यात्रा के समापन अवसर को देखा. यात्रा गुंडिचा मंदिर तक गई और फिर वापस लौटी.
विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा में श्री जगन्नाथ की मूर्ति की झलक पाने के लिए सभी हलकों के लोग कल से शहर में हैं. श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा गया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध पर्व का रंग रथ खींचने के दौरान भगदड़ जैसी स्थिति से फीका पड़ गया, जिसमें दो महिलाओं की मौत हो गई और अन्य लोग घायल हो गए.
राज्यपाल एस.सी. जमीर और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सहित काफी संख्या में वीवीआईपी ने भी इस बड़े समारोह में शिरकत की. केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा, आदिवासी मामलों के मंत्री जुएल ओराम और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी रथयात्रा के दौरान समारोह में मौजूद रहे. पुलिस ने सुरक्षा के लिये कड़े प्रबंध किए थे. रथयात्रा की सुरक्षा के लिए 10 हजार पुलिस बल को तैनात किया गया था. वहीं सेना के 164 प्लाटून को भी सुरक्षा में लगाया गया था. इसके अलावा हवाई और तटीय सुरक्षा के भी प्रबंध किए गए थे. भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने पुरी में लाखो लोग जुटे थे.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 2001 से 2014 तक 3000 से ज्यादा भगदड़ की घटनाएं हो चुकी हैं. इन हादसों में अब तक करीब 2500 लोग मारे जा चुके हैं. अभी इसी हफ्ते आंध्र प्रदेश के गोदावरी पुष्कर मेले में भगदड़ मचने से कम-से-कम 27 लोगों की मौत हो चुकी है.