News of Madhya Pradesh India
Hindi news portal of Bhopal. read regular fresh news of Bhopal, Indore, Gwalior, Jabalpur. whole state reporting with MP News Portal
13 June 2015
81 की उम्र में 46वीं बार फ़ेल
अलवर: दसवीं की परीक्षा 81 साल के शिवचरण यादव के लिए ज़िंदगी की सबसे कठोर परीक्षा बन गयी. इस बार राजस्थान शिक्षा बोर्ड के दसवीं के नतीजों में 78 फ़ीसदी परीक्षार्थी पास हो गए, लेकिन यादव 46वीं बार फिर से फ़ैल हो गए. शिवचरण राजस्थान के अलवर जिले की बहरोड तहसील के खोहरी गाँव के रहने वाले है. उम्र के इस मुक़ाम पर याददाश्त जवाब देने लगी है, मगर यादव ने हिम्मत नहीं हारी है. शिवचरण यादव इस बार सामाजिक विज्ञान को छोड़कर सभी विषयों में फ़ेल हो गए. अंग्रेज़ी में तो उन्हें जीरो नंबर मिले हैं. शिवचरण ने मेहनत में कमी नहीं की. शिवचरण अभी तक अविवाहित हैं. गाँव वालों के मुताबिक़, अब उनके परिवार में कोई और नहीं है. वो अब एक मंदिर में रहते हैं और गाँववासी ही उनके लिए फीस का इंतज़ाम करते हैं. वे अपने गांव से पांच किमी चल कर परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने आते थे.
गाँव के लोग बताते हैं कि शुरू में वो ये सोच कर इम्तिहान में बैठते रहे कि दसवीं पास होने के बाद ही शादी करेंगे. मगर वो शुभ घड़ी अभी तक नहीं आई. बुजुर्ग शिवचरण जब छोटे थे तो उनकी बहनों की शादी हो गई, लेकिन उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता था. इसलिए जब उन्होंने दसवीं की परीक्षा दी तो वह फेल हो गये. फिर उन्हें सबके सामने शर्म आने लगी, तो उन्होंने प्रण किया कि वह तभी शादी करेंगे जब दसवीं पास कर लेंगे और तब से वह लगातार परीक्षा दे रहे हैं.
खोहरी के डॉ. नरेश यादव कहते हैं, 'शिवचरण हर साल खूब मेहनत करते हैं, लेकिन हर बार वो फ़ेल हो जाते हैं, जिस विषय में शिवचरण के सबसे कम नंबर आते हैं, वो अगली बार पूरा ध्यान उसी विषय की तैयारी में लगा देते हैं, फिर उसमें पास हो जाते हैं, मगर बाकी विषयों में फ़ेल हो जाते हैं'.
खोहरी के एक शिक्षक कंवर सिंह कहते हैं, 'वो अपने स्कूली दिनों से शिवचरण को देख रहे हैं. स्कूल के दिनों में वो हम जैसे बच्चों का मार्गदर्शन करते थे, पढ़ाते भी थे. तभी से वो परीक्षा दे रहे हैं'.
शिवचरण का कहना है कि इस बार तैयारी ठीक थी, लेकिन उम्र के साथ लिखने व दिखने की क्षमता कम होती जा रही है. उनको हिन्दी में 3, अंग्रेजी में 0, विज्ञान में 8, गणित में 9, संस्कृत में 7 और सामजिक विज्ञान में 34 अंक मिले. इस बार उन्हें परीक्षा में 600 में से केवल 61 अंक मिले है.
अब शिवचरण का कहना है कि वह विश्व रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराना चाहता है.