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3 June 2015
जयपुर को मेट्रो ट्रेन की सौगात
जयपुर: राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज बुधवार को जयपुर मेट्रो नेटवर्क का उद्घाटन किया. राजे ने मेट्रो रेल को सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर हरी झंडी दिखाकर जयपुर शहर को एक नई पहचान दी. राजे के मानसरोवर स्टेशन पहुंचने पर जयपुर मेट्रो के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एनसी गोयल ने उन्हें मेट्रो संचालन संबंधी जानकारी दी. मानसरोवर मेट्रो स्टेशन पर आज काफी गहमा गहमी रही तथा बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री के साथ मंत्री, सांसद, विधायक एवं पार्टी कार्यकर्ता इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने. राजे ने मेट्रो ट्रेन रवाना करने के पहले मेट्रो कंट्रोल रुम एवं यार्ड का निरीक्षण कर पट्टिका का लोकार्पण किया. मुख्यमंत्री ने मानसरोवर मेट्रो स्टेशन से जयपुर मेट्रो को चांदपोल के लिए रवाना किया. दोनों स्टेशनों के बीच की दूरी 9.6 किलोमीटर है. मुख्यमंत्री ने मंत्री मंडल सदस्यों, अधिकारियों और समर्थकों के साथ मानसरोवर से चांदपोल और चांदपोल से सिविल लाईन्स मेट्रो तक यात्रा का लुत्फ उठाया. बाद में वह लौटकर सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशन पर उतर गई. मानसरोवर से चांदपोल का सफर 23 मिनट में पूरा हुआ. राजे ने मेट्रो में सफर के लिए पंद्रह रुपये का टिकट खरीदा था. इस अवसर पर मुख्यमंत्री राजे को मेट्रो रेल की प्रतिकृति भेंट की गई. राजे ने मेट्रो की लोको पायलट को पहला सफर तय करने के लिए बधाई भी दी. मेट्रो रेल उद्घाटन के बाद दोपहर दो बजे से यात्रियों के लिये पहली मेट्रो रेल शुरु हुई, जो चांदपोल तक जायेगी. हर दस मिनट के अन्तराल में मेट्रो रात नौ बजे तक चलेगी. जयपुर मेट्रो के 24 चालकों में पांच महिला चालक शामिल हैं. 7 घंटों में 1 लाख लोगों को सफर करने संभावना जताई जा रही है. जयपुर मेट्रो हर दिन 131 फेरे लगाएगी. मेट्रो शुभारंभ के साथ ऐतिहासिक गुलाबी नगर को एक नहीं पहचान मिली अब जयपुर 'हैरिटेज सिटी' से 'मेट्रो सिटी' बन गया है. इसी के साथ ही जयपुर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली-नोएडा, गुड़गांव, के साथ मुंबई, कोलकत्ता, बेगलुरू जैसे महानगरों के मेट्रो रेल क्लब में भी शामिल हो गया है. जयपुर मेट्रो के सफर वाला देश का छठा शहर बन गया है.पूर्ण रूप से वातानुकूलित जयपुर मेट्रो रेल में यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक मेट्रो स्टेशन पर नि:शुल्क पीने के पानी की व्यवस्था की गई है.
जयपुर मेट्रो के विधिवत उद्घाटन के बाद मेट्रो का नौ स्टेशनों मानसरोवर, न्यू आतिश मार्केट, विवेक विहार, श्यामनगर, रामनगर, सिविल लाईन्स, रेलवे स्टेशन, सिंधी कैम्प, और चांदपोल तक का व्यवसायिक संचालन शुरू हो गया. राजे ने सिविल लाईन्स रेलवे स्टेशन पर कहा, 'इसके बाद अब हम मेट्रो को अगले चरण से जोड़ने की कोशिश में लग जाएंगे'. जयपुर मेट्रो की पहली आधिकारिक यात्रा शुरू होने पर लोगों ने मेट्रो लाईन के आसपास की इमारतों से हाथ हिलाकर उसका अभिवादन किया. पहले दिन मेट्रो की यात्रा करने के लिए टिकट खिड़कियों पर स्थानीय यात्रियों की लंबी लाइनें देखी गईं. जयपुर मेट्रो के किराये को दो श्रेणियों में बांटा गया है.
जयपुर मेट्रो के शुरू होने के पहले छह महीनों के लिए पूरे दिन आफ पीक किराया वसूला जाएगा. किराया वसूलने के लिए स्वचालित मशीने स्थापित की गई है. जयपुर मेट्रो में सफर करने को प्रोत्साहन देने के लिए स्मार्ट कार्ड पर 15 प्रतिशत की छूट प्रदान की जा रही है. एक दिन के लिए और तीन दिन के लिए दो तरह के पर्यटन कॉरिडोर की शुरुआत की गई है, जिससे कितनी भी बार जयपुर मेट्रो में सफर किया जा सकता है.
जयपुर मेट्रो के पहले चरण को दो भागों 'ए' और 'बी' में बांटा गया है. चरण 'ए' में मानसरोवर से चांदपोल तक की लाइन का निर्माण होना था. इस पर आज संचालन शुरू हो गया है. चरण 'बी' के तहत चांदपोल से बड़ी चौपड़ तक मेट्रो लाइन का निर्माण कार्य प्रगति पर है. चौपड़ तक का काम जून 2018 तक पूरा होने की उम्मीद है. चरण 'ए' के निर्माण में करीब 2023 करोड़ रूपए की लागत आयी है. जयपुर मेट्रो की सुरक्षा की जिम्मेदारी राजस्थान पुलिस की है. राजस्थान पुलिस के 789 कर्मी जयपुर मेट्रो लिए तैनात किए गए हैं. जवानों को विशेष ट्रेनिंग देकर आधुनिक उपकरणों से लेस किया गया है. मेट्रो प्रशासन द्वारा मेट्रो के संचालन एवं रख-रखाव के लिए रखे गए स्टॉफ में महिलाओं की भागीदारी को 30 प्रतिशत तक सुनिश्चित किया गया है.
जयपुर मेट्रो का सफर देश की अन्य सभी मेट्रो से ज्यादा सुरक्षित और ज्यादा आरामदायक होगा. जयपुर मेट्रो में कई ऐसी सुविधाएं दी गई है जो कि अन्य शहरों की मेट्रो में नहीं है. जयपुर मेट्रो में ऐसे डिस्क ब्रेक लगे हैं, जिससे आपको झटके नहीं लगेंगे. इससे व्हील्स बबलिंग नहीं करते, झटका नहीं लगता. आपात स्थिति में यात्रियों का मेट्रो ट्रेन के ड्राइवर से सीधा संपर्क हो सकेगा. ट्रेन के हर कोच में प्रत्येक गेट के पास एक-एक स्मार्ट फोन लगाया गया है. फोन के साथ एक कैमरा भी लगा है. जयपुर मेट्रो ट्रेन को पूर्णत: स्मोक प्रूफ बनाया गया है. जैसे ही कहीं जरा भी धुआं जैसी स्थिति बनेगी, फायर फाइटिंग सिस्टम काम करने लगेगा. सिगरेट या बीड़ी पीने वाले के बारे में पता चल जाएगा और उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. जयपुर मेट्रो का पिकअप भी दिल्ली मेट्रो से अधिक है. जयपुर मेट्रो में बोल्स्टर लेस बोगी है. यह सिस्टम 9 तरह के वाइब्रेशंस को सहन कर जाता है, जिससे ट्रेन की स्पीड बढ़ जाती है. मेट्रो में 5 रुपये की सबसे सस्ती और 15 रुपये की सबसे महंगी टिकट होगी. मेट्रो ट्रेन में एक ऐसा सिस्टम लगाया है जिसके आधार पर अगर एक ट्रेन दूसरी ट्रेन से भिड़ जाती है तो वो आपस में चिपक जाएगी. इससे ज्यादा नुकसान नहीं होगा. मेट्रो के आगे और पीछे के कोच में कोलिजन बीम लगाए गए हैं. इसके कारण टकराने पर मेट्रो कभी ट्रैक से नहीं उतरेगी. इसमें ऑटोमेटिक ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसमे दो ऑपरेटर होंगे, जो सिस्टम पर निगरानी रखेंगे. पूरा कंट्रोल डिपो स्थिति कंट्रोल रूम व आपरेटर के पास रहेगा. ऐसे में दुर्घटना की संभावना भी कम होगी. जयपुर मेट्रो ट्रेन के गेट पर सीसीटीवी लगे हैं, जिस पर ट्रेन के ड्राइवर नजर रखेंगे और उसे देखकर ही वो ट्रेन चलाएंगे. जिससे यात्री अपने आप को ज्यादा सुरक्षित करेंगे. मेट्रों में आपकी मंजिल के साथ-साथ अन्य जानकारी भी दी जाएगी और शहर के बारे में बताया जाएगा. मेट्रो ट्रेन ईको फ्रेंडली भी है. मेट्रो में ऐसे उपकरण लगाए हैं, जिससे पॉवर की खपत कम से कम होगी. साथ मे पॉवर जनरेशन के उपकरण लगाए गए हैं. इसके पिलर ऐसे है जिनमें जल सरंक्षण का सिस्टम बनाया गया है. जिससे बारिश के पानी को बचाया जा सकता है.