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15 June 2015
कोर्ट ने रद्द की मेडिकल प्रवेश परीक्षा
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अनियमितता के आरोपों के कारण ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट 2015 की प्रवेश परीक्षा रद्द की. सीबीएसई को दोबारा परीक्षा कराने के आदेश जारी किए हैं. यह फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनाया. कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया है. रद्द की गई परीक्षा में 6.3 लाख बच्चे शामिल हुए थे. कोर्ट मे सीबीएसई का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने परीक्षा रद्द किए जाने संबंधी दलील का विरोध करते हुए कहा था, '6.3 लाख छात्रों को फिर से परीक्षा देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है जबकि केवल 44 छात्र गलत तरीकों से फायदा उठाने में शामिल पाए गए हैं'. AIPMT में कुल सीटें 2200 हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल रहे छात्रों ने खुशी जताई है. एआईपीएमटी के लिए दिन-रात मेहनत करने वाले छात्रों का कहना है कि डॉक्टर ही नहीं जज भी भगवान होते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला एआईपीएमटी की परीक्षा दोबारा आयोजित कराने की मांग से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया है. कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 5 जून को घोषित होने वाले रिजल्ट पर रोक लगा दी थी. साथ ही 15 जून तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. परीक्षा के आंसर लीक होने पर सीबीएसई को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा था कि आपका पूरा सिस्टम फेल है और पूरी तरह से पुराना हो चुका है. अब सूचना प्रोद्योगिकी के जमाने में आपको परीक्षा के नए तरीके अपनाने होंगे.
ज्ञात है कि 3 मई को लेकर विवाद तब शुरू हुआ, जब हरियाणा के रोहतक में पुलिस ने कुछ लोगों को आंसर शीट के साथ गिरफ्तार किया था. ये याचिकाएं 10 राज्यों के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के जरिए प्रश्न पत्र के लीक हो जाने और आंसर-की का प्रसार हो जाने के कारण दायर की गई थी. परीक्षा वाले दिन हरियाणा के रोहतक में मोबाइल और ब्लू टूथ के ज़रिये कुछ छात्रों तक सही उत्तर पहुंचा रहे एक गिरोह को पकड़ा गया था. एग्जाम से आधा घंटे पहले 90 'आंसर-की' कैंडिडेट्स के मोबाइल पर व्हाट्सएप के जरिए आने लगीं थीं. तब हरियाणा के रोहतक में एआईपीएमटी का पेपर लीक करने वाले गिरोह का खुलासा हुआ था. इसके बाद कुछ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर परीक्षा दोबारा कराए जाने की मांग की थी. इस मामले में पुलिस ने रोहतक से 4 आरोपियों को गिरप्तार किया था.
उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल और न्यायमूर्ति अमिताभ राय की अवकाश पीठ ने परीक्षा के आयोजन में शामिल संस्थाओं को निर्देश दिया कि वे इस निर्धारित अवधि के भीतर इसे पूरा करने में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(सीबीएसई) की मदद करे. पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'याचिकाओं को स्वीकार किया जाता है. सीबीएसई चार सप्ताह के भीतर एआईपीएमटी 2015 आयोजित करे'.