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25 June 2015
नेपाल को एक अरब डालर की मदद
काठमांडू(नेपाल): विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज गुरुवार को नेपाल के शीर्ष राजनीतिक दलों के साथ मुलाकात की. सुषमा स्वराज अंतर्राष्ट्रीय दानदाता सम्मलेन मे भाग लेने बुधवार शाम काठमांडू पहुंची थी. वे आज नेपाल के पुनर्निर्माण पर होने वाले सम्मेलन में शामिल हुई. नेपाल के पुनर्निर्माण के लिए भारत ने एक अरब डॉलर की सहायता राशि देने का ऐलान किया. सुषमा ने सम्मेलन मे आये हुए बिभिन्न देशो के प्रतिनिधियों से चर्चा की सम्मेलन को संबोधित किया. देश को विकास के नये रास्ते पर ले जाने के लिए जल्द से जल्द लंबे समय से लंबित पड़े नेपाल संविधान के मसौदे को अंतिम रूप देने की अपील की.
नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत राय द्वारा आयोजित दोपहर के भोजन में सुषमा स्वराज चार पूर्व प्रधानमंत्रियों समेत कई नेपाली नेताओं से मिलीं. उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड, शेर बहादुर देउबा, माधव कुमार नेपाल और बाबूराम भट्टाराई समेत नेताओं से मुलाकात की. नेपाल के सभी चार प्रमुख दलों नेपाली कांग्रेस(एनसी), सीपीएन-यूएमएल, यूसीपीएन(माओवादी) और मधेसी पीपुल्स राइट्स फोरम-डेमोक्रेटिक(एमपीआरएफ-डी) के नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया. बैठक में मौजूद प्रमुख नेताओं में नेपाली कांग्रेस के नारायण खडका, यूसीपीएन(माओवादी) की विद्या भंडारी और एमपीआरएफ-डी के विजय कुमार गचदर शामिल थे. नेपाल के राजनीतिक दलों ने इस महीने की शुरूआत में संविधान के मसौदे के निर्माण से संबंधित विवादित मुद्दों पर सालों से जारी गतिरोध के अंत के लिए 16 सूत्री ऐतिहासिक समझौता किया. सुषमा ने कहा संविधान के निर्माण से ही देश के सर्वांगीण विकास का रास्ता साफ होगा.
. अंतर्राष्ट्रीय दानदाताओं के सम्मेलन में 60 देशों के 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. भारत की ओर से मिलने वाली एक अरब डालर की सहायता राशि से नेपाल में बुनियादी संरचनाओं और कुछ प्रमुख धरोहरों का निर्माण किया जाएगा. नेपाल ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से करीब सात अरब डॉलर की सहायता मांगी है. नेपाल को चीन ने 75 करोड़ डॉलर, जापान ने 26 करोड़ डॉलर, नार्वे ने 2.5 करोड़ डॉलर, अमेरिका ने 13 करोड़ डॉलर की रकम देने का एलान किया. सुषमा ने इस दौरान भारत और नेपाल के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी बल दिया. इनमें कृषि, आवास, सड़क एवं परिवहन, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, सांस्कृतिक धरोहर तथा आपदा के खतरों को कम करने जैसे क्षेत्र शामिल हैं.
संयुक्त राष्ट्र(यूएन) ने कहा कि नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के दो महीने बाद अब भी करीब 28 लाख लोगों को मानवीय सहायता की जरूरत है. यूएन के मानवीय समन्वयक जैमी मैकगोल्ड्रिक ने कहा कि अस्थायी बसेरों, भोजन, चिकित्सा और साफ-सफाई अब भी प्रमुख जरूरतें बनी हुई हैं. नेपाल के राष्ट्रपति रामबरन यादव ने भारत द्वारा शानदार मदद के लिए धन्यवाद किया और भूकंप प्रभावित इस देश का फिर से अपने पैर पर खड़ा होना सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की. सम्मलेन मे नेपाली नागरिकों को अमेरिका में रहने के लिये अनुमति दी गई.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बैठक की एक तस्वीर ट्विटर पर डालते हुए लिखा, 'विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नेपाल के सभी बड़े राजनीतिक दलों से बातचीत की. संविधान को जल्द अंतिम रूप देने के लिए प्रोत्साहित किया'. भारत पुनर्निर्माण के प्रयासों में नेपाल के साथ दृढ़ता के साथ खड़ा है और देश के भूकंप से प्रभावित होने के बाद सामान्य हालात की तरफ बढ़ने के साथ उसके विकास में हर तरह का सहयोग देगा.
नेपाल में इस साल 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप में करीब 9,000 लोगों की मौत हो गई थी और 23,000 से ज्यादा लोगों के घायल होने के साथ ही पांच लाख घर जमींदोज हो गए थे.