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20 May 2015
अरुणा के नाम पर पुरस्कार शुरू
भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल में मंगलवार को हुई द्वितीय महिला पंचायत में सौगातों की बरसात की. मप्र मे महिलाओं के लिये आरक्षण की उम्मीद जगाई. महिला पंचायत का आयोजन मुख्यमंत्री आवास पर किया गया. समाज के विभिन्न वर्ग से सीधे संवाद के लिए आयोजित पंचायतों के क्रम में महिला पंचायत का आयोजन किया गया. महिला पंचायत में प्रदेश के विभिन्न जिले से आई महिलाओं ने भाग लिया. इस मौके पर सीएम ने प्रदेश की नई महिला नीति 2015 का विमोचन भी किया. प्रदेश में पुलिस की भर्ती में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाएगा. इस मौके पर उन्होंने मुंबई में यौन उत्पीड़न का शिकार और 42 वर्ष तक कोमा में रहने के बाद दुनिया से विदा होने वाली अरुणा शानबाग की स्मृति में एक लाख रू का पुरस्कार दिए जाने का ऐलान किया. यह पुरस्कार महिला उत्पीड़न के खिलाफ काम करने वाली महिलाओं को दिया जाएगा. चौहान ने अरुणा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि अब कानून में बदलाव का समय आ गया है. जिसने अरुणा का उत्पीड़न किया, वह पांच वर्ष में ही रिहा हो गया, वहीं पीड़ित 42 वर्ष तक कोमा में रही. यह पांच साल बनाम 42 साल का सवाल है.
राज्य सरकार सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने पर विचार करेगी. प्रदेश के हर जिले में हर वर्ष महिलाओं के लिए विशेष स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में 'बेटी बचाओ' अभियान नए कलेवर में फिर से शुरू किया जाएगा. साथ ही स्कूल शिक्षा के पाठ्यक्रम में इस अभियान पर एक अध्याय जोड़ा जाएगा. मुख्यमंत्री चौहान ने घोषणा की, कि गांवों और छोटे शहरों से जिला मुख्यालय और संभागीय मुख्यालयों में पढ़ने आने वाली बालिकाओं के आवास की व्यवस्था के लिए राज्य सरकार उन्हें संभागीय मुख्यालय पर 2 हजार रुपये प्रतिमाह तथा जिला मुख्यालय पर साढ़े 12 सौ रुपये प्रतिमाह की सहायता देने की योजना लागू करेगी. उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाली बालिकाओं की कोचिंग की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी. हायर सेकेंडरी की परीक्षा में मेरिट में आने वाली बालिकाओं की उच्च शिक्षा का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. युवा उद्यमी योजना में उद्योग स्थापित करने के लिए ऋण की गारंटी राज्य सरकार लेगी तथा पांच वर्ष तक छह प्रतिशत ब्याज अनुदान भी भरेगी. हर वर्ष 50 हजार बालिकाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिलाया जाएगा. प्रदेश के सभी 51 जिला मुख्यालय पर झूलाघर की स्थापना की घोषणा करते हुए कहा कि बेहतर काम करने वाले महिला स्व-सहायता समूहों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में कामकाजी महिलाओं के लिए होस्टल बनाएं जाएंगे. 51 जिलों में शौर्या दल गठित किए जाएंगे. हिंसा से प्रभावित महिलाओं के पुनर्वास के लिए इंदौर, भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, रीवा और सागर में ऊषा किरण केंद्र स्थापित किए जाएंगे. शासकीय महिला कर्मियों को उनके पूरे सेवाकाल में मातृत्व-शिशु पालन अवकाश के रूप में दो साल का अवकाश दिया जाएगा. सभी पुलिस थानों में महिला डेस्क गठित की जाएगी.
महिला एवं बाल विकास मंत्री माया सिंह ने कहा कि पहली महिला पंचायत की 14 घोषणाएं पूरी कर दी गई हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. गौरतलब है कि पहली महिला पंचायत 30 जुलाई, 2006 को हुई थी.
इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री कुसुम महदेले, पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, पूर्व मंत्री रंजना बघेल, मुख्य सचिव एंटोनी डिसा, पुलिस महानिदेशक सुरेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव जेएन कंसोटिया, साधना सिंह चौहान सहित बड़ी संख्या में समाज के विभिन्न क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएं उपस्थित थीं.