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30 November 2015
22.5 करोड़ लूट का आरोपी ड्राइवर हुआ गिरफ्तार
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी चोरी की गुत्थी सुलझ गई है. गुरुवार को अब तक की सबसे बड़ी लूट दर्ज हुई. दक्षिण दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में एक्सिस बैंक के 22 करोड़ रुपए लेकर फरार हुए ड्राइवर प्रदीप शुक्ला को दिल्ली के ओखला से गिरफ्तार किया गया. आरोपी के साथ लूटी गई राशि भी बरामद कर ली गई है. ड्राइवर ने चोरी की रकम में से 11 हज़ार रुपए खर्च किये है जिससे उसने एक घड़ी और कुछ सामान खरीदा. लूट की इस बड़ी वारदात को इसी के वाहन के चालक ने अंजाम दिया. यह रकम एक्सिस बैंक की थी.
वारदात की जानकारी गुरुवार को करीब छह बजे पीसीआर को मिली थी. काफी मशक्कत के बाद पुलिस को दिल्ली नंबर 9819 की गाड़ी हाथ तो लगी, लेकिन उसमें रखे साढ़े 22 करोड़ रुपए नहीं थे. इसके बाद गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन के पास पेट्रोल पम्प पर कैश वैन मिली जिसमें से पैसों के बॉक्स गायब थे. ड्राइवर प्रदीप पैसों के साथ लापता हो गया था. पुलिस ने बताया कि उन्हें खाली कैश वैन मेट्रो स्टेशन के पास मिली थी, जिसके बाद उन्होंने सीसीटीवी फुटेज खंगाली और ड्राइवर की पहचान की.
वारदात के बाद दिल्ली से लगने वाली सभी सीमाओं को सील कर दिया गया था. देर रात तक इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका था. परंतु सुबह होते होते ही पूरा मामला सुलझ गया. आरोपी ड्राइवर ने अकेले ही इस पूरी घटना को अंजाम दिया.
गुरुवार को भी हर रोज की तरह विकासपुरी की एक्सेस बैंक से SIS कंपनी के चार वाहन एटीएम की ओर निकले थे. इन सभी कैश वैन को अलग-अलग एटीएम में पैसे डालने थे. उनमें 38 करोड़ रू थे. कई जगह नगदी एटीएम में डाली गई, 22 करोड़ रुपए लेकर जाने वाली कैश वैन गायब हो गई थी. इनमें से जिस कैश वैन को प्रदीप शुक्ला चला रहा था उसमें सबसे ज्यादा रुपये 22.5 करोड़ थे. इस कैश वैन को ओखला इलाके में पहुंचना था.
पुलिस के मुताबिक, हर रोज बैंक की तिजोरियों से एटीएम तक नोटों के बंडल ले जाने वाली गाड़ी के ड्राइवर प्रदीप शुक्ला का मन गुरुवार को फिसल गया और वो जिस मौके की तलाश में था उसे वह मिल गया. कैश वैन के गार्ड ने टॉयलेट जाने के लिए पहले गाड़ी रुकवाई. विनय ने प्रदीप को फोन कर यह पूछा कि वैन को कहां ले जा रहे हो, इस पर प्रदीप ने कहा कि यहां ट्रैफिक ज्यादा है, वैन को आगे खड़े करता हूं. ड्राइवर ने यू टर्न लेकर आने की बात कही और फरार हो गया.
प्रदीप फरार होने के बाद ओखला मंडी में ही मर्सिडीज के पुराने शोरूम के पीछे बने गोदाम में कैश वैन ले गया और वहां पर एक बुजुर्ग गार्ड से उसने कहा कि ये मेरा सामान है इसे रख लो मेरे पास अभी गाड़ी नहीं है, सुबह दूसरी गाड़ी लाकर इसे ले जाऊंगा. इसके बाद प्रदीप ने रुपयों से भरे बैग उसी गोदाम में रख दिए और खाली वैन गोविंद पुरी मेट्रो स्टेशन के पास खड़ी कर दी और वहां से वापस लौटा. फिर उसने कुछ रुपयों से अपने लिए कपड़े और घड़ी खरीदी और वापस आकर गोदाम में सो गया. ड्राइवर पूरी रकम के साथ गोदाम में छुपा था, जहां से सुबह होते ही वो यूपी के बलिया के लिए निकलने वाला था. लेकिन भागने से पहले ही पुलिस ने उसे धर दबोचा. ड्राईवर यूपी के बलिया का रहने वाला है. घटना के समय वैन में सिर्फ दो ही लोग थे.
गिरफ्तार हुए ड्राईवर प्रदीप ने बताया कि उसने सबसे बड़ी चोरी सिर्फ इसलिए कर डाली कि वह अपनी कंपनियों के अधिकारियों से अपनी सैलरी को लेकर नाराज था कि वे उसे कम तनख्वाह भी देते हैं और ज्यादा काम भी करवाते हैं. जितनी सैलरी थी उसे उतनी ना देकर कम पैसे दिए जाते थे. इसके अलावा उससे साइन पूरी सैलरी पर कराया जाता था. उसकी सैलरी 14000 हजार थी जबकि उसे केवल 9000 रुपए दिए जाते थे पर साइन चौदह हजार पर ही कराया जाता था.