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10 October 2015

किन्नर महापंचायत का समापन

गंजबासौदा: नगर में चल रही अखिल भारतीय किन्नर महापंचायत का समापन हुआ. यह सम्मेलन एक अक्टूबर से नौ अक्टूबर तक चला. देश के कोने कोने से किन्नर शामिल होने आये. समारोह में 4 किलो सोने के गहने पहने हुआ किन्नर चर्चा का ख़ास विषय रहा. किन्नर महापंचायत में आपसी सहमती से विवाद सुलझाये गए. विवादों का निपटारा किन्नर मुखियाओ ने किया. सम्मेलन में पूरे देश से 16 नायक और करीब डेढ़ हजार किन्नर शामिल हुए. प्रदेश और शहर में अखिल भारतीय स्तर का यह पहला बड़ा सम्मेलन था. सम्मेलन के आयोजक किन्नर मुखिया मुन्ना मामा थे.

सम्मेलन का आयोजन नए बस स्टैंड स्थित गार्डन में किया गया. इस सम्मेलन को लेकर नागरिकों में खासी उत्सुकता रही. किन्नरों के अधिकांश कार्यक्रम मनोरंजन, धार्मिक भजन, फिल्मी गाने रात में ही आयोजित हुए. सम्मेलन में किन्नरों का रोटी-बेटी कार्यक्रम प्रमुख था. समारोह स्थल के नजदीक ही किन्नरों की खरीददारी के लिए सोने चांदी की ज्वेलरी से लेकर कपड़े, बर्तन, श्रृंगार सामग्री की दुकानें लगाई गईं.

कार्यक्रम के रोटी-बेटी महासम्मेलन के तहत गांधी चौक श्रीराम मंदिर से किन्नरों ने कलश यात्रा निकाली गई. सभी वर्गों के धार्मिक स्थानों पर ध्वज, घंटा प्रसाद और चादर चढ़ाई. यात्रा में शामिल लोगों का नगर में कई स्थानों पर सम्मान व स्वागत हुआ. कलश यात्रा के समापन के साथ ही मूल सम्मेलन शुरु हुआ. क्षेत्रीय विधायक निशंक जैन ने देश के विभिन्न राज्यों व शहरों से आए किन्नरों का नगर की और से शॉल श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेट कर सम्मान किया.

कलश यात्रा से पहले हाजी मुन्ना मामा ने श्रीराम मंदिर, शीतला शक्तिधाम पर घंटा और ध्वज चढ़ाए तथा मकबरा शरीफ पर चादर चढ़ाई. मुन्ना मामा ने बताया कि किन्नरों की नजर में इंसानियत का धर्म सबसे बड़ा है. जातियों और वर्गों को इंसानों ने बांटा है ईश्वर ने नहीं. किन्नर मुखियाओं ने मकबरा शरीफ की दरगाह पर चादर चढ़ाई और किन्नर समाज सहित देश की खुशहाली के लिए दुआ मांगी.

कलश यात्रा में भारत माता के वेश में सजा भोपाल निवासी किन्नर सुरैया नायक 4 किलो सोने के गहने पहनकर कलश यात्रा में शामिल हुआ. पुलिस भी इसकी सुरक्षा के लिए परेशान रही. सिर पर मुकुट, गले में हार, करधनी सहित उसकी साड़ी में भी सोने के तारों से कशीदाकारी की गई थी. इसकी कीमत करीब एक करोड़ रुपए से ज्यादा थी. पुलिस अधिकारियों ने किन्नर को पैदल चलने की अनुमित नहीं दी. जिस कार में यह किन्नर सवार था उसे सशस्त्र पुलिसकर्मियों ने घेर रखा था. इस किन्नर को देखने लोगों में काफी उत्सुकता थी.

सम्मेलन में किन्नर एक दूसरे से परिचित हुए और नए संबंध बने. किसी ने बहन का तो किसी ने मौसी, बुआ का रिश्ता जोड़ा. एक दूसरे को उपहार, कपड़े, ज्वेलरी भेट किये गए. दोनों तरफ से दावतों का आयोजन किया गया.

सम्मेलन के आयोजक मुन्ना मामा के दरवाजे पर भोपाल के किन्नर ने सात तोला सोने का तोरण बांधा. आयोजन के दौरान भात की रस्म पूरी कर एक दूसरे को हल्दी लगाई गई. आवास के बाहर दरवाजे पर हल्दी और मेंहदी के हाथ के निशान लगाए गए.

इस सम्मेलन आयोजन के तीन प्रमुख उद्देश्य थे. रोटी सम्मेलन के माध्यम से किन्नर परंपरा को आगे बढ़ाऩा. वर्तमान परिवेश में परंपरा में बदलाव पर चिंतन. किन्नरों के बीच चल रहे आपसी विवादों का समाधान. आपसी संबंधों को मजबूत बनाकर मेल मिलाप बढाऩा. महिला पुरुषों की भांति देश के संविधान में किन्नरों को मान्यता दिलाना.

रोटी-बेटी सम्मेलन समापन पर बिदाई में सभी को लड्डूओं के साथ बर्तन, स्मृति चिंह देकर विदा किया गया. पूरा कार्यक्रम अनुशासित ढंग से चला. कार्यक्रमों की सूचना के लिए स्पीकर लगाए गए. कंट्रोल रुम बनाया गया.

शहर की पुलिस व्यवस्था पर सागर की पूर्व मेयर कमलाबाई का कहना है कि सम्मेलन के दौरान रात्रिकालीन आयोजनों में पुलिस की व्यवस्था नहीं रही. मनचलों ने कार्यक्रमों में व्यवधान डालां. ज्यादा गहनों की खरीददारी से सर्राफा बाजार में भी सोने के आभूषण की कमी पड़ गई.

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