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21 October 2015

जन्मदिन पर क्रिकेट से संन्यास

वीरू क्रिकेट संन्यास

नई दिल्ली: मुल्तान के सुल्तान वीरेंद्र सहवाग ने अपने जन्मदिन पर संन्यास लिया. सहवाग ने मंगलवार को इंटरनेशनल क्रिकेट और आईपीएल से संन्यास की घोषणा की. सहवाग दुनिया के सबसे आक्रामक ओपनर बल्लेबाजों में शुमार थे. इसके साथ ही उनके एक दशक के सुनहरे कैरियर का भी अंत हो गया. आज अपना 37वां जन्मदिन मना रहे सहवाग कल दुबई में एक समारोह के दौरान ही संन्यास के संकेत दे चुके थे और कुछ घंटे बाद ही उन्होंने इसकी औपचारिक घोषणा कर दी. सहवाग ने अपने संन्यास की जानकारी ट्वीट करके दी. सहवाग 15 साल से ज़्यादा समय तक दिल्ली के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने के बाद हरियाणा के लिए रणजी ट्रॉफ़ी में खेल रहे हैं.

सहवाग ने यह फैसला अगले साल मास्टर्स चैम्पियंस लीग खेलने के लिये करार करने के बाद लिया. मास्टर्स चैंपियंस लीग में 2020 तक का करार है. मास्टर्स लीग फरवरी में होने वाली है. इस लीग में सिर्फ रिटायर्ड क्रिकेटर ही खेल सकते हैं. कुछ दिन पहले ही तेज गेंदबाज जहीर खान ने संन्यास लेने की घोषणा की थी. सहवाग सोमवार को मास्टर्स लीग के उद्घाटन के लिए दुबई में थे. यहां उन्होंने अगले साल मास्टर्स लीग में खेलने की पुष्टि की. चूंकि इस लीग में मौजूदा खिलाड़ी नहीं खेल सकते हैं, इसलिए उनके संन्यास की खबर फैल गई.

सहवाग ने इंदौर के होल्कर क्रिकेट स्टेडियम में साल 2011 में विस्फोटक पारी खेलते हुए सचिन की डबल सेंचुरी का रिकॉर्ड तोड़ा था. वेस्ट इंडीज के खिलाफ इस मैच में उन्होंने 149 बॉल में 219 रन बनाए थे, जिसमें उन्होंने 25 चौके और 7 छक्के लगाए थे. गौरतलब है कि सचिन ने फरवरी, 2010 में ग्वालियर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वन-डे इतिहास का पहला दोहरा नाबाद शतक(200* रन) लगाया था. उनका यह रिकॉर्ड तोड़कर सहवाग वन-डे में दोहरा शतक लगाने वाले दुनिया के दूसरे बल्‍लेबाज बने थे.

वीरेंद्र सहवाग अकेले भारतीय क्रिकेटर हैं, जिनके नाम दो तिहरे शतक हैं. वर्ल्ड क्रिकेट में 24 खिलाड़ियों के नाम 28 तिहरे शतक हैं. सर डॉन ब्रैडमैन और वीरेंद्र सहवाग सहित सिर्फ 4 खिलाड़ियों के नाम ही दो-दो तिहरे शतक हैं. ब्रैडमैन और सहवाग के अलावा सिर्फ ब्रायन लारा और क्रिस गेल ही ऐसे क्रिकेटर हैं, जिनके नाम 2-2 तिहरे शतक हैं. टेस्ट में तिहरा शतक जड़ने वाले वह अकेले भारतीय हैं.

सहवाग की खेलने की स्टाइल बिल्कुल सचिन जैसी थी. उन्होंने 28 मार्च, 2004 को जब पहली बार मुल्तान टेस्ट में तिहरे शतक की पारी खेली तो उन्हें 'मुल्तान का सुल्तान' कहकर पुकारा जाने लगा. उन्हें द लिटिल तेंदुलकर, नजफ़गढ़ का तेंदुलकर, नजफ़गढ़ का नवाब, वीरू जैसे उपनामों से भी पुकारा जाता है.

सहवाग ने भारत के लिए 15 साल के करियर में 104 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें उन्होंने 8586 रन बनाए हैं. इस दौरान उनके बल्ले से 23 शतक और 32 अर्धशतक निकले. वहीं 251 वनडे में सहवाग ने 35.05 की औसत से 8273 रन बनाए जिसमें 15 शतक और 38 अर्धशतक शामिल हैं. नज़फ़गढ के नवाब के नाम से मशहूर वीरू ने 19 टी-20 मैच भी खेले 394 रन हैं. टेस्ट में सहवाग का सर्वाधिक स्कोर 319 रन का है जबकि वनडे में उनका सबसे बड़ा स्कोर 219 रन है जो उन्होंने वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ इंदौर वनडे में बनाया था. वह महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका में 2007 विश्व कप और भारत में आईसीसी वनडे विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य थे. टेस्ट में सहवाग ने 40 और एकदिवसीय मैचों में 90 विकेट लिए. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान टेस्ट में 319 रन बनाये थे जो भारतीय रिकार्ड है. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी 309 रन बनाये और दो तिहरे शतक जमाने वाले बिरले बल्लेबाजों में शामिल हैं.

उन्होंने एक बयान में कहा ,'मैने हमेशा वही किया जो मुझे सही लगा, वह नहीं जो परंपरावादियों को सही लगा. ईश्वर की हमेशा कृपा रही और मैने वही किया जो मैं करना चाहता था. मैदान पर भी और अपने जीवन में भी. कुछ समय पहले ही मैने तय किया था कि अपने 37वें जन्मदिन पर क्रिकेट को अलविदा कहूंगा. मैं यह दिन परिवार के साथ बिता रहा हूं और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के हर प्रारुप और इंडियन प्रीमियर लीग को अलविदा कह रहा हूं.'

उन्होंने आगे कहा, 'क्रिकेट मेरा जीवन रहा है और आगे भी रहेगा. भारत के लिये खेलने का सफर यादगार रहा और मैने इसे अपने साथी खिलाडियों और भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिये यादगार बनाने की कोशिश की. मेरा मानना है कि मैं ऐसा करने में सफल रहा हूं'.

उन्होंने कहा, 'इसके लिये मैं अपने साथी खिलाडियों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिनमें से कुछ महानतम खिलाडियों में रहे. मैं अपने सभी कप्तानों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया और मेरा साथ दिया. मैं भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को भी धन्यवाद दूंगा'.

सहवाग 2013 से भारतीय टीम का हिस्सा नहीं है. सहवाग ने अपना अंतिम टेस्ट 2 मार्च, 2013 को हैदराबाद में आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था जबकि एकदिवसीय टीम के लिए वह अंतिम बार 2013 में कोलकाता में पाकिस्तान के खिलाफ खेले थे. वीरेंद्र सहवाग ने वर्ष 3 नवंबर, 2001 में अपना पहला टेस्ट मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ओवल में खेला था. अपने पहले ही टेस्ट मैच में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 105 रन की पारी खेली और शतक पूरा किया. वीरेंद्र सहवाग को उनकी विस्फोटक पारियों के लिए याद किया जाता है.

सहवाग कितने बड़े बल्लेबाज हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके संन्यास के संबंध में एक इशारे के बाद जैसे विश्व क्रिकेट में हलचल सी मच गई. बिजली की गति जैसी खबर दौड़ी और तमाम चैनलों और अन्य स्रोतों से खबर फ्लैश होनी शुरू हो गई. पूर्व क्रिकेटरों ने संन्यास के समय लेकर अचरज जताया था. खासकर तब जब अगले दिन उनका जन्मदिन है और तो और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने भी ट्विटर पर सहवाग की तारीफों के पुल बांधने शुरू कर दिए लेकिन उड़ते-उड़ते या शायद शुभचिंतकों के जरिए जब यह बात सहवाग तक पहुंची थी तो उन्होंने अपने स्रोतों से इस बात को स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने अभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास नहीं लिया है.

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