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29 September 2015
मुख्यमंत्री नीतीश रैली में दिखाई चप्पल
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच मंगलवार को नवादा में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रैली हुई. इस दौरान रैली में जमकर हंगामा हुआ. नवादा के वारसलीगंज में महागठबंध(जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस) के उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने नीतीश कुमार पहुंचे थे. नीतीश कुमार जैसे ही बोलने के लिए खड़े हुए रैली में मौजूद करीब 20-25 लोगों ने मुख्यमंत्री को चप्पले दिखाई. सभा में चप्पलें और कुर्सियां हवा में उछाली गईं. मोदी जिंदाबाद नीतीश मुर्दाबाद के नारे लगाए गए. इन नारों से मुख्यमंत्री को बोलने में परेशानी का सामना करना पड़ा और कुछ देर के लिए भाषण को रोकना पड़ा.
लगभग 15 फुट ऊपर बने मंच से नीतीश ने यह भांप लिया कि कुछ शरारती तत्वों की यह करतूत है. उन्होंने वहां मौजूद जनसमूह से यह पूछा कि क्या मैं बोलूं या नहीं. भीड़ से एक ही आवाज निकली हां और इसके बाद सीएम का भाषण शुरू हो सका.
मुख्यमंत्री को चप्पल दिखाने वाले बीजेपी कार्यकर्ता थे या आम लोग इस बात का पता अभी नहीं चल सका है. चुनावी सभा के समाप्त होने के बाद विधायक प्रदीप कुमार ने कहा कि यह विरोधियों की साजिश थी. कुछ शरारती तत्वों को बरगलाकर वे सीएम की सभा में भगदड़ और हंगामा कराने की फिराक में थे, लेकिन उनकी मंशा सफल नहीं हुई. विधायक प्रदीप कुमार के समर्थकों के विरोध पर शरारती तत्व वहां से भाग खड़े हुए. हाथापाई के कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई. अंत में विरोध करने वालों को सुरक्षाबलों ने खदेड़ दिया.
इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. माफी गांव के अभिजीत, सोनू और अंगद को गिरफ्तार किया गया है ये सभी नाबालिग हैं. पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार में शिक्षा व्यवस्था चौपट होने के कारण ही उन्होंने नीतीश का विरोध करने का फैसला किया था.
इस दौरान सीएम नीतीश ने विरोध करने वालों से कहा- मैं जानता हूं कि आप लोग कौन है? वैसे तो चुनाव में विरोध, चप्पल दिखाना, झंडे दिखाना कोई नया नहीं है. लेकिन, बिहार के इस चुनाव में ऐसा पहली बार है जब नीतीश कुमार जैसे किसी कद्दावर नेता की सभा में चप्पल उछाली गई है. इस व्यवधान के बाद सूबे के मुख्यमंत्री ने अपना भाषण रोक दिया था और कहा कि जब विपक्षी हमसे चुनाव लड़ने में अक्षम हो गए तो उन्होंने इन 20-25 लोगों को भेज दिया है. इससे पहले भी कई जगहों पर नीतीश का विरोध हो चुका है. मोतिहारी जिले में आशा संघ के लोगों ने नीतीश के काफिले को रोक दिया था. कुछ दिन पहले ही सांख्यिकी कर्मचारियों ने परमानेंट करने की मांग के लिए हंगामा विरोध प्रदर्शन किया था.
इन दिनों बिहार के गलियारों में काफी सियासी उथल-पुथल मची हुई है. आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद जातिवादी बयानबाजी कर रहे हैं तो बीजेपी नेता सुशील मोदी पर भी एफआईआर हो चुकी है. इसके अलावा, बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने यह बयान देकर सनसनी फैला दी है बिहार का अगला सीएम सवर्ण नहीं होगा. इस समय बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह में बिहार में डेरा डाले हुए है चुनावी रणनीति बना रहे है.
कांग्रेस इस प्रचार में सबसे कमजोर नजर आ रही है. राहुल गांधी विदेश में हैं और बीजेपी उनकी पार्टी पर जमकर निशाना साध रही है.