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22 September 2015
पवित्र हज यात्रा प्रारंभ
मीना(सऊदी अरब): वार्षिक हज यात्रा की शुरुआत मंगलवार से हो गई. हज यात्रा की शुरूआत के मौके पर दुनियाभर से आए मुस्लिमों ने पवित्र शहर मक्का के नजदीकी शहर मीना जाने की अपनी यात्रा शुरू कर दी. लाखों मुसलमानों ने पवित्र मक्का से मीना तक का सफर तय किया. इस यात्रा में डेढ़ लाख से अधिक भारतीय मुसलमान शामिल हैं. हज यात्रियों ने ऐ मेरे अल्लाह, मैं तुम्हारे पास आया हूं के उच्चारण के साथ बिना सिले सफेद कपड़े पहने समूहों में मीना की ओर बढ़ना शुरू कर दिया. हज यात्रा ईद उल-अजहा के बाद पूरी हो जाएगी.
हज के दौरान पुरूष, दो टुकड़ों का बिना सिला सफेद कपड़ा पहनते हैं जो कि पवित्रता का प्रतीक होता है. जबकि महिलाएं भी आमतौर पर सफेद कपड़े पहनती हैं और हाथ तथा चेहरे को छोड़कर अपने पूरे शरीर को ढके रहती हैं. इसे अहराम कहा जाता है. हज यात्रियों ने मक्का से मीना की करीब पांच किलोमीटर की यात्रा सोमवार रात से ही शुरू कर दी थी. जबकि ज्यादातर लोगों ने आज फज्र(सुबह) की नमाज के बाद अपने सफर की शुरूआत की. ज्यादातर यात्रियों ने अपना सफर बसों से शुरू किया वहीं कुछ ने पैदल ही जाना ही मुनासिब समझा. कुछ हज यात्री व्हीलचेयर पर भी देखे गए.
अराफात में नमाजें अदा करने के बाद हज यात्री पास के मुजदाफिला जाएंगे और वहां से मीना घाटी में रस्म अदा करने के लिए कंकड़ इकट्ठे करेंगे. इससे अगले दिन हज यात्री तीन स्तंभों पर शैतान को सांकेतिक तौर पर कंकड़ मारेंगे. कंकड़ मारने के बाद, पैगम्बर इब्राहिम की अपने इकलौते बेटे हजरत इस्माइल की अल्लाह के लिए कुर्बान करने के लिए रजामंदी जताई थी, जिसकी याद में हज यात्री पशु की कुर्बानी देने की रस्म को अदा करेंगे. पैगम्बर इब्राहिम जब हजरत इस्माइल को कुर्बान करने के लिए जा रहे थे तो जहां शैतान ने उन्हें अल्लाह के हुक्म का पालन करने से रोकने की कोशिश की थी वहां उन्होंने शैतान को कंकड़ मारे थे. उसके प्रतीक के तौर पर कंकड़ मारे जाते हैं.
यात्रा के लिए सऊदी अरब सरकार ने सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए हैं. हज इस्लाम के पांच बुनियादी स्तंभों में से एक है. हर सक्षम मुस्लिम को कम से कम जीवन में एक बार हज करना चाहिए. पांच दिवसीय हज के लिए तकरीबन डेढ़ लाख भारतीय भी सऊदी अरब में जुटे हैं. दस दिन पहले मक्का की मस्जिद अल हराम में तेज हवाओं की वजह से एक बड़ी क्रेन गिर पड़ी थी, जिसमें 11 भारतीयों सहित 107 लोगों की मौत हुई थी. इसको लेकर सरकार काफी सचेत है.