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26 September 2015
रिकॉर्ड 'बालिका वधू' पूरे हुए 2,000 एपिसोड
मुंबई: लोकप्रिय टेलीविजन धारावाहिक बालिका वधू 2000 कड़ियां पूरा करने वाला देश का पहला हिंदी धारावाहिक बन गया है. यह धारावाहिक टेलीविजन चैनल कलर्स पर पिछले सात सालों से प्रसारित हो रहा है. इस धारावाहिक में बाल विवाह, घरेलू हिसा, वैवाहिक दुष्कर्म, पुनर्विवाह सहित विभिन्न सामाजिक मुद्दों को उठाया गया है. यह कार्यक्रम सामाजिक मुद्दों पर चिंतन की प्रेरणा देता है. इसमें ग्रामीण भारत की सच्चाई को दिखाते हुए महिला सशक्तिकरण की दिशा में पहल की गई है. इस टीवी कार्यक्रम में तोरल रासपुत्रा की मुख्य भूमिका है. इतनी सफलता हासिल करने वाला यह धारावाहिक टीवी जगत का पहला कार्यक्रम बन गया है.
बालिका वधू का सफ़र सात साल पहले 21 जुलाई 2008 को कलर्स चैनल पर लांच होने के साथ शुरू हुआ था. बालिका वधू की मजबूत पटकथा और दमदार अभिनय ने दर्शकों का ध्यान इसकी ओर खींचा. बालिका वधू में आनंदी का किरदार निभा रहीं अभिनेत्री तोरल रासपुत्रा का कहना है कि उन्हें इस किरदार को निभाते हुए कई तरह की भावनाओं से गुजरने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. मां-बेटी के पुनर्मिलन पर आनंदी उर्फ तोरल ने कहा, 'ऐसा कहते हैं कि दुनिया का जो सबसे मजबूत बंधन होता है वह एक मां और बेटी के बीच का रिश्ता होता है. पिछले दो सालों से बालिका वधू के जीवन को जीते हुए मुझे कई तरह के भावनात्मक दृश्यों को जीने का मौका मिला'. दर्शकों ने शो के आनंदी किरदार को खूब पसंद किया और अभी तक कई कलाकारों ने इसे इस शो में निभाया है. सबसे छोटी आनंदी का किरदार अविका गौर ने किया और खूब लोकप्रियता दिलाई. धारावाहिक में अविका गौर और प्रत्यूषा बनर्जी के बाद आनंदी का किरदार तोरल(तीसरी आनंदी) निभा रही है.
जैतसर, उदयपुर और राजस्थान की पृष्ठभूमि में बने इस धारावाहिक ने रातोंरात टीआरपी की जंग जीत ली और बालिका वधू की पहली बालिका अभिनेत्री अविका गौर सुपरहिट हो गईं. आज सात साल बाद इस धारावाहिक की पूरी कास्ट बदल चुकी है, आनंदी का किरदार निभाने वाली अभिनेत्रियां भी तीन बार बदल चुकी हैं लेकिन बाल विवाह की कुरीति पर चोट करते इस धारावाहिक का सफ़र बदस्तूर जारी है.
2,000 एपिसोड पूरा करने पर चैनल ने सोशल मीडिया पर अखिल भारतीय फोटोग्राफी पहल का आयोजन किया है और दर्शकों से मां-बच्चे के रिश्ते पर अपने सबसे बेहतरीन पलों को साझा करने को कहा है.
कलर्स चैनल के सीईओ राज नायक ने कहा, 'सालों से बालिका वधू हमारी प्रस्तुतियों के लिए महत्वपूर्ण पहचान बना है और इसकी सफलता एक मनोरंजन चैनल के तौर पर हमारी सफलता का पर्याय बनी है. यह यात्रा अद्भुत है और हम हमारे दर्शकों का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं जिन्होंने अपना भरपूर प्यार और समर्थन देकर हमारे लंबी दूरी तय करने के सपने को हकीकत में तब्दील कर दिया'. तोरल(तीसरी आनंदी) कहती हैं, 'हम दर्शकों के आभारी हैं और मुझे गर्व है कि मैं टीवी के एक माइलस्टोन धारावाहिक का हिस्सा हूँ और उम्मीद करती हूँ कि शो के अंत तक इसका हिस्सा रहूंगी'.
'ये रिश्ता क्या कहलाता है' जैसे धारावाहिक के निर्माता और मशहूर टीवी निर्देशक राजन शाही कहते हैं, 'उनकी टीम को बधाई, ये दिखाता है कि कंटेंट ही असल विजेता होता है और दर्शक कुछ नया देखना चाहते हैं. ये ऐसा सीरियल था जिसने सोशल धारावहिक की शैली बना दी'. बालिका वधू ने ऐसे धारावाहिकों के लिए रास्ता खोल दिया. फिर कलर्स पर ही 'न आना इस देस लाडो', 'उड़ान' और दूसरे चैनलों पर 'गंगा' जैसे धारावाहिक आए, जो 'सास बहू' धारावाहिकों के दौर में कल्पना से बाहर था. भारतीय टेलीविज़न के इतिहास में अगर लंबे अरसे तक चलने वाले धारावाहिकों की बात करें तो आप शायद एकता कपूर के धारावाहिकों 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' और 'कहानी घर घर की' का नाम लें. लेकिन 'बालिका वधू' इन दोनों धारावाहिकों को पछाड़कर सबसे ज़्यादा एपिसोड दिखाने वाले सीरियलों की लिस्ट में पहले पायदान पर पहुंचा है.
आगामी सप्ताहों में धारावाहिक की कहानी आनंदी और उसकी बेटी निबोली के बीच अंकुरित होते रिश्ते पर केंद्रित होगी. आनंदी की बेटी निबोली का किरदार निभा रही बाल कलाकार ग्रेसी गोस्वामी इसका हिस्सा बनकर काफी खुश है और उसे आशा है कि वह 'बालिका वधू' के अंतिम एपिसोड तक इसमें काम करती रहेगी.