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25 April 2016
चुम्बकीय बना इस मानव का शरीर
सागर: मप्र के सागर जिला के पास ग्राम ढाना निवासी अरूण रायकवार इन दिनों खासे चर्चा में हैं. सामान्य जिंदगी जीने वाले अरुण रायकवार के शरीर में चुंबकीय पॉवर बनने लगी. उनके शरीर में लोहे और स्टील से बनी वस्तुएं चिपकने लगी है. सुनने में यह बात अजीब सी लग रही है लेकिन यह बात अरुण के साथ सच हो रही है. अरुण के साथ यह अजीब सी स्थिति बनने के बाद उन्होंने डॉक्टर को दिखाया तो वे निरुत्तर हो गए. इस मामले में मेडिकल साइंस के विशेषज्ञ भी मौन है. सागर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के अनुसार किसी इंसान के शरीर में चुंबकीय पावर जनरेट होना संभव नहीं है.
चुंबकीय पुरुष अरुण रैकवार पेशे से फोटोग्राफर हैं. फोटोग्राफी करके वे बमुश्किल अपना परिवार चला पाते हैं. कुछ दिन पहले उनकी दुकान में काम के दौरान अचानक एक लोहे की कील उनके शरीर पर चिपक गई. अरुण और परिजनों ने सोचा कि पसीने के कारण ऐसा हुआ होगा. हैरान होकर अरुण ने लोहे की अन्य कीलें और चम्मच चिपका कर देखा, तो वो भी चिपक गए. लेकिन जब अन्य चम्मच उनके शरीर में लगाई तो करीब दर्जन भर चम्मच और शरीर से चिपक गई. चुंबकीय ताकत को देखने गांव सहित आसपास के इलाकों के लोगों का मजमा उनके घर पर लगने लगा. उनके सिर्फ सीने, पेट और पीठ में वस्तुए चिपक रही है.
डॉक्टरों के अनुसार अरुण बिलकुल स्वस्थ्य हैं. अरुण को चुम्बकीय पॉवर मिलने के बाद अंदर और बाहर कोई बदलाव समझ नहीं आया.
डॉ. आरएस वर्मा, संयुक्त संचालक, बीएमसी, सागर ने कहा किसी इंसान के शरीर में चुम्बकीय पॉवर जनरेटर होना मेडिकल साइंस के अनुसार संभव ही नहीं है. हालांकि इस तरह के केस पहले भी सामने आए हैं, जब शरीर में करंट बन रहा था. एक केस ऐसा भी आया जिसको करंट नहीं लगता था. अब इसी तरह का अजूबा केस ढाना के अरुण का है. अरुण को शारीरिक रूप से कोई परेशानी नहीं हो रही. यह बीमारी है या चमत्कार, अरुण को कुछ समझ नहीं आ रहा है.
डॉ. आरसी पटेल का कहना था कि इसमें घबराने की बात नहीं है कभी-कभी शरीर में गर्मी के प्रभाव की वजह से ऐसा हो जाता है. इधर, बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के सहायक अधीक्षक एसपी सिंह का कहना है कि उन्होंने भी उस शख्स का वीडियो देखा है.
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रॉनिक डिपार्टमेंट के हेड डॉ नीरज गौर ने बताया कि यह कोई बड़ा मामला नहीं है. ऐसा किसी भी इंसान के साथ इन दो कारण से होता है. पहला, मानव शरीर में खून के चार खास घटक होते हैं. इनमें लाल कोशिकाएं, श्वेत कोशिकाएं, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा शामिल है. खून में जब प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ जाती है, तो ऐसा होता है. दूसरा कारण ये है कि, जहां भी वह व्यक्ति रह रहा हो, वहां का अर्थिंग पावर बहुत स्ट्रांग हो. ये भी संभव है कि उसके आस-पास के वातावरण में चुंबकीय तत्व ज्यादा हो, जिसकी वजह से ऐसा होना संभव है.