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12 August 2016

इरोम चानू शर्मिला अनशन ख़त्म

इरोम चानू शर्मिला

इंफाल: मानवाधिकार कार्यकर्त्ता इरोम चानू शर्मीला ने 16 साल बाद मंगलवार को दुनिया का सबसे लम्बा अपना अनशन ख़त्म किया. वे मणिपुर में आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट(AFSPA) के खिलाफ 16 साल से अनशन कर रही थी. अनशन तोड़ते वक्त इरोम शर्मिला भावुक हो गई और रो पड़ी. इरोम शर्मिला के अदालत से निकलकर अपना अनशन खत्म करने के ऐलान के बाद डॉक्टरों ने उन्हें शहद की एक शीशी दी. इरोम ने शहद चाटकर अपना अनशन तोड़ा था. आयरन लेडी के नाम से मशहूर इरोम शर्मिला के अनशन तोड़ने के वादे के बाद अदालत से उन्हें जमानत मिल गई.

5 नवंबर सन 2000 वो आखिरी दिन था जब इरोम ने खाने का स्वाद चखा था. साल 2000 में उन्होंने अपने अनशन की शुरुआत की थी और तब से उन्हें जिंदा रखने के लिए पाइप के जरिए जबरन लिक्विड डाइट दी जाती रही है. इंफाल के मालोम गांव में कथित तौर पर असम राइफल्स के जवानों द्वारा 10 लोगों के मारे जाने के बाद इरोम ने तब तक खाना न खाने की कसम खाई थी जब तक कि ये कानून खत्म नहीं कर दिया जाता. 1958 से लागू इस कानून के तहत सिक्युरिटी फोर्सेस को गिरफ्तारी या बल प्रयोग के खास अधिकार हासिल हैं.

इरोम शर्मिला के अनशन खत्म करने के बाद उनकी सेहत को लेकर चिंताओं के मद्देनजर अधिकारियों उन्हें फिर से वापस अस्पताल ले गए.

44 वर्षीय इरोम ने कहा, मैं क्रांति की प्रतीक हूं. मैं मणिपुर की मुख्यमंत्री बनना चाहती हूं, ताकि अपने मुद्दों को राजनीति के जरिये उठा सकूं. इरोम ने शादी की भी इच्छा जताई है. मुझे आज़ाद किया जाए. मुझे अजीब सी महिला की तरह देखा जा रहा है. लोग कहते हैं, राजनीति गंदी होती है, मगर समाज भी तो गंदा है. उन्होंने कहा, मैं सरकार के ख़िलाफ़ चुनाव में खड़ी होऊंगी. मैं सबसे कटी हुई थी. मैंने महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर अमल किया है. मेरा ज़मीर क़ैद था, अब मुझे आज़ाद होना होगा. लोग मुझे इंसान के तौर पर क्यों नहीं देख सकते? मैं अपील करती हूं कि मुझे आज़ाद किया जाए. इरोम शर्मिला अब भी अफस्पा नहीं हटने तक नाखून न काटने, बाल न संवारने, घर न जाने और अपनी मां से न मिलने के संकल्प पर कायम हैं.

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