News of Madhya Pradesh India
Hindi news portal of Bhopal. read regular fresh news of Bhopal, Indore, Gwalior, Jabalpur. whole state reporting with MP News Portal
16 January 2016
सिक्किम देश का पहला जैविक राज्य बना
कोलकाता: भारतीय कृषि के इतिहास में एक सुनहरा पन्ना जुड़ा. पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम देश का पहला पूर्ण जैविक खेती वाला राज्य बना. राज्य में करीब 75 हजार हैक्टेयर कृषि भूमि में सिर्फ टिकाऊ खेती होने लगी है. इसे दिसंबर के अंत में पूर्ण जैविक राज्य का दर्जा हासिल हुआ. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इसकी औपचारिक घोषणा होना बाकी है. इस लक्ष्य को हासिल करने में 12 साल का समय लगा.
सिक्किम के जैविक मिशन के कार्यकारी निदेशक डॉ. अनबालागन ने बताया कि दिसंबर के अंत में राज्य ने पूर्ण जैविक राज्य का दर्जा हासिल कर लिया. उन्होंने बताया कि राज्य की 75,000 हैक्टेयर कृषि भूमि को धीरे-धीरे प्रमाणिक जैविक भूमि में बदला गया इसके लिए राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों के अनुसार जैविक सिद्धांतों और प्रक्रियाओं को अपनाया गया.
बारह साल पहले 2003 में तत्कालीन पांचवे मुख्यमंत्री पवन चामलिंग सरकार ने सिक्किम को जैविक खेती वाला राज्य बनाने का फैसला किया था. बाद में राज्य में खेती के रसायनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया किसानों के पास जैविक खेती के सिवाए कोई विकल्प नहीं था इसमें रासायनिक कीटनाशकों रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं होता इसमें गोबर की खाद व प्राकृतिक कीटनाशकों का उपयोग होता है.
जैविक खेती उपलब्धि से हिमालयन राज्य में पर्यटन के बढऩे की संभावना भी बढ़ गई है. कई रिसॉर्ट यह कहकर अपनी मार्केटिंग कर रहे हैं कि उनके यहां मिलने वाले सभी उत्पाद जैविक खेती से पैदा हुए हैं.
जैविक खेती में रासायनिक कीटनाशकों व उवर्रकों का इस्तेमाल करने के बजाय परंपरागत तरीके अपनाकर पर्यावरण के साथ तालमेल बनाया जाता है. जैविक खेती से जैव-विविधता को संरक्षण व पर्यावरण रक्षा में दीर्घकाल में मदद मिलती है. खेती में जैव उर्वरकों के इस्तेमाल से कई तरह के लाभ होते हैं. इसका इस्तेमाल अन्य रासायनिक उर्वरकों से सस्ता होता है जिससे फसल उत्पादन की लागत घटती है, नाइट्रोजन व घुलनशील फास्फोरस से फसल के लिए सुलभता बढ़ती है, पौधों में वृद्धि कारक हारमोन उत्पन्न होते हैं जिनसे उनकी वृद्धि पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और फसल में मृदा जन्य रोग नहीं होते साथ ही फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होती है.
भारत में वर्ष 2003-04 में जैविक खेती को लेकर गंभीरता दिखाई गई और 42,000 हेक्टेयर क्षेत्र से जैविक खेती की शुरुआत हुई. मार्च 2010 तक यह बढ़कर 10 लाख 80 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया.
सिक्किम को जैविक खेती वाला राज्य बनाने के तहत स्विट्जरलैंड के फिबल(FIBL) जैविक अनुसंधान संस्थान केंद्र और सिक्किम के कृषि विभाग के बीच दीर्घकालिक साझेदारी हुई थी जिसके तहत दोनों के बीच तकनीक साझा करने का समझौता हुआ था. सिक्किम की आबादी का 64 प्रतिशत हिस्सा आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है. सिक्किम में लगभग 1,09,000 हेक्टेयर कृषि भूमि है जिसमें से अब 75,000 हेक्टेयर कृषि भूमि को क्रमिक रूप से प्रामाणिक जैविक भूमि में तब्दील किया गया है.
सिक्किम में मुख्य रूप से बड़ी इलायची, हल्दी, अदरक, ऑफ सीजन सब्जियां, फूल, सिक्किम नारंगी, किवी फल, कूटू, धान, मक्का और जौ का उत्पादन होता है. चूंकि सिक्किम के किसान कभी भी रसायनों पर अधिक निर्भर नहीं रहे इसलिए जैविक खेती अपनाने से उपज में कोई कमी नहीं आई. रासायनिक उर्वरक व कीटनाशकों का उपयोग प्रति हैक्टेयर 8-12 किलो ही था.
जैविक उत्पादों की दुनियाभर में भारी मांग है. स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति जागरूक लोगों में इन उत्पादों को काफी पसंद किया जाता है. सिक्किम में करीब 80 हजार टन कृषि उत्पादों का उत्पादन होता है. जबकि देश में कुल जैविक कृषि उत्पादन 12.40 लाख टन है. देश में मात्र 7.23 लाख हैक्टेयर में जैविक खेती हो रही है.