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25 June 2016
कुंबले टीम इंडिया के कोच नियुक्त
नई दिल्ली: अनिल कुंबले को एक साल के लिए टीम इंडिया का हेड कोच बनाया गया. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) ने धर्मशाला में हुए एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बीसीसीआई प्रमुख अनुराग ठाकुर ने उनके नाम की घोषणा की. इस मौक़े पर बीसीसीआई के सचिव अजय शिर्के भी मौजूद थे. बाक़ी के कोचिंग स्टॉफ़ का चयन बाद में किया जाएगा. पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री और अनिल कुंबले में इस पद के लिए टक्कर थी. बोर्ड को कोच के आवेदन के लिए कुल 57 आवेदन मिले, बोर्ड ने इस सूची में से 21 लोगों को इंटरव्यू के लिए चुना. पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने टीम इंडिया के मुख्य कोच की रेस में 57 पूर्व खिलाड़ियों को पीछे छोड़ा है.
अनिल कुंबले का एक खिलाड़ी से टीम इंडिया के मुख्य कोच बनने के सफर में 26 साल का समय लगा. सचिन तेंदुलकर, सौरभ गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण और संजय जगदाले की सलाहकार समिति ने मुख्य कोच का चयन किया. आधिकारिक तौर पर अजित वाडेकर भारतीय टीम के पहले कोच थे. इसके बाद बोर्ड ने संदीप पाटिल, अंशुमान गायकवाड़ और कपिल देव को कोच नियुक्त किया.
कोहली ने ट्विटर पर लिखा, 'अनिल कुंबले सर का हार्दिक स्वागत है. आपके साथ काम करने को उत्सुक हूं. आपके साथ भारतीय क्रिकेट को देने के लिए कई अहम चीजें रहेंगी'. इस पर कुंबले ने भी देर नहीं लगाई और विराट कोहली को धन्यवाद देते हुए कहा, 'वह उनके व भारतीय टीम के साथ काम करने को उत्सुक हैं'. पूर्व खिलाड़ी संजय मांजरेकर ने लिखा, 'भारतीय टीम को एक ऐसा कोच मिला है, जो पूरी लगन से अपना काम करेगा. अनिल कुंबले के काम करने का यही तरीका है'. इयान चैपल का मत है की अनिल कुंबले ग्रेग चैपल से अच्छे कोच साबित होंगे.
कर्नाटक के बेंगुलरु में जन्मे अनिल कुंबले को शुरू से ही क्रिकेट में काफी दिलचस्पी थी. कुंबले भारतीय क्रिकेट इतिहास के महानतम स्पिनर हैं. वो भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला गेंदबाज भी हैं. 1990 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने क्रिकेटिंग करियर की शुरुआत करने वाले कुंबले ने 2008 तक भारतीय क्रिकेट की सेवा की. 1996 के वर्ल्डकप में वो सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने. साल 1999 कुंबले क्रिकेट इतिहास में पाकिस्तान के खिलाफ एक पारी के सभी 10 विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बने. टेस्ट में 600 विकेट लेने वाले वो इकलौते भारतीय गेंदबाज हैं. साल 2005 में कुंबले को पद्म श्री अवॉर्ड से भी नवाजा गया. साल 2008 में गिरती फॉर्म और फिटनेस के बाद कुंबले ने क्रिकेट को अलविदा कहा. साल 2010 में वो कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने. साथ ही साल 2012 में वो आईसीसी क्रिकेट कमेटी के चेयरमैन भी बने. साल 2010 से साल 2012 तक कुंबले नेशनल क्रिकेट एकेडमी के चेयरमैन भी रहे. क्रिकेट में उनके अनूठे योगदान के लिए 2015 में उन्हें आईसीसी हॉल ऑफ फेम में भी शामिल किया गया. इसके अलावा कुंबले आईपीएल में रॉयल चैंलेंजर्स बैंगलोर और मुंबई इंडियंस के भी चीफ मेंटोर भी रह चुके हैं.