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18 June 2016
वायुसेना महिला ऑफिसर बनी पहली फायटर पायलट
हैदराबाद: शनिवार का दिन भारतीय इतिहास के लिए ऐतिहासक रहा. तीन महिला ऑफ़िसरो को वायुसेना में कमिशन किया गया और वे आगे चलकर फ़ाइटर पायलट बनेंगीं. तीन महिला अफ़सर बिहार के बेगूसराय की भावना, मध्य प्रदेश के रीवा से अवनि और गुजरात के वडोदरा से मोहना सिंह को प्रथम महिला फायटर पायलटों के रूप में औपचारिक रूप से कमीशन प्रदान किया गया. रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने शहर के बाहरी क्षेत्र डुंडीगल में स्थित वायुसेना अकादमी में आयोजित संयुक्त ग्रेजुएशन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया. पायलट की ट्रेनिंग समाप्त होने के बाद सुबह हैदराबाद के हकीमपेट में इनकी पासिंग आउट परेड हई. पर्रिकर ने पासिंग आउट परेड की सलामी ली और राष्ट्रपति की ओर से 130 फ्लाइट कैडेटों को 'राष्ट्रपति कमीशन' दिया. इनमें 22 महिला प्रशिक्षु को फ्लाइंग ऑफिसर्स के रूप में कमीशन दिया गया है.
तीनों महिला पायलटों ने कहा कि वे अपने को सौभाग्यशाली समझती हैं तथा अपने दायित्वों को संभालने को लेकर उत्साहित हैं. इन तीनों ने भारतीय वायुसेना की विभिन्न शाखाओं में फ्लाइट कैडेटों द्वारा कमीशन पूर्व विभिन्न प्रशिक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा किया है. अब इन तीनों महिला पायलटों को कर्नाटक के बीदर या फिर कलिकुंडा जाना पड़ेगा जहां वे हाक आधुनिक जेट प्रशिक्षण विमानों पर तीसरे चरण का एक वर्ष तक प्रशिक्षण लेंगी. जो युद्ध के वक्त काम आएंगे. उसके बाद उन्हें सुपरसानिक युद्धक विमान उड़ाने का अवसर मिलेगा. वहां पर इन तीनों को मिग-21, मिराज-2000 और सुखोई-30 MKI उड़ाना सिखाया जाएगा. ये तीनो साल 2017 में पूरी तरह से फाइटर पायलट बन जाएंगी.
केंद्र सरकार ने अक्तूबर में भारतीय वायुसेना को महिलाओं को फायटर पायलट बनाने के लिए अनुमति देकर ऐतिहासिक कदम उठाया था. फायटर पायलट बनने के लिए छह महिला कैडेटों के बीच मुकाबला था. इनमे से केवल तीन महिला प्रशिक्षुओं को इस प्रशिक्षण के लिए चुना गया है.
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने संयुक्त ग्रेजुएशन समारोह को एक उपलब्धि बताया और कहा कि यह पहली बार है कि महिलाओं को युद्धक भूमिका दी गई है. यह स्वर्णिम अक्षरों वाला दिन है. साथ ही उन्होंने दावा किया आने वाले वर्षों में सशस्त्र बलों में कदम-दर-कदम पूर्ण लैंगिक समानता हासिल की जाएगी.