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20 March 2016

वायुसेना ने आयोजित किया आयरन फिस्ट 2016

वायुसेना का अभ्यास

पोखरन: भारतीय वायुसेना ने शुक्रवार को आयरन फिस्ट कार्यक्रम में शक्ति प्रदर्शन किया. वायुसेना ने दुनिया के सामने अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन किया. इस समारोह में वायुसेना अपनी मारक क्षमता एवं हथियारों का प्रदर्शन कर रही है. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शामिल हुए. इसमें वायुसेना के 181 लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे है. कार्यक्रम स्थल पोकरण के चांधन ऐयरबेस पर विशिष्ठ अतिथियों के बैठने की व्यवस्था की गई. प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने किया. पोखरण फायरिंग रेंज में इस युद्धाभ्यास में वायुसेना के लड़ाकू विमान और हैलीकॉप्टर के अलावा मानव रहित विमान अपना कौशल प्रदर्शित कर रहे हैं.

वायुसेना का पोखरण अभ्यास

कार्यक्रम में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, थल सेनाध्यक्ष दलबीर सिंह, नौसेना अध्यक्ष भी मौजूद रहे. भारतीय वायुसेना हर तीन साल में इस कार्यक्रम का आयोजन करती है. इससे पहले आयरन फिस्ट कार्यक्रम फरवरी 2013 में आयोजित हुआ था. भारतीय वायुसेना का पहला अभ्यास वर्ष 1954 में 'वायु शक्ति' के नाम से हुआ था. इसके लिए लड़ाकू विमान युद्ध का पूर्वाभ्यास करते हैं. वायुसेना के इस अभ्यास में राष्ट्रपति और पीएम के अलावा 50 से ज्यादा मित्र देशों के एयर अटेची, डिफेंस अटेची के अलावा कई केंद्रीय मंत्री एवं तीनों सेनाओं के प्रमुख भी शामिल होना है.

वायुसेना का शक्ति अभ्यास

इस मौके पर वायुसेना अध्यक्ष अरुप राहा ने कहा, मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि वायुसेना, नौसेना और थलसेना देश की किसी भी विपत्ति से निपटने के लिए हर समय मुस्तैद है. आयरन-फिस्ट एक्सरसाइज का आदर्श-वाक्य है 'दुश्मन को सबक सिखाने की क्षमता का प्रदर्शन'.

विमान अभ्यास में दुनिया के सबसे घातक लड़ाकू विमान सुखोई, मिराज, तेजस, मिग, आईएल-76, सी-130 जे सुपरहरक्युलिस, सी-17 ग्लोबमास्टर जैसे ट्रांसपोर्ट विमान और एमआई-17, एएलएच, एलसीएच जैसे हेलीकॉप्टरों ने अपनी शक्ति और कौशल का बखूबी प्रदर्शन किया. देश में ही विकसित तेजस के चार विमानों को इस युद्धाभ्यास में अपनी क्षमता दर्शाने के लिए बुलाया गया. युद्धाभ्यास में लड़ाकू विमानों के ऑपरेशन के अलावा गरुड़ कमांडो की सी-17 विमान से फ्री-फालिंग और युद्ध-कौशल भी दिखाया गया. इसके अलावा पहली बार प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की मौजूदगी में सुखोई से अस्त्र-मिसाइल की फायरिंग की गई. स्वदेश निर्मित आकाश मिसाइल सिस्टम प्रणाली से लाइव फायरिंग की गई.

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