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18 February 2017
मुख्यमंत्री शिवराज बने शिक्षक बच्चो की ली क्लास
भोपाल: राज्यभर में शनिवार को मिल-बांचे कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसके तहत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने शिक्षक की भूमिका अदाकर बच्चों को करीब एक घंटे तक पढाया. मुख्यमंत्री ने कक्षा में पहुंचते ही बच्चों पर गुलाब की पंखुड़ियों से बारिश की. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुद बचपन में भोपाल के इसी शासकीय संजय गांधी सरकारी मिडिल स्कूल में छठी से आठवीं तक पढ़े हैं. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बच्चों में पढ़ने की ललक बढ़ाने के मकसद से कार्यक्रम आयोजित किया गया.
यहां शिवराज सिंह ने छात्र-छात्राओं को कविता सुनाई, जोड़-घटाना किया और प्रेम और देशभक्ति से ओतप्रोत शिक्षाप्रद कहानी सुनाई. उन्होंने बच्चों को गुरु की आज्ञा पालन की महत्ता, आरुणि की गुरु भक्ति की कहानी और देश के लिए प्राणों का न्योछावर करने वाले चंद्रशेखर आजाद के प्रेरक प्रसंग सुनाए.
मिल-बांचे कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन इंदौर के अहिल्या आश्रम विद्यालय पहंचे. रीवा में मंत्री राजेंद्र शुक्ल, ग्वालियर में मंत्री माया सिंह, उज्जैन में मंत्री पारस जैन, हाटपिपलिया में मंत्री दीपक जोशी, मुरैना में मंत्री रुस्तम सिंह और भिंड में मंत्री लाल सिंह आर्य ने सरकारी स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाया. जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शासकीय माध्यमिक स्कूल जाकर बच्चों को पढ़ाया. ऊर्जा मंत्री पारस जैन पानदरीबा संस्कृत प्राथमिक माध्यमिक स्कूल में पहुंचे. उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया चीनोर के स्कूल में टीचर बने जहां उन्होंने स्वयं पढ़ाई की थी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पहल पर प्रदेश के कई शहरों में मंत्री और विधायकों ने स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाया. इनमें राज्य सरकार के विधायक एवं जन-प्रतिनिधि, अधिकारी, समाजसेवी, सेवानिवृत्त अधिकारी, इंजीनियर, डॉक्टर, पूर्व विद्यार्थी तथा हर वर्ग के लोग शामिल हैं. बच्चों ने भी कई विषयों पर सवाल-जवाब भी किए. अपने बीच मंत्रियों और अफसरों को पाकर बच्चे भी खासे उत्साहित थे. ‘मिल बांचे मध्यप्रदेश’ कार्यक्रम के तहत प्रदेशभर में करीब 2 लाख से ज्यादा लोगों ने स्कूलों में बच्चों को किताबों से हटकर पढ़ाया औऱ बच्चों के साथ संवाद किया.