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18 November 2017
मानहानि केस में कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा को 2 साल जेल
भोपाल: व्यापम मानहानि केस में कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा को भोपाल की जिला अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई. अदालत ने मिश्रा को मानहानि का दोषी मानते हुए 2 साल कैद की सजा दी, साथ ही उन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. सुनवाई के दौरान मिश्रा कोर्ट के सामने भ्रष्टाचार से जुड़े पुख्ता सबूत पेश नहीं कर पाए. आरोप में कहा गया था सीएम हाउस से 139 फोन करे गए. जबकि कॉल डिटेल में एक भी नंबर सीएम हाउस का नहीं निकला.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोपों के सिलसिले में केके मिश्रा के खिलाफ मानहानि का दावा दायर किया गया था. एमपी सरकार की ओर से दायर किए गए इस मानहानि के मुकदमे में सीएम शिवराज की गवाही भी दर्ज की गई थी.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह पर परिवहन आरक्षक भर्ती मामले में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. मिश्रा ने साधना सिंह के गृह नगर गोंदिया के कुछ लोगों को नियमों के खिलाफ भर्ती किए जाने का आरोप भी लगाया था.
कोर्ट के फैसले के बाद मीडिया के सामने कांग्रेस प्रवक्ता ने गाना गाकर कहा कि, 'हमसे का भूल हुई, जो ये सजा हमको मिली'. 'कातिल ही अगर कारवां का चीफ हो गया, हैरत नहीं जो काफीया रदीक हो गया'. यह देश का पहला मामला है, जहां भ्रष्टाचार उजागर करने वाले को सजा हुई. जिस तरह से फैसला आया है, उसके बाद तो मेरा वजन 5 किलो और बढ़ गया है. मां का दूध मैंने पिया है और मैं इन्हें जेल भिजवा कर ही दम लूंगा. मैं आज भी अपने आरोपों पर कायम हूं. मैं सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा.
इसके बाद शिवराज ने कहा था कि गोंदिया(महाराष्ट्र) से उनकी पार्टी के किसी भी रिश्तेदार को परिवहन आरक्षक चयनित नहीं किया गया. उन्होंने कहा था कि गोंदिया तो गोंदिया, पूरे महाराष्ट्र से कोई व्यक्ति इस पद पर चयनित नहीं हुआ. ‘सत्येन धार्यते पृथ्वी सत्येन तपते रवि:. सत्येन वायवो वान्ति सर्व सत्ये प्रतिष्ठितम्’.
2014 में कांग्रेस प्रवक्ता पर मानहानि का दावा ठोका गया था और इस मामले में 26 जून को सुनवाई शुरू हुई थी.