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17 October 2017
आरुषि-हेमराज मर्डर मिस्ट्री में जेल से रिहा हुए तलवार दंपती
गाजियाबाद: आरुषी-हेमराज मर्डर केस में नवंबर, 2013 से डासना जेल में बंद राजेश और नूपुर तलवार सोमवार को जेल से रिहा हुए. उनके चेहरे पर उदासी के भाव थे. वे अपने घर न जाकर आरुषि के नाना-नानी के घर पहुंचे. फिर नोएडा से पंजाब रवाना हुए. 12 अक्टूबर 2017 को कोर्ट ने बरी करने का आदेश जारी कर दिया था. लेकिन जेल में फैसले की कापी देरी से पहुँचने के बाद रिहाई में हुई बिलंब हुआ.
रिहाई के 9 साल बाद फिर सवाल खड़ा हो गया है कि अगर राजेश नुपुर तलबार मामले में दोषी नहीं तो आखिर आरुषि का कातिल कौन है, हेमराज का कातिल कौन है.
पहले यूपी पुलिस और फिर सीबीआई ने इस हाइप्रोफाइल केस की जांच की, लेकिन डबल मर्डर सुलझने की बजाय मिस्ट्री बनता गया. इस मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. आरुषि तलवार की हत्या का मामला इतिहास के अब तक के सबसे पेचीदा मामलों में से एक है.
तलवार दंपती ने जेल में कैदियों का फ्री में चेकअप किया. दंपती कैदियों के चेकअप के लिए नियमित रूप से जेल आते रहेंगे. दोनों डॉक्टर पति-पत्नी ने जेल के डेंटल डिपार्टमेंट में कई कैदियों को दांतों की बीमारी से उबरने में मदद की थी. राजेश तलवार के भाई दिनेश तलवार ओफ्थाल्मोलोगिस्ट हैं. वे भी हर 15 दिन में अपनी टीम के साथ जेल में मरीजों को देखने आएंगे. तलवार दंपती ने 1417 दिनों में कमाए 99 हजार रुपये दान किए.
मई 2008 में नोएडा के जलवायु विहार इलाके में एक घर में आरुषि की डेड बॉडी पाई गई थी. शुरुआत में शक की सुई नौकर हेमराज की ओर गई, लेकिन 2 दिन बाद मकान की छत से उसका भी शव बरामद किया गया. उत्तरप्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी. गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट इस मामले की सुनवाई की थी. एडिशनल सेशन जज श्यामलाल यादव ने मशहूर डेंटिस्ट राजेश और नूपुर तलवार को परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर दोषी माना था.
जस्टिस यादव ने 28 नवंबर 2013 को तलवार दंपती को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
आरुषि की हत्या के बाद पत्रकार अविरूक सेन ने आरुषि के ऊपर एक किताब लिखी जिसका नाम 'आरुषि' है. उनके द्वारा लिखी गयी किताब के मुताबिक, अविरूक की जांच से भी तलवार दंपति बेक़सूर साबित हुए हैं. अविरूक ने अपनी किताब 'आरुषि' में कुछ अंश ऐसे भी डालें हैं जो खुद राजेश तलवार ने अपनी डायरी में लिखा है. दोषी करार देने के बाद राजेश तलवार ने यह डायरी 25 नवंबर, 2013 से जेल में ही लिखना शुरू कर दिया था.
तलवार दंपति दिल्ली-एनसीआर के जाने माने डेंटिस्ट हैं. डॉ राजेश पंजाबी परिवार से हैं और नुपुर महाराष्ट्र के परिवार से हैं.