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11 September 2017

तलाक फैसले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने की बैठक

मुस्लिम लॉ बोर्ड तलाक़ बैठक

भोपाल: राजधानी में रविवार को मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की बैठक आयोजित की गई. यह समीक्षा बैठक ट्रिपल तलाक(तलाक-ए-बिदत) पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए बैन के बाद हुई. कोर्ट द्वारा ट्रिपल तलाक पर बैन के फैसले का बोर्ड ने स्वागत किया. साथ ही ये भी कहा शरियत में दखल बर्दाश्त नहीं. बोर्ड ने बैठक में कई अहम फैसले लिए. साथ-साथ अपनी महिला विरोधी इमेज को तोड़ने और प्रगतिशील छवि बनाने की दिशा में कदम उठाने का फैसला किया.

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक को गुनाह का अमल बताते हुए कहा है कि एक साथ तीन तलाक गलत प्रैक्टिस है, लेकिन बोर्ड इसे वैध मानता है. क्योंकि ये इस्लामिक शरियत का हिस्सा है. इस प्रैक्टिस को खत्म करने के बोर्ड समाज में जागरुकता अभियान चलाएगा, ताकि इसकी खामियों से लोग पूरी तरह अवगत हो सकें.

शरियत पर अटैक किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. शरिया को लेकर जो लोगों में गलतफहमियां हैं, उन्हें दूर करने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा. पर्सनल लॉ बोर्ड मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए लिए शरियत के दायरे में रहकर काम करेगा.

पर्सनल लॉ बोर्ड सरकार से मांग करेगा कि राज्यों के वक्फ बोर्ड आर्थिक मदद करें ताकि तलाकशुदा औरतों की जिंदगी को बेहतर बनाने में काम कर सकें. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपनी बैठक में इस्लामी शरिया की जागरुकता के लिए एक कमेटी गठित की है.

इस बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना रब्बे हाशमी नदवी, महासचिव मौलाना मोहम्मद वली रहमानी, उपाध्यक्ष डॉ. सयैद कलबे सादिक, मोहम्मद सलीम कासमी, सचिव जफरयाब जिलानी, सांसद असदुद्दीन औवेसी सहित बोर्ड वर्किंग कमेटी के लगभग 45 सदस्य मौजूद थे.

बाबरी मस्जिद मामले में कमाल फास्र्की ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद मामले में जल्दबाजी हो रही है. उन्होंने कहा कि किसी खास पार्टी के एक सदस्य के कहने पर इस मामले में जल्दबाजी हो रही है.

गौरतलब है की सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर 22 अगस्त को ऐतिहासिक फैसला सुनाया था जिसमे इसे गैर-कानूनी बताया और बैन लगा दिया है.

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