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16 September 2017
अभियंता दिवस पर सीएम द्वारा इंजीनियर हुए सम्मानित
भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंजीनियर डे पर अभियंताओं को सम्मानित किया. विधानसभा के मानसरोवर सभागार में शुक्रवार को अभियंता दिवस मनाया गया. इस अवसर पर लोक निर्माण, जल संसाधन और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभागों के सेवानिवृत्त अभियंताओं को सम्मानित किया गया. समारोह में स्वप्नदर्शी पुस्तक का विमोचन किया गया. मुख्यमंत्री ने भारत के महान अभियंता स्वर्गीय डॉ. मोक्षगुण्डम विश्वसरैया को श्रद्धांजलि दी. देशभर में अन्य शहरो में भी इंजीनियर्स-डे धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर भारतरत्न इंजीनियर एम विश्वेश्वरैया को याद किया गया.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंजीनियरों को संबोधित किया. कहा भारत और मध्यप्रदेश का नव निर्माण करने की जिम्मेदारी अभियंताओं पर हैं. अभियंता समुदाय नया मध्यप्रदेश बनाने का संकल्प ले. भारत के महान अभियंता स्वर्गीय डॉ. मोक्षगुण्डम विश्वसरैया को आधुनिक भारत का निर्माता बताया.
उन्होंने आगे कहा कि पिछले एक दशक में मध्यप्रदेश अधोसंरचना निर्माण में तेजी से आगे बढ़ा है. इसका श्रेय अभियंताओं के कठोर परिश्रम, उनके ज्ञान और कौशल को जाता है. बिजली, सड़क और पानी के क्षेत्र में अभियंताओं की सूझबूझ और मेहनत से नई उपलब्धियाँ हासिल हुई है. क्षिप्रा, नर्मदा को जोड़ने शहरों और गाँव में पेयजल उपलब्ध करवाने जैसे काम अभियंताओं के रात–दिन की मेहनत के कारण ही सफल हुये. अभियंता समुदाय असंभव काम को भी संभव बना लेता है.
समारोह में लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह, मध्यप्रदेश यांत्रिकी सेवा संघ अध्यक्ष अखिलेश उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में विभिन्न विभागों के इंजीनियर उपस्थित थे.
अभियंता दिवस प्रत्येक वर्ष भारत रत्न डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती 15 सितंबर पर आयोजित होता है. भारत रत्न एम विश्वेश्वरैया को आधुनिक भारत के विश्वकर्मा के रूप में याद किया जाता है. उनके इंजीनियरिंग फील्ड में दिए गए योगदान को लेकर ये सेलिब्रेट किया जाता है. पूरे वर्ल्ड में हर साल इंडिया से सबसे ज्यादा इंजीनियर पास आउट होते हैं. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सिंतबर 1861 में कर्नाटक के मैसूर के कोलार जिले के चिक्काबल्लापुर में हुआ था. वे एक प्रतिभाशाली इंजीनियर थे. उन्होंने सिविल इंजीनियर, डेम बिल्डर, इकनॉमिस्ट स्टेट्समैन की फील्ड में काम किया. हैदराबाद शहर के बाढ़ सुरक्षा प्रणाली के मुख्य डिज़ाइनर थे और मुख्य अभियंता के तौर पर मैसूर के कृष्ण राज सागर बाँध के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाई थी. उन्होंने बिना सीमेंट के ही कृष्ण राज सागर बांध बना दिया था. पुराने समय में संसाधनों और उच्च तकनीक के अभाव में भी उन्होंने कई परियोजनाओं को सफल बनाया. इनमें प्रमुख थे कृष्ण राज सागर बांध, भद्रावती आयरन एंड स्टील वर्क्स, मैसूर संदल ऑयल एंड सोप फैक्टरी, मैसूर विश्वविद्यालय और बैंक ऑफ मैसूर. आजादी से पहले दक्षिण भारत के मैसूर को कर्नाटक का सबसे विकसित और समृद्धशाली क्षेत्र बनाने में मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का अभूतपूर्व योगदान रहा.
उन्हें साल 1955 में देश के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से अलंकृत किया गया. जनता की सेवा के लिए ब्रिटिश सरकार ने उन्हें 'नाइट कमांडर ऑफ़ द ब्रिटिश इंडियन एम्पायर' से सम्मानित किया.