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17 September 2017
पीएम के जन्मदिन पर सरदार सरोवर बाँध का लोकार्पण
वडोदरा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 67वे जन्मदिन पर देशवासियों को तोहफा दिया. पीएम मोदी ने इस बांध परियोजना के लोकार्पण के बाद यहां एक रैली को संबोधित किया. पिछले सात दशकों में इस परियोजना में आई तमाम बाधाओं का उल्लेख किया. इस बांध परियोजना से मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के करोड़ों किसानों का भाग्य बदलेगा. मोदी ने जन्मदिन पर सरदार सरोवर बांध पर नर्मदा नदी की वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना की.
सरदार सरोवर बाँध लोकार्पण का गुजरात में जश्न मनाया जा रहा वही मध्यप्रदेश में प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद मेघा पाटकर जल सत्याग्रह पर बैठी है. मेधा पाटकर ने कहा है कि नर्मदा नदी पर गुजरात में बने सरदार सरोवर बांध का इससे प्रभावित लोगों के पुनर्वास के बगैर लोकार्पण राजनीतिक लाभ के लिए किया गया है, ऐसे में हमें प्रभावित लोगों को न्याय दिलाने की खातिर एक बार फिर से नए सिरे से आंदोलन शुरू करने के बारे में विचार करना पड़ेगा. ग्रीनपीस इंडिया ने नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के लोकार्पण की आज निंदा की और कहा कि यह 10000 असहाय एवं गरीब किसानों के विकास का नहीं बल्कि 'बर्बादी' का संकेत है.
गुजरात सीएम रहते हुए नरेंद्र मोदी ने अनशन किया था. अब देश के पीएम रहते हुए इसका लोकार्पण किया.
पीएम ने अपने संबोधन में उम्मीद जताई कि यह परियोजना नए भारत के निर्माण में सवा सौ करोड़ भारत वासियों के लिए प्रेरणा का काम करेगी. यह बांध आधुनिक इंजीनियरिंग विशेषज्ञों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण एक विषय होगा, साथ ही यह देश की ताकत का प्रतीक भी बनेगा. एक समय ऐसा भी आया जब विश्व बैंक ने इस परियोजना के लिए ऋण देने से इंकार कर दिया. इस परियोजना के लिए वह दो लोगों के आभारी हैं- सरदार वल्लभ भाई पटेल और बाबा साहेब अंबेडकर. बाबा साहेब अंबेडकर ने मंत्री परिषद में रहते हुए देश के विकास के लिए तमाम योजनाओं की परिकल्पना की थी. उन्होंने कहा कि अगर ये दोनों महापुरुष अधिक समय तक जीवित रहते तो देश को उनकी प्रतिभा का और भी लाभ मिलता.
पीएम ने लोकार्पण के बाद सरदार पटेल की 182 मीटर की विशालकाय प्रतिमा के निर्माण का जायजा भी लिया. स्टेच्यू आफ यूनिटी नामक यह प्रतिमा उंचाई की दृष्टि से दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी. यह अभी तक की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू आफ लिबर्टी से भी ऊंची है.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री के साथ केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, गुजरात के राज्यपाल ओपी कोहली, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, पूर्व मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल सहित विभिन्न प्रमुख नेता मौजूद थे.
लौह पुरुष सरदार वल्लभाई पटेल ने गुजरात में सिंचाई के संकट को देखते हुए नर्मदा पर बांध बनवाने की योजना बनाई थी. सरदार सरोवर नर्मदा बांध परियोजना की परिकल्पना देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार पटेल ने 1946 में की थी. बाद में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1961 में इस परियोजना की नींव रखी थी. इसके बाद से इस परियोजना का काम पिछले सात दशकों से रूक रूक कर चलता रहा.
जुलाई, 2017 को बांध के सभी 30 गेट लगाए गए. इस बांध की उंचाई को 138.68 मीटर तक बढ़ाया गया है. पहले इसकी ऊँचाई 121.92 मीटर थी. सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी, 2017 को परियोजना से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के काम को तीन माह में पूरा करने का निर्देश दिया था.