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25 April 2018
नाबालिग से रेप केस में आसाराम को आजीवन कारावास
जोधपुर: नाबालिग और दलित बालिका से बलात्कार मामले में आसाराम वापू को कोर्ट ने गुरूवार को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई. पीडिता उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली है. बलात्कार करने के आरोप में जोधपुर की विशेष एसटी-एसटी अदालत ने वापू पर फैसला सुनाया. विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर में ही अपना फैसला सुनाया. राजस्थान उच्च न्यायालय ने निचली अदालत को जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर में फैसला सुनाने का आदेश दिया था. 77 वर्षीय बलात्कारी बाबा आसाराम यहां चार साल से जेल में बंद हैं.
फैसले से पूर्व आसाराम ने कई बार जमानत के लिए आवेदन किया लेकिन अदालत द्वारा खारिज कर दिया गया था. वकील द्वारा आसाराम को कम सजा मांगे जाने पर जज मधुसूदन शर्मा ने कहा कि उनका अपराध घिनौना है और उन्हें मौत तक जेल में रहना होगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक फैसला सुनते ही आसाराम फूट-फूटकर रोने लगा और अपनी पगड़ी उतार दी. वह करीब 10 मिनट तक कुर्सी पर बैठा रहा. अदालत ने पॉक्सो और एससी-एसटी ऐक्ट समेत 14 धाराओं में आसाराम को दोषी करार दिया. फैसला के बाद आश्रमों में भी सन्नाटा पसरा रहा.
फैसले के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आसाराम को लेकर ट्वीट किया है. लिखा भोपाल के आसाराम चौराहे का नाम बदलने का आश्वासन दिया है.
अनुसूचित जाति-जनजाति मामलों की विशेष अदालत ने दो अन्य आरोपियों शिल्पी और शरद को भी दोषी क़रार दिया और 20-20 साल की सजा दी है. अन्य दो आरोपी प्रकाश और शिव को कोर्ट ने बरी कर दिया है. मामले में सुनवाई की प्रक्रिया अदालत में सात अप्रैल को पूरी हो गई थी और फैसला 25 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया गया था.
फ़ैसले के मद्देनज़र जोधपुर जेल के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी जहां पहले से निषेधाज्ञा लागू है. केंद्र सरकारने राजस्थान, गुजरात और हरियाणा सरकारों से सुरक्षा कड़ी करने और अतिरिक्त बल तैनात करने को कहा था. तीनों राज्यों में आसाराम के बड़ी संख्या में अनुयायी हैं.
साल भर के अंदर ये दूसरा मामला है जब किसी स्वयंभू बाबा को बलात्कार के मामले में दोषी क़रार दिया गया है. पिछले साल अगस्त में गुरमीत राम रहीम को भी यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी क़रार दिया गया था. डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पिछले साल अगस्त में बलात्कार के मामले में सज़ा सुनाए जाने के बाद हरियाणा, पंजाब तथा चंडीगढ़ में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी जिसमे 13 लोग मारे गए थे.
आशाराम वापू ने अपने आप को भगवान का सच्चा भक्त बताकर लोगो के दिलो में जगह बनाई और दान-दक्षिणा, कथा, आस्था के नाम पर मासूम भक्तो ने बापू पर धन के बरसात की. वापू ने साबरमती नदी के किनारे एक झोंपड़ी से अपने आश्रम की शुरुआत की थी. इसके बाद एक से दो और दो चार आश्रमों का निर्माण होता गया. ढोंगी बाबा के देश और दुनिया भर में करीब 400 से अधिक आश्रम थे. चार दशक में बाबा ने 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का साम्राज्य खड़ा कर लिया था.
आसाराम, शिव, शिल्पी, शरद और प्रकाश के ख़िलाफ़ पॉक्सो अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम और भादंवि की विभिन्न धाराओं के तहत छह नवंबर 2013 को पुलिस ने आरोप पत्र दायर किया था. पीड़िता ने आसाराम पर उसे जोधपुर के नज़दीक मनाई इलाके में आश्रम में बुलाने और 15 अगस्त 2013 की रात उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था. पीड़िता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी और उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली थी. आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर एक सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया था और दो सितंबर 2013 से वह न्यायिक हिरासत में है.
फैसले पर पीड़िता के पिता ने कहा, 'आसाराम दोषी साबित हुए, हमें न्याय मिल गया. मैं उन सभी लोगों को शुक्रगुज़ार हूं जिन्होंने इस लड़ाई में हमारा साथ दिया. अब मुझे उम्मीद है कि उन्हें कड़ी सज़ा मिलेगी. मुझे यह भी उम्मीद है कि उन गवाहों को भी न्याय मिलेगा जिनकी या तो हत्या कर दी गई या फिर अपहरण कर लिया गया'. इस घटना के बाद से ही पीड़ित लड़की का परिवार लगातार दहशत में जी रहा था इसका उनके व्यापार पर भी काफ़ी असर पड़ा.