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16 August 2018
पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी का 93 वर्ष की उम्र में निधन
नई दिल्ली: श्रद्धेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93 वर्ष की उम्र में निधन हुआ. आज गुरुवार शाम 5 बजकर 5 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली. अटल जी लंबे समय से बीमार चल रहे थे उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था. अटल जी का पार्थिव शरीर उनके निवास पर लाया गया. यहां उनके पार्थिव शव पर तिरंगा ओढ़ाया गया. भारत सरकार ने सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया. राजकीय शोक 16 अगस्त से शुरू होगा और 22 अगस्त तक जारी रहेगा. इस दौरान तिरंगा आधा झुका रहेगा.
अटल जी का पार्थिव शरीर शुक्रवार को जन दर्शन के लिए दिल्ली में भाजपा कार्यालय में रखा जाएगा. यहां दोपहर 1 बजे तक अंतिम दर्शन होंगे. इसके बाद दोपहर डेढ़ बजे से उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी. शाम चार बजे वाजपेयी का अंतिम संस्कार स्मृति स्थल पर किया जाएगा.
उनके निधन की खबर के बाद कई राज्यों ने स्कूल, कॉलेज और ऑफिस बंद करने की घोषणा की. वहीं, कई राज्यों की सरकार ने 17 अगस्त को स्कूल, कॉलेज और ऑफिस बंद करने की घोषणा की. इसके अलावा पंजाब, बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड में भी सभी स्कूल, कॉलेज और सरकारी ऑफिस बंद रहेंगे.
अटल जी के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए देश के दिग्गज जमा हुए. राजनीतिक हस्तियों एवं देश के दिग्गज नेताओ ने उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. थल सेना, जल सेना और वायु सेना के प्रमुखों द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई. अटल जी के छह दशक से भी अधिक समय के पुराने राजनीतिक साथी लालकृष्ण आडवाणी श्रद्धांजलि देने पहुंचे. अटल जी के साथ राजनीतिक करियर का आरंभ करने वाली विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पहुंची.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दी श्रद्धांजलि. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अटल जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एम्स पहुंचे. महानायक अमिताभ बच्चन ने अटल बिहारी वाजपेयी को दी श्रद्धांजलि.
भाजपा के संस्थापकों में शामिल वाजपेयी 3 बार देश के प्रधानमंत्री रहे. वह पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया. उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया. उन्हें पद्म विभूषण पुरस्कार, कानपुर विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट उपाधि, लोकमान्य तिलक अवार्ड, पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ सांसद का सम्मान, बांग्लादेश द्वारा 'लिबरेशन वार अवार्ड' दिया गया. वह करीब 15 साल पहले राजनीति से संन्यास ले चुके थे. अटल बिहारी वाजपेयी ने लाल कृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर भाजपा की स्थापना की थी और उसे सत्ता के शिखर पहुंचाया.
जब अटलजी पहली बार लोकसभा में पहुंचे और भाषण दिया तब पंडित नेहरू ने कहा था कि वाजपेयी एक दिन भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे.
पीएम मोदी ने कहा अटल जी के जाने से एक युग का अंत हो गया. उनका निधन संपूर्ण राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है.
कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया- आज भारत ने अपना महान बेटा खो दिया. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लाखों लोग प्यार करते थे और उनका आदर करते थे.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- मैं परम श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. हम सब के लिए ये दुखदायी क्षण है. हमारे सिर से पितृतुल्य ऐसे व्यक्तित्व का साया उठ गया, जिसने हमेशा चुनौतियों से लड़ने का साहस दिया, नई राह दिखाई. आज एक राजनीतिक युग का अंत हो गया.
अटलजी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को शिन्दे की छावनी ग्वालियर मध्य प्रदेश में हुआ था. वे सन 1939 में एक स्वयंसेवक के रूप में आरएसएस में शामिल हुए. उन्हीं के शासनकाल में देश परमाणु शक्ति संपन्न बना वहीं कारगिल युद्ध में जीत भी उनके प्रधानमंत्री काल में ही मिली थी. अटल जी ने करीब 50 वर्षों तक भारतीय संसद के सदस्य के तौर पर अपनी सेवाएं दी. वे अकेले ऐसे नेता हैं जो 4 अलग-अलग प्रदेशों से चुने गए. जवाहर लाल नेहरू के बाद अटल बिहारी बाजपेयी ही एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिन्होंने लगातार तीन बार प्रधानमंत्री पद संभाला. पंडित दीनदयाल उपाध्याय के निधन के बाद अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनसंघ के अघ्यक्ष रहे.