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17 August 2018
भारत रत्न अटल जी को नम आँखों से दी गई अंतिम विदाई
नई दिल्ली: भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी पंचतत्व में विलीन हुए. दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने शुक्रवार शाम उन्हें मुखाग्नि दी. अटल जी की अंतिम यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 4 किलोमीटर पैदल चले. यात्रा से पहले अटल जी का पार्थिव शव भाजपा मुख्यालय और घर पर दर्शन के लिए रखा गया था. अटल जी का पार्थिव शरीर जिस तिरंगे में लाया गया था. उस तिरंगे को पूरे सम्मान के साथ उनकी नातिन निहारिका को सौंप दिया गया. देश भर से पहुंचे हर खास-ओ-आम व्यक्ति ने देश के नायक को श्रद्धासुमन अर्पित किए. राजकीय सम्मान के साथ राजघाट के पास राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. यहां पर उनकी समाधि भी बनाई जाएगी.
अटलजी की अंतिम यात्रा के लिए सेना ने तोपगाड़ी(विशेष लोगों के पार्थिव शरीर ले जाने वाला वाहन) को तैयार किया था. यह वाहन पूरी तरह फूलों से ढंका था इसमें तिरंगे में लिपटी अटलजी की पार्थिव देह को रखा गया था. रास्ते में लोगों ने शव वाहन पर खूब फूल बरसाए और 'अटल जी अमर रहें', 'भारतमाता की जय', 'जब तक सूरज--चांद रहेगा, अटलजी का नाम रहेगा', 'वंदेमातरम' के नारे लगते रहे.
अंतिम यात्रा के दौरान अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। करीब 45 हजार जवानों को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया. पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने पहुंचे समाजसेवी स्वामी अग्निवेश के साथ भाजपा मुख्यालय के बाहर हाथापाई हुई. इस भीड़ में दर्जनों जेब कतरो सक्रिय रहे कई लोगो के मोबाइल और जेबें काटी गई.
अटल जी की अंतिम यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, शिवराज सिंह चौहान, निर्मला सीतारमण, सुमित्रा महाजन, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, मुरली मनोहर जोशी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, लालकृष्ण आडवाणी और सर्वानंद सोनोवाल समेत कई नेता शामिल हुए. आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत, नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा और एयर मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ ने तीनों सेनाओं की तरफ से अटल जी को अंतिम विदाई दी.
अटल जी को अंतिम विदाई देने के लिए सार्क देशो के नेता शामिल हुए. भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, नेपाल के विदेश मंत्री पीके गयाल, श्रीलंका के कार्यवाहक विदेश मंत्री लक्ष्मण किरिला, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल हसन महमूद अली, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और वाजपेयी के मित्र रहे हामिद करजई, पाकिस्तान के कानून मंत्री अली जाफर, ब्रिटिश उच्चायुक्त डोमिनिक एस्क्वेथ श्रद्धांजलि देने पहुंचे. मॉरीशस सरकार ने भारत रत्न के सम्मान में राष्ट्रध्वज और भारतीय तिरंगा आधा झुका दिया.
वाजपेयी के असाधारण व्यक्तित्व की वजह से उनकी पार्टी के नेता ही नहीं, विपक्षी दलों के बड़े नेता भी इस जननेता के अंतिम दर्शनों के लिए स्मृति स्थल पहुंचे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मुलायम सिंह यादव, नीतीश कुमार, यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, राज्यों के मुख्यमंत्री, गवर्नर समेत सभी विपक्षी दलों के नेता भी वहां मौजूद रहे.