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10 February 2018

पकौड़ा बनाना भी स्किल है, मप्र की राज्यपाल आनंदीबेन

पकौड़ा बनाना स्किल है: आनंदीबेन

छिंदवाड़ा/ग्वालियर: राज्यपाल आनंदीबेन भी पकौड़ा की पॉलिटिक्स में कूंदी, कहा पकौड़ा बनाना भी कौशल विकास का हुनर, 3 साल में रेस्त्रां के मालिक बन सकते हैं. इसमें शुरू के दो साल तक भले ही कम सफलता मिले, लेकिन तीसरे साल व्यक्ति रेस्त्रां और आगे जाकर होटल का मालिक बन सकता है. गवर्नर शनिवार को छिंदवाड़ा के हर्रई विकासखंड मुख्यालय पर गोंड महासभा के राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन करने आई थीं. बसुरिया खुर्द में शहीद मेजर सुनील कहार की समाधि स्थल पहुंचीं और कलेक्टर को यहां पार्क बनाने के आदेश दिए. राज्यपाल ने आदिवासी समाज की 22 विभूतियों को सम्मानार्थ प्रमाण पत्र वितरित किये. कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम एवं फग्गन सिह कुलस्ते ने भी उदघाटन सत्र को संबोधित किया.

राज्यपाल ने जीवाजी यूनिवर्सिटी में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन फैसिलिटी(सीआईएफ) का भी लोकार्पण किया. कहा इस सेंटर के शुरू होने से यूनिवर्सिटी के शोध छात्रों को अपने जांच निष्कर्षों के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. यूनिवर्सिटी का काम सिर्फ डिग्री बांटना नहीं बल्कि छात्रों का प्लेसमेंट भी कराना है. छात्र पढ़-लिखकर जब खुद का रोजगार शुरू करेंगे तभी देश तरक्की करेगा. खाली सरकारी नौकरी पाना ही केवल शिक्षा प्राप्त करना नहीं है.

राज्यपाल ने कहा कि सभी को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती. ऐसे में जरूरी है कि बेरोजगारों के कौशल विकास को प्रोत्साहन दिया जाए. उन्होंने अंबानी, अडानी का जिक्र भी किया कहा छोटे काम करके भी व्यवसाय के शिखर तक पहुंचा जा सकता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेरोजगारों के लिए पकौड़े तलने वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत ने कहा मोदीजी शुरुआत में चाय बेचते थे, मैंने भी पंचर जोड़े हैं. कांग्रेस पकौड़ा पॉलिटिक्स कर मजदूरों का मजाक उड़ा रही है. मेहनत, मजदूरी करने में शर्म की क्या बात है. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में लोन देकर केंद्र ने दो करोड़ के बजाय तीन करोड़ रोजगार दिए हैं.

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि क्या अगर कोई शख्स हर रोज पकौड़ा बेच कर 200 रुपये कमाता है तो उसे रोजगार नहीं माना जाएगा. विपक्ष ने उनके इसी बयान पर घेर लिया था और सोशल मीडिया पर काफी आलोचनाआएं भी हुई थी.

पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने कहा था कि अगर पकौड़ा बेचना रोजगार है तो भीख मांगने को क्या माना जाए. लेकिन इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा में अपने भाषण में पी. चिदंबरम के इस बयान पर निशाना साधते हुए कहा था कि कोई मेहनत करके पकौड़े बेच स्वरोजगार करता है तो क्या उसकी तुलना भिखारी से कर दी जाएगी.

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