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16 February 2018
परीक्षा में तनाव दूर करने पीएम ने दिए छात्रो को टिप्स
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को छात्रों को परीक्षा का तनाव दूर करने के लिए टिप्स दिए. उन्होंने स्टेडियम में मौजूद छात्रों के अलावा अलग-अलग माध्यम से जुड़े छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए. उन्होंने अभिभावकों को भी सलाह दी कि वे अपने अधूरे सपनों को अपने बच्चों पर न थोपें. परिचर्चा का आयोजन दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में किया गया. परिचर्चा का शीर्षक था 'मेकिंग एक्जाम फन: चैट विद पीएम मोदी'. देशभर के अलग-अलग कोनों से लाखों छात्र-छात्राएं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में हिस्सा बने है.
प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले ही छात्रों के लिए 'एग्जाम वारियर' नामक किताब लिखी है, जिसमे उन्होंने परीक्षा के लिए 25 मंत्र बताएं है, जिससे छात्र-छात्राओं का हौसला बढ़ेगा. इस किताब में पीएम मोदी ने यह संदेश दिया है कि परीक्षा कोई हौव्वा नहीं है. इससे डरने की कोई जरूरत नहीं होती है. यह किताब बाजार में उपलब्ध भी है. 193 पन्नों की इस पुस्तक में परीक्षा की तैयारी कर रहे परीक्षार्थियों के 25 नुस्खे दिए गए हैं. किताब के अंत में परीक्षार्थियों के लिए योगासन भी बताए गए हैं.
पीएम ने बच्चों के कहा, मैं आपका दोस्त हूं. यह प्रधानमंत्री का कार्यक्रम नहीं बल्कि बच्चों का कार्यक्रम है. कहा आत्मविश्वास नहीं तो देवी-देवता भी कुछ नहीं कर सकते हैं. ईमानदारी से मेहनत के बाद भी अगर आत्मविश्वास नहीं होता है तो सब याद आता है लेकिन शब्द याद नहीं आता.
पीएम ने स्वामी विवेकानंद जी का जिक्र करते हुए बच्चों से कहा कि विवेकानंद जी कहा करते थे कि अपने आप को कम नहीं आंको. विवेकानंद जी ने कहा 'अहम प्रह्मास्मि' विवेकानंद जी कहते थे कि 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा करो, वे आशीर्वाद दें लेकिन अगर अपने अंदर आत्मविश्वास नहीं होगा तो 33 करोड़ देवता भी कुछ नहीं करेंगे.
पीएम ने कहा, 'छात्र हमेशा मां सरस्वती का पूजन करते हैं, लेकिन परीक्षा से पहले अक्सर कई बच्चे हनुमान जी की पूजा करने लगते हैं. लेकिन ऐसा क्यों करते है आपने सोचा है? मैं तो अपने वक्त में यह सोचना था कि अगर परीक्षा के दौरान नकल की चिट पकड़ी गई, तो शिक्षक यह समझ ले कि वह हनुमान जी का भक्त है'.
'दूसरों से खुद की न करें तुलना'. 'प्रतिस्पर्धा नहीं, अनुस्पर्धा कीजिए'. 'फोकस करना है तो डिफोकस होना सीख लीजिए'. स्कूल जाते वक्त यह दिमाग से यह निकाल दें कि आप परीक्षा देने जा रहे हैं. आप यह समझिए कि आप ही आपको अंक देने वाले हैं. इस भाव के साथ आप परीक्षा में बैठिए.