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29 January 2018

एशिया के सबसे बड़े ऑटो टेस्टिंग ट्रैक का पीथमपुर में लोकार्पण

पीथमपुर ऑटो टेस्टिंग ट्रैक लोकार्पण

पीथमपुर: एशिया के सबसे बड़े आटो टेस्टिंग सेंटर का उद्घाटन केंद्रीय युद्धयोग मंत्री बाबुल सुप्रियो ने रविवार को किया. 14 में से 13 ट्रैक बनकर तैयार हो चुके हैं, एक हाईस्पीड का काम प्रगति पर है. यह ट्रैक 1320 करोड़ रुपए की लागत से 2960 एकड़ जमीन पर तैयार किया गया है. केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय और मध्यप्रदेश सरकार ने इसका निर्माण कराया है. नेशनल ऑटोमोटिव टेस्टिंग एंड आरएंडडी प्रोजेक्ट(नेट्रिप) द्वारा देश में इंदौर समेत चेन्नई, मानेसर, सिल्चर, पुणे और अहमदनगर में इस तरह के ट्रैक बनाए जा रहे हैं. नेट्रैक्स के अतिरिक्त निदेशक डॉ. एन करुप्पैया ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से पूरे प्रोजेक्ट की जानकारी दी. कार्यक्रम के अंत में अतिथियो को प्रतिक चिन्ह भेट किये गये.

ऑटो टेस्टिंग ट्रैक के लिए करीब 4000 एकड़ जमीन ली गई थी, लेकिन 2800 एकड़ में ही ट्रैक बन गया. बची जमीन पर स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जाएंगे, ताकि यहां कंपनियां आकर लोगों को रोजगार दे सके. यह ट्रैक बनने से मध्यप्रदेश को दुनिया में नई पहचान मिली है.

नेट्रिप ने इस प्रोजेक्ट के लिए जो जगह चुनी है, वह देश के मध्य में मौजूद है और मध्यप्रदेश की सीमा गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से मिलती है. मंत्रीजी ने कहा ट्रैक परिसर का फैलाव इतना बड़ा है कि यहां विस्फोटकों और आरडीएक्स की भी टेस्टिंग तक हो सकती है. औद्योगिक नगरी के सेक्टर तीन में नेट्रैक्स की साइट का निरीक्षण किया गया.

इस ट्रैक पर आटोमोबाइल इंडस्ट्रीज के वाहनों की टेस्टिंग व कलपुर्जों की क्षमता की जांच हो सकेंगी. बारिश की तेज फुहारों में टेस्टिंग के लिए तैयार किए गए डायनामिक प्लेटफार्म पर कार दौड़ाई गई. हाईस्पीड ब्रेक का उपयोग करके देखा गया. इसके अलावा कार की टक्कर का डेमो भी किया गया. उतार-चढ़ाव वाले सीसी ट्रैक पर भी वाहन का टेस्ट किया गया. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के रिसर्च एंड डेवलपमेंट में यह ट्रैक अहम भूमिका निभाएगा.

समारोह में महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन गोयनका ने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए आज का दिन मील का पत्थर साबित होगा. मैं उन चुनिंदा लोगों में शामिल था, जिन्होंने 2005 में इस ट्रैक की योजना तैयार की थी. आज वह सपना साकार हो रहा है.

वॉल्वो-आइशर के सीईओ आरएस सचदेवा बोले कि ऐसा ट्रैक तो स्वीडन में भी नहीं है.

इन ट्रैक में उच्च गति, डायनामिक प्लेटफॉर्म, मल्टी ब्रेकिंग ट्रैक, फटिग(थकान) ट्रैक, ग्रेडिएंट ट्रैक, कम्फर्ट ट्रैक, ग्रेवल और ऑफ रोड ट्रैक, हैंडलिंग ट्रैक, वेट स्किड पेड, नॉइस ट्रैक, डस्ट टनल के साथ जनरल रोड, वाटर वेड ट्रैक शामिल हैं. हाईस्पीड ट्रैक पर न्यूनतम 200 से अधिकतम 300 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गाड़ियां दौड़ाकर उनका परीक्षण किया जाएगा. ट्रैक में कम्प्यूटर और इंजीनियरिंग के साथ इंस्ट्रूमेंटेशन, पावर ट्रेन प्रयोगशाला, उपभोक्ता कार्यशाला और सामान्य भंडारण जैसी सुविधाएं भी जुटाई गई हैं.

समारोह में बाबुल सुप्रियो तथा प्रदेश के उद्योग मंत्री राजेंन्द्र शुक्ला, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा आटो कंपनी के एम डी पवन, आयसर एवं वाल्वो कम्पनी के एस सचदेवा, धार विधायक नीना वर्मा, कलेक्टर शुक्ला, नगर पालिका अध्यक्ष कविता वैष्णव थे.

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