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6 January 2018
चारा घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू को 3.5 साल सजा
रांची: कोर्ट ने चारा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को शनिवार को साढ़े तीन साल की सजा और पांच लाख रुपये का जुर्माना सुनाया. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में सभी आरोपियों को जेल से ही वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया था. अदालत ने एक-एक कर लालू समेत अन्य शेष सात अभियुक्तों की भी सजा के बिन्दु पर उनकी उपस्थिति में बहस सुनी. लालू ने 70 वर्ष की उम्र होने और बीमार होने की बार-बार दुहाई दी. अब लालू यादव को जमानत के लिए अब हाईकोर्ट में अपील करनी होगी. इस फैसले के बाद उनके वकील ने कहा कि हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे.
मामले की सुनवाई करने न्यायाधीश ई-कोर्ट पहुंचे और वहां ई-लिंक के माध्यम से लालू यादव एवं आरके राणा की अदालत में पेशी कराई गई थी. अगर लालू प्रसाद यादव 5 लाख रुपये का जुर्माना नहीं चुकाते तो उन्हें 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. इस मामले में कुल 16 लोगों को दोषी ठहराया गया था. लालू के अलावा दोषी फूल चंद, महेश प्रसाद, बाके जुलियस, सुनील कुमार, सुशील कुमार, सुधीर कुमार और राजाराम को भी 3.5 साल कैद व 5 लाख रुपये की सजा दी गई है. जबकि अन्य 6 दोषियों को 7 साल की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है.
चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में यह फैसला सुनाया. वर्ष 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की फर्जीवाड़ा कर अवैध ढंग से पशु चारे के नाम पर निकासी की गई थी. इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्तूबर 1997 को मुकदमा दर्ज किया था. सुनवाई के दौरान जहां 11 की मौत हो गयी, वहीं तीन सीबीआई के गवाह बन गये तथा दो ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था. जिसके बाद उन्हें 2006-07 में ही सजा सुना दी गयी थी. इस मामले में लालू प्रसाद एवं अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक साजिश, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग आदि से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477ए, 201, 511 के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था. लगभग 21 साल बाद इस मामले में गत 23 दिसंबर को फैसला आया था और अदालत ने दोषी करार देकर जेल भेज दिया था.
इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ 70 रुपये अवैध ढंग से निकासी करने के चारा घोटाले के एक अन्य मामले में लालू प्रसाद, जगदीश शर्मा, राणा, पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्रा समेत अन्य आरोपियों को सजा हो चुकी है और वे हाईकोर्ट से जमानत प्राप्त कर रिहा हुए हैं. इसमें लालू तथा जगन्नाथ मिश्रा को 30 सितंबर, 2013 को दोषी ठहराये जाने के बाद तीन अक्तूबर को क्रमश: पांच वर्ष कैद, 25 लाख रुपये जुर्माने तथा चार वर्ष कैद की सजा सुनायी गई थी.