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12 January 2018

इसरो ने रचा इतिहास अपना 100वां सेटेलाइट किया लांच

इसरो लांच 100वां सेटेलाइट

श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) ने आज शुक्रवार को एक और कामयाबी का इतिहास रचा. सुबह 9.28 पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपने 100वें उपग्रह को लॉन्च किया. पीएसएलवी सी-40 वर्ष 2018 की पहली अंतरिक्ष परियोजना है. स्वामी विवेकानंद की जयंती पर PSLV C-40 से 31 उपग्रह एक साथ लॉन्च किए गए. एक मिनिट लेट गुरुवार सुबह 5.29 बजे उलटी गिनती शुरू की गई. अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति और बदलाब देश के नागरिकों, किसानों और मछुआरों आदि की मदद में सहयोगी होगी. कार्टोसैट 2 मिशन के इस सैटेलाइट को भारत के सबसे विश्वसनीय रॉकेट पोलर सैटेलाइट लॉन्च वेहिकल यानी PSLV से अंतरिक्ष में भेजा गया.

भारत के 100वें उपग्रह कार्टोसैट-2, दो सह-यात्री उपग्रहों एक माइक्रो और एक नैनो सेटेलाइट है. जबकि छह अन्य देशों कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के 3 माइक्रो और 25 नैनो उपग्रह शामिल हैं.

यह एक बड़े कैमरे की तरह निगरानी उपग्रह है और इससे तटीय क्षेत्रों और शहरों की निगरानी के लिए इस्‍तेमाल किया जाएगा. इसमें मल्टी स्पेक्ट्रल कैमरे हाई रेजुलेशन कैमरा लगा है जिससे खींची फोटो का इस्‍तेमाल किया जाएगा. यह 'आई इन द स्काई' आसमानी आंख की तरह है. यह एक अर्थ इमेजिंग उपग्रह है. सीमा पर नजर रखने के लिए कार्टोसैट-2 देश के लिए काफी मददगार साबित होंगा. इससे उच्च क्वालिटी की तस्वीर मिलेगी. सटीक मैप बनाने में भी यह उपयोगी होगी. इन तस्वीरों का इस्तेमाल, भू मानचित्र बनाने, सड़क नेटवर्क की निगरानी, जल वितरण में होगा. हजारों किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष से ड्रैगन और टेररिस्तान की कारगुजारियों पर नजर रखेगा. देश के दुश्मनों की हर चाल पर नजर रखेगा.

कार्टोसैट 2 सैटेलाइट 710 किलो वजनी प्राथमिक उपग्रह है, जिसमें भारतीय 100 किलोग्राम का माइक्रो और 10 किलोग्राम का नैनो उपग्रह भी शामिल है. जबकि सभी 31 सेटेलाइट का कुल वजन 1,323 किलोग्राम है. सेटेलाइट लॉन्च का पूरा कार्यक्रम दो घंटे और 21 सेकेंड का था. चारों चरण सामान्य तरीके से पूरे किए गए. पीएसएलवी-सी40 की ऊंचाई 44.4 मीटर है.

गौरतलब है कि चार महीने पहले 31 अगस्त को पीएसएलवी-सी 39 का मिशन फेल हो गया था. रॉकेट का हीट शील्ड न खुलने की वजह से यह मिशन अपने अंतिम चरण में असफल रहा हो गया था.

इसरो को इस सफलता के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी बधाई. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर बधाई दी.

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