News of Madhya Pradesh India
Hindi news portal of Bhopal. read regular fresh news of Bhopal, Indore, Gwalior, Jabalpur. whole state reporting with MP News Portal
31 January 2018
35 साल बाद सुपर मून, ब्लड मून, ब्लू मून का दुर्लभ नजारा
नई दिल्ली: दुनियाभर में बुधवार को साल का पहला चंद्रग्रहण देखा गया. इस खगोलीय घटना को देखने करोड़ों लोग टकटकी लगाए आसमान की ओर निहारते रहे. चंद्रग्रहण 4.21 मिनट पर शुरू हुआ, लेकिन भारत में ये 6.45 मिनट पर दिखना शुरू हुआ. रात करीब 9.48 बजे तक ये चंद्रग्रहण पूरा हुआ. सूर्यास्त के बाद ग्रहण ठीक से दिखाई दिया. सभी ने आसानी से बिना उपकरण की मदद के चंद्रग्रहण का नजारा देखा.
भारत में 35 सालों बाद ऐसा संयोग बना जब ब्लू मून, ब्लड मून और सुपर मून एक साथ दिखाई दिया. इस पूर्ण चंद्रग्रहण में प्रथ्वी ने चंद्रमा को कुछ देर के लिए पूरी तरह से ढक लिया था.
पूर्ण ग्रहण के दौरान चंद्रमा सुपर, ब्लड, ब्लू मून बना. चंद्रमा अपने सामान्य आकार से ज्यादा बड़ा दिखाई दिया और सुपर मून बना. इस महीने दो पूर्णिमा की वजह से ये ब्लू मून था. इस बार 2 जनवरी को और 31 जनवरी को पूर्णिमा थी. नासा के मुताबिक, ब्लू मून हर ढाई साल में एक बार नजर आता है. ब्लू मून का मतलब कलर से नहीं होता है. चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते है जब तीनों सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में होंगे तो यह पूर्ण चंद्रग्रहण होता है. इस ज्यामितीय प्रतिबंध के कारण चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है. इस दौरान सूर्य की कुछ किरणें पृथ्वी के एटमॉस्फेयर से होकर चंद्रमा पर पड़ती हैं. इस दौरान वह हल्का भूरे और लाल रंग में चमकता है तो इसे ब्लड मून भी कहते हैं.
भारत में दिल्ली, चेन्नई, जयपुर, कोलकाता, भुवनेश्वर, सूरत, देहरादून, मेरठ, बेंगलुरु समेत मप्र के भोपाल, विदिशा, गंजबासौदा शहरो में पूर्ण चंद्रग्रहण का नजारा देखा गया. भारत के अलावा यह एशिया, रूस, मंगोलिया, जापान, आस्ट्रेलिया, आदि में चंद्रमा के उदय के साथ ही शुरू हुआ. जबकि, नॉर्थ अमेरिका, कनाडा और पनामा के कुछ हिस्सों में चंद्रमा के अस्त होते वक्त दिखाई दिया.
स्पेस इंडिया संस्था ने देश के कई हिस्सों में चंद्रग्रहण देखने के लिए टेलेस्कोप के इंतजाम किए.
इससे पहले ब्लड-ब्लू मून की स्थिति साल 1982 में बनी थी. अब 19 साल बाद 31 जनवरी 2037 को भी सुपर ब्लू-ब्लड मून नजर आएगा.
इस वर्ष कुल 5 ग्रहण होंगे. जिसमें 3 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण हैं. हिन्दू धर्म शास्त्रों में चंद्रग्रहण के दिन भगवान के दर्शन करना अच्छा नहीं माना जाता है. इसलिए मंदिरों में पटबंद किए गए. ग्रहण समाप्ति के बाद घरो और मंदिरों में शुद्धिकरण किया गया.