Menu

News of Madhya Pradesh India

Hindi news portal of Bhopal. read regular fresh news of Bhopal, Indore, Gwalior, Jabalpur. whole state reporting with MP News Portal

7 June 2018

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आरएसएस कार्यक्रम में हुए शामिल

प्रणब मुखर्जी आरएसएस कार्यक्रम

नागपुर: पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) के कार्यक्रम में शामिल हुए. राष्ट्रपति ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में हिस्सा लिया. प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी में RSS की परेड निकली. मुखर्जी ने सभा को संबोधित किया. यह समारोह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग समापन का था. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पुष्प गुच्छ देकर प्रणब मुखर्जी को सम्मानित किया. पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी जी नागपुर स्थित स्मृति मंदिर में आरएसएस के संस्थापक डा. केशव बलिराम हेडगेवार जी को श्रद्धासुमन अर्पित किए.

इस अवसर पर प्रणब मुखर्जी ने कहा संविधान में आस्था ही असली राष्ट्रवाद है. राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि विविधतता हमारी सबसे बड़ी ताकत है. हम विविधता में एकता को देखते हैं. हमारी सबकी एक ही पहचान 'भारतीयता' है. विचारों में समानता के लिए संवाद बेहद जरूरी है. बातचीत से हर समस्या का समाधान मुमकिन है. शांति की ओर आगे बढ़ने से समृद्धि मिलेगी.

इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता संघ प्रमुख मोहन भागवत थे. आरएसएस का तृतीय वर्ष 14 मई 2018 को नागपुर में आरंभ हुआ और उसमें 707 शिक्षार्थियों ने अपना प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा किया. संघ के तृतीय वर्ष वर्ग में भाग लेने वालों में आए स्वयंसेवकों में 191 प्रोस्ट ग्रेजुएट और 375 स्नातक श्रेणी के स्वयंसेवक है. संघ के तृतीय वर्ष वर्ग में व्यवस्थित प्रशिक्षण हेतु 96 शिक्षक, 39 प्रांत प्रमुख एवं 120 प्रबंधक दिनरात कार्यरत रहे.

संघ प्रमुख मोहन भागवत कहा- यहां पर किसी के आने पर रोक नहीं है. यहां आइए और संघ को परखिए. हिंदुस्तान में कोई दुश्मन नहीं है. सबकी माता भारत माता ही है. एकता में विविधता ही भारत की पहचान है.

संघ मुख्‍यालय में दिए भाषण को कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों एक-दूसरे के लिए नसीहत बता रही हैं. तकरीबन 5 दशक से कांग्रेस की राजनीति करने वाले पूर्व राष्ट्रपति का संघ के कार्यक्रम में हिस्सा लेना अप्रत्याशित माना जा रहा था.

संघ की शुरुआत साल 1925 में विजय दशमी के दिन डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार के घर से हुई थी.

गौरतलब है कि गर्मियों के दौरान आरएसएस पूरे देश में अपने स्वयंसेवकों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करता है. तृतीय वर्ष का अंतिम प्रशिक्षण शिविर संघ के मुख्यालय नागपुर में आयोजित किया जाता है. अक्सर तृतीय वर्ष प्रशिक्षण हासिल करने के बाद ही किसी स्वयंसेवक को आरएसएस का प्रचारक बनने के योग्य माना जाता है.

Retrieved from(websites).

comments powered by Disqus