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1 March 2018

मप्र में वर्ष 2018-19 का आखिरी विधानसभा बजट हुआ पेश

मप्र बजट 2018-19 मुख्य अंश

भोपाल: वित्तमंत्री जयंत मलैया ने बुधवार को विधानसभा में साल 2018-19 का बजट पेश किया. इस बार 2,04,642 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया. बजट में 26,780 करोड़ रुपए का घाटा दर्शाया गया है. पेंशन में 10 फीसदी बढोत्तरी का प्रस्ताव रखा गया है. अध्यापक संवर्ग को समाप्त कर शिक्षक बनाने की घोषणा. जबलपुर में राज्य कैंसर सेंटर का निर्माण होगा. इंदौर-भोपाल के बीच 6 लेन के एक्सप्रेस-वे के निर्माण को सैद्धान्तिक मंजूरी दी गई है. जबलपुर, सागर, ग्वालियर शहरों में बायपास बनाया जाएगा. तीन हजार किमी सड़कें बनाई जाएंगी.

इस बजट में खेती, कर्मचारियों, स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी पर खास जोर दिया गया है. राज्य की वर्तमान विधानसभा का यह अंतिम बजट है. भाजपा सरकार का यह 14वां और वित्तमंत्री मलैया का पांचवां बजट है.

कृषि क्षेत्र के लिए 37,498 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. किसानों के लिए मुख्यमंत्री समाधान ऋण योजना शुरू की जाएगी. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान. मुख्यमंत्री भावातंर भुगतान योजना के लिए 2 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे. मत्स्य पालन के लिए 90.89 करोड़ रुपए बजट मे आवंटित किए गए हैं. बिजली के क्षेत्र में 83 करोड़ की योजनाएं चलाई जाएंगी.

राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में 10 बिस्तर का अस्पताल खोलने पर अनुदान देगी. देश में स्वास्थ्य सेवा में मप्र 17वे नंबर पर है. सुविधा को अधिक मजबूत करने के लिए प्रदेश में 6 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे. लोक स्वास्थ्य के लिए 5,689 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. बजट में पीने के पानी के लिए ग्रामीण क्षेत्र में 2,986 करोड़ और शहरी क्षेत्र के लिए 697 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.

महिला सशक्तिकरण के लिए 909 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए 9,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. आकांक्षा योजना के तहत निशुल्क शिक्षा का प्रावधान किया गया है. पुलिस आवास योजना के लिए 240 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. स्वच्छ भारत मिशन में शहरी क्षेत्र के लिए 395 करोड़ रु का प्रावधान किया है. स्कूल शिक्षा के लिए 21,724 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है. मध्यप्रदेश में 720 नये हाईस्कूल और 480 नये हायर सेकंडरी स्कूल खोले जाएंगे.

अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 31.18 करोड़ और तकनीकी शिक्षा एवं कौशल संवर्धन के लिए 1501 करोड़ रुपए का बजट अलॉट किया गया है. अतिथि शिक्षक व अतिथि विद्वानों का वेतन बढ़ेगा. स्वरोजगार योजना में लोन की सीमा 1 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपए कर दी गई है. स्वरोजगार के लिए 774 करोड़ का प्रावधान किया गया है.

माइक्रो सिंचाई परियोजना के लिए 397 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. अल्पकालिक कर्ज चुकाने को डिफाल्टर किसानों के लिए समझौता योजना के तहत 350 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. किसानों को कर्ज चुकाने की अंतिम तारीख 28 मार्च से बढ़ाकर 27 अप्रैल की गई है. पूरक पोषण आहार की आपूर्ति का काम महिला स्वसहायता समूह को सौंपा जाएगा, 3,722 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. आयुष शिक्षा के लिए 413 करोड़ का प्रावधान है. प्रदेश के निकायों की सभी परियोजनाओं के लिए 11,932 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

मध्य प्रदेश के 7 शहरों में स्मार्ट सिटी बनाने की योजना बनाई गई है. हॉर्टिकल्चर के लिए 1158 करोड़ रुपए का प्रावधान. पशुपालन के लिए 1038 करोड़ रुपए का प्रावधान है.

वित्त मंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश की विकास दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है. देश की अर्थव्यवस्था में राज्य का हिस्सा अब बढ़कर 3.84% हो गया है. बजट भाषण के दौरान कांग्रेस ने पकौड़े का मुद्दा उठाया तो वित्त मंत्री ने कहा पकौड़े बनाना अच्छा काम, आपको समझ में नहीं आएगा.

सत्ताधारी भाजपा सरकार का यह आखिरी चुनावी बजट है. 5 महीने बाद ही राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. राजस्थान, अटेर, चित्रकूट के बाद कोलारस और मुंगावली विधानसभा में कांग्रेस पार्टी ने जीत का परचम लहराया.

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