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2 May 2018

पत्रकार ज्योतिर्मय डे हत्याकांड में गेंगेस्टर राजन को उम्रकैद

पत्रकार हत्याकांड राजन को उम्रकैद

मुंबई: पत्रकार जेडे हत्याकांड में विशेष मकोका अदालत ने गैंगेस्टर छोटा राजन और 8 अन्य को उम्रक़ैद की सजा सुनाई. यह मामला अदालत में सात साल से चल रहा था. नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद राजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये इस क़ानूनी प्रक्रिया का हिस्सा बना. न्यायाधीश द्वारा दोषी क़रार दिए जाने और पूछे जाने पर कि क्या वह कुछ कहना चाहता है, के जवाब में उसने कहा, ठीक है. एक दोषी दीपक सिसौदिया को शस्त्र अधिनियम के तहत सात-साल की जेल की अतिरिक्त सज़ा दी गई. उसकी दोनों सज़ा साथ-साथ चलेगी.

अदालत ने राजन को उकसाने के आरोप में पूर्व पत्रकार जिग्ना वोरा को बरी कर दिया. पॉलसन जोसेफ को भी बरी कर दिया गया. उन पर साज़िश से जुड़े वित्तीय लेन-देन का आरोप था.

अदालत ने कहा कि यह निर्मम हत्या थी. आरोपियों को भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम तथा मकोका की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया और 5 से 20 लाख रु तक का जुर्माना भी लगाया.

गौरतलब है की 11 जून 2011 को पवई में 56 वर्षीय डे की गोली मार कर हत्या कर दी थी. मुंबई के रहने वाले ज्योतिर्मय एक मिड डे न्यूज़ पेपर में बतौर वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर काम करते थे. माफिया डॉन राजेंद्र एस निखलजे ऊर्फ छोटा राजन जेडे द्वारा लिखे गए कुछ लेखों से कथित तौर पर गुस्से में था. जेडे की एक नियोजित पुस्तक से भी वह चिढ़ा हुआ था, जिसमें राजन को एक 'चिंदी' अपराधी के रूप में पेश किया गया था.

इस मामले में राजन, शूटर सतीश जोसेफ उर्फ सतीश कालिया और जिग्ना वोरा समेत कुल 12 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. अभियुक्तों में से एक विनोद असरानी की 2015 में मुक़दमे के दौरान ही लंबी बीमारी के चलते मौत हो गई थी.

अभियोजन पक्ष ने यह कहते हुए मामले के दोषियों के लिए अधिकतम सज़ा की मांग की कि जेडे एक पत्रकार थे जो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का प्रतिनिधित्व करते थे.

गेंगेस्टर छोटा राजन को 25 अक्टूबर, 2015 में इंडोनेशिया के बाली हवाई अड्डे से गिरफ़्तार करके भारत लाया गया था. पिछले साल दिल्ली की एक अदालत ने राजन को फ़र्ज़ी पासपोर्ट के एक मामले में दोषी क़रार दिया था और सात साल क़ैद की सज़ा सुनाई थी. उस पर 17 लोगों की मौत का आरोप, नशीली दवाओं की तस्करी, कब्ज़े और अवैध हथियारों के इस्तेमाल के भी आरोप है.

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